अल्मोड़ा: जिले के जंगल लंबे समय से धधक रहे हैं. वनाग्नि के कारण यहां पूरे वातावरण में धुंध छाई हुई है. वातावरण में छाई इस धुंध के कारण जहां दमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. वहीं, धुंध के कारण विजिबिलिटी कम होने से पहाड़ के प्राकृतिक नजारों के दर्शन भी नहीं हो पा रहे हैं. इससे इस पर्यटन सीजन में बाहर से आ रहे पर्यटक भी मायूस नजर आ रहे हैं.
अल्मोड़ा में लगातार वनाग्नि की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक 300 हेक्टेयर से अधिक वन संपदा आग में जल चुकी है. जंगल की आग का असर पूरे पर्यावरण में देखने को मिल रहा है, जिसके कारण पूरे वातावरण में इन दिनों धुंध छाई हुई है.
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इस धुंध से सांस, आंख और स्किन के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में ईएनटी विशेषज्ञ हरीश चंद्र गड़कोटी ने बताया कि आग के कारण छाई इस धुंध से दमा एवं सांस के रोगियों की दिक्कतें बढ़ गयी हैं.