अल्मोड़ा: जिले के धौलादेवी विकासखंड के काफलीखान एवं भिकियासैंण के विभिन्न इलाकों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है. ओलावृष्टि से खेतों में लगे फलदार पेड़ों में लगे बौर नष्ट हो गए हैं. वहीं रबी की फसलें बर्बाद हो गई हैं. जिसके बाद काश्तकारों के चेहरे मुरझाए हुए हैं और वह इस नुकसान की भरपाई शासन प्रशासन से करने की उम्मीद लगा रहे हैं.
बीते दिन सुबह से ही आकाश में हल्के बादल थे, लेकिन दोपहर बाद अचानक मौसम ने करवट बदली. तेज हवाओं के बाद आकाश में काले बादल घिर आए. वहीं शाम को जिला मुख्यालय में बारिश हुई, लेकिन इसी दौरान धौलादेवी ब्लॉक के काफलीखान क्षेत्र में करीब एक घंटे तक तेज हवाओं के साथ भारी ओलावृष्टि हुई. जिससे जमीन में करीब एक फीट तक ओले जमा हो गए. ओलावृष्टि से रबी की फसल एवं फलदार वृक्षों को नुकसान हुआ है. वहीं तापमान में गिरावट आ गई है. धौलादेवी ब्लॉक के काफली, लधौली, गैराड़ गुरणा, दुनाड़, जाटा, पोखरी आदि गांव प्रभावित हुए.
यहां ओलावृष्टि से गेहूं की फसल, बागवानी, सब्जी को काफी नुकसान पहुंचा है. इस समय फलदार पेड़ों में फूलों का सीजन होता है. पूलम, आड़ू, नाशपाती, सेब, खुमानी, माल्टा, नारंगी, नींबू, संतरा आदि के पेड़ फूलों से लदे थे, लेकिन ओलावृष्टि से पेड़ों में लगे फूल पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं. काश्तकारों ने उद्यान विभाग एवं कृषि विभाग के अधिकारियों से मौका मुआयना करने की मांग की है.
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विकासनगर में भारी ओलावृष्टि: अचानक बदले मौसम ने एक बार फिर जौनसार बावर चकराता क्षेत्र के किसानों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. भारी ओलावृष्टि से तापमान में कमी देखने को मिल रही है. वहीं खेतों में खड़ी मटर और अन्य फसलों को भारी ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है. ग्रामीण किसान ओलावृष्टि को देखकर काफी अचंभित हैं. किसानों का कहना है कि ऐसी ओलावृष्टि पहले कभी नहीं हुई. ग्राम भूरायला के ग्रामीण ध्यान सिंह, अमर सिंह, रणसिंह, जवाहर सिंह आदि ने बताया कि क्षेत्र के आसपास के कई गांव में भारी ओलावृष्टि हुई है. जिससे ग्रामीण किसानों को काफी नुकसान हुआ है. वहीं बागवानों को भी इस ओलावृष्टि से काफी नुकसान देखने को मिला है. आधे घंटे की इस भारी ओलावृष्टि से किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. साथ ही किसानों ने मुआवजे की मांग की है.