सोमेश्वरः त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को संपन्न हुए करीब 6 महीने होने को है, लेकिन अभी तक ग्राम पंचायतों में मनरेगा, राज्य और केंद्र वित्त मद से होने वाले विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं. इसी कड़ी में ग्राम प्रधान संगठन की एक बैठक आयोजित की गई. जिसमें संगठन ने आरोप लगाया कि तहसील दिवस और बीडीसी में सदस्यों के द्वारा उठाए गए मामलों पर प्रशासन लापरवाह बना है. तहसील कार्यालय में न तो स्थायी एसडीएम नियुक्त है और न ही तहसीलदार की तैनाती की गई है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सोमेश्वर के रामलीला मंच में ग्राम प्रधान संगठन की एक बैठक संपन्न हुई. जिसमें ग्राम प्रधानों ने चुनाव के छह महीने बीत जाने के बाद भी विकास कार्यों को गति देने की दिशा में और तहसील दिवस और बीडीसी बैठक में उठाए गए मामलों का निस्तारण न होने पर कड़ा रोष जताया. मनरेगा समेत ग्राम पंचायतों के अन्य विकास कार्यों के आगणन और भुगतान के लिए विभागीय अवर अभियंताओं की व्यवस्था करने, ग्राम पंचायतों को मिलने वाला केंद्र और राज्य वित्त की राशि मे की गई कटौती को वापस लेने की मांग की गई.
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ग्राम प्रधानों की मांगें-
- तहसील कार्यालय में एसडीएम और तहसीलदार की स्थायी नियुक्ति कर नियमित जनता दरबार लगाए जाए.
- ताकुला ब्लॉक कार्यालय की सड़क को दुरुस्त किया जाए.
- सोमेश्वर में हफ्ते के तीन दिन ब्लॉक संबंघी कार्यों का शिविर लगाने.
- मनरेगा योजना के तहत 2019-20 के कार्यों का लंबित भुगतान शीघ्र करने.
- क्षेत्र में कई सालों से रूके हुए विकास कार्यों को शुरू करने.
- स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने.
- बदहाल सड़कों को ठीक करने के अलावा कई मुद्दों पर कार्रवाई करने की मांग की.
वहीं, ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष रणजीत सिंह नयाल ने कहा कि वर्तमान में एक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के जिम्मे कई गांवों का कार्यभार है. ग्राम विकास अधिकारियों की कमी के कारण ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव समय पर पारित नहीं हो पा रहे हैं. साथ ही उनका आगणन भी नहीं बन रहा है. इसके अलावा ऑनलाइन प्रक्रिया में लंबा समय लगने के कारण गांव के विकास कार्य शुरू ही नहीं हो पा रहे.