देहरादून/अल्मोड़ाः देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (indira gandhi birth anniversary) की आज 104वीं जयंती है. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने स्वर्गीय इंदिरा गांधी को याद किया. साथ ही उन्होंने इंदिरा गांधी को दुर्गा का प्रतीक भी बताया. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने देश की अखंडता और एकता के लिए अपने प्राण दिए थे.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज स्वर्गीय इंदिरा गांधी के जन्मदिवस पर उन्हें याद करते हुए समस्त लोकतांत्रिक ताकतों और कांग्रेसजनों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी व्यक्तित्व के धनी महिला थीं. देश ही नहीं बल्कि, पूरी दुनिया के सर्वकालिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री रहीं. हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने भारत के गौरव को बढ़ाया और महिलाओं को एक शीर्ष स्थान पहुंचाया. जिसे दुर्गा कहा जाता है, वो दुर्गात्व की प्रतीक थीं.
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पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) ने कहा कि यह शब्द संसद में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के इंदिरा गांधी के प्रति रहे. जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी की तुलना दुर्गा से की थी. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने देश की अखंडता और एकता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. ऐसे में कांग्रेस उन्हें नमन करती है.
अल्मोड़ा में कांग्रेसियों ने इंदिरा गांधी को दी श्रद्धांजलिः अल्मोड़ा पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेसियों (uttarakhand congress) ने स्व. इंदिरा गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और देश के प्रति उनके योगदान को याद किया. इस दौरान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में कई साहसिक कार्य किए.
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भारत-पाक युद्ध के दौरान इंदिरा ने बॉर्डर पर जाकर सेना का मनोबल बढ़ाया और पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश बनाया था. इंदिरा अपने साहसिक फैसलों से ही पूरी दुनिया में आयरन लेडी (iron lady indira gandhi) के नाम से जानी जाती थीं. उन्होंने कहा कि आज स्व. इंदिरा गांधी के कार्यों को स्मरण करने का दिन है और यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
'ऑयरन लेडी' इंदिरा गांधीः इंदिरा गांधी एक ऐसी बुलंद शख्सियत का नाम है, जिनके भीतर कमाल की राजनीतिक दूरदर्शिता थी. उनके तेज-तर्रार और कड़े फैसलों के कारण उन्हें 'आयरन लेडी' के तौर पर जाना जाता था. 1975 में आपातकाल की घोषणा हो या 1974 का पोखरण विस्फोट या फिर बैंकों का राष्ट्रीयकरण, इंदिरा के ऐसे कड़े फैसलों के लिए जानी जाती हैं. इन फैसलों के कारण देश में हर तरफ इंदिरा ही इंदिरा नजर आती थीं.
पंडित जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) की बेटी इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को हुआ. इंदिरा ने अपने पिता से ही राजनीति का ककहरा सीखा और 1938 में वह इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुईं. यूं तो उन्हें राजनीति विरासत में मिली, जिसकी वजह से सियासी उतार-चढ़ाव को भी वह बखूबी समझती थीं. पिता नेहरू के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी में इंदिरा की छवि बदल गई. पार्टी कार्यकर्ता और देश की जनता उनमें एक नेत्री को देखने लगा.
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इंदिरा गांधी ने लिए कड़े फैसलेः लाल बहादूर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना व प्रसारण मंत्री बनीं इंदिरा 1966 में देश के सबसे प्रभावशाली पद प्रधानमंत्री (3rd prime minister of India) पर आसीन हुईं. 5 सितंबर 1967 से 14 फरवरी 1969 तक उन्होंने विदेश मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला. 1975 में आपातकाल (Emergency) की घोषणा हो या 1974 का पोखरण विस्फोट (Pokhran) या फिर बैंकों का राष्ट्रीयकरण (nationalization of banks), इंदिरा के ऐसे कड़े फैसलों के लिए जानी जाती हैं. इन फैसलों के कारण देश में हर तरफ इंदिरा ही इंदिरा नजर आती थीं.