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अल्मोड़ा: आतंक का पर्याय बन चुके गुलदार का अंत, लोगों ने ली राहत की सांस - अल्मोड़ा हिंदी समाचार

वन विभाग की टीम ने बीती देर रात आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर गुलदार को मार गिराया है. वहीं, आज सुबह उसका शव बरामद हो गया है, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली.

almora
गुलदार को उतारा गया मौत के घाट
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Published : Oct 6, 2020, 11:30 AM IST

अल्मोड़ा: जिले के भिकियासैंण के बाड़ीकोट क्षेत्र में पिछले महीने आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर गुलदार ने मासूम बच्ची को अपना निवाला बना लिया था. बीती देर रात शिकारियों ने आदमखोर गुलदार को गोली मारी थी, लेकिन ज्यादा अंधेरा होने की वजह से उसका शव नहीं बरामद हुआ था. वहीं, आज यानी मंगलवार की सुबह गुलदार का शव बरामद कर लिया गया है, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली.

बता दें कि 19 सितंबर की देर शाम भिकियासैंण नगर पंचायत के गांधी नगर वॉर्ड स्थित बाड़ीकोट में घर के बाहर खेल रही एक 7 वर्षीय दिव्या नाम की बालिका को गुलदार उठा ले गया था. परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन वो नहीं मिली. वहीं, दूसरे दिन बालिका का शव झाडिय़ों में पड़ा मिला, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने वन विभाग से गुलदार को आदमखोर घोषित करने की मांग की थी. वन विभाग की सिफारिश के बाद 23 सितंबर को वन्यजीव प्रतिपालक ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया था, जिसके बाद जाने माने शिकारी लखपत सिंह रावत समेत कई शिकारियों को आदमखोर गुलदार को मारने के काम मे लगाया गया था.

ये भी पढ़ें: शिक्षा मंत्रालय ने दोबारा स्कूल खोलने के लिए जारी किए दिशानिर्देश

वहीं, बीती देर रात शिकारियों ने 300 गज की दूरी से गुलदार पर दो निशाने दागे, गोलियां गुलदार की पीठ और कंधे को पार कर गईं. गोलियां लगने के बाद गुलदार ढलान वाली पहाड़ी की झाड़ियों में जा घुसा. घायल होने के बाद उसके आक्रामक होने की आशंका के चलते पूरे इलाके में अलर्ट घोषित कर दिया गया था. निगरानी के लिए 13 सदस्यीय विभागीय टीम मुस्तैद कर दी गई थी. लेकिन अंधेरा अधिक होने की वजह से आदमखोल गुलदार का शव नही मिल पाया था. लेकिन आज सुबह गुलदार का शव बरामद हो गया, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली.

अल्मोड़ा: जिले के भिकियासैंण के बाड़ीकोट क्षेत्र में पिछले महीने आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर गुलदार ने मासूम बच्ची को अपना निवाला बना लिया था. बीती देर रात शिकारियों ने आदमखोर गुलदार को गोली मारी थी, लेकिन ज्यादा अंधेरा होने की वजह से उसका शव नहीं बरामद हुआ था. वहीं, आज यानी मंगलवार की सुबह गुलदार का शव बरामद कर लिया गया है, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली.

बता दें कि 19 सितंबर की देर शाम भिकियासैंण नगर पंचायत के गांधी नगर वॉर्ड स्थित बाड़ीकोट में घर के बाहर खेल रही एक 7 वर्षीय दिव्या नाम की बालिका को गुलदार उठा ले गया था. परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन वो नहीं मिली. वहीं, दूसरे दिन बालिका का शव झाडिय़ों में पड़ा मिला, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने वन विभाग से गुलदार को आदमखोर घोषित करने की मांग की थी. वन विभाग की सिफारिश के बाद 23 सितंबर को वन्यजीव प्रतिपालक ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया था, जिसके बाद जाने माने शिकारी लखपत सिंह रावत समेत कई शिकारियों को आदमखोर गुलदार को मारने के काम मे लगाया गया था.

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वहीं, बीती देर रात शिकारियों ने 300 गज की दूरी से गुलदार पर दो निशाने दागे, गोलियां गुलदार की पीठ और कंधे को पार कर गईं. गोलियां लगने के बाद गुलदार ढलान वाली पहाड़ी की झाड़ियों में जा घुसा. घायल होने के बाद उसके आक्रामक होने की आशंका के चलते पूरे इलाके में अलर्ट घोषित कर दिया गया था. निगरानी के लिए 13 सदस्यीय विभागीय टीम मुस्तैद कर दी गई थी. लेकिन अंधेरा अधिक होने की वजह से आदमखोल गुलदार का शव नही मिल पाया था. लेकिन आज सुबह गुलदार का शव बरामद हो गया, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली.

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