अल्मोड़ाः सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा का दशहरा विश्व प्रसिद्ध है. इस दशहरा को देखने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं. यहां रावण परिवार के सदस्यों के दर्जनों पुतलों का निर्माण स्थानीय कलाकार करते हैं. वहीं, दशहरा के दिन रावण परिवार के पुतलों को बाजार मार्ग में घूमाया जाता है. शाम को इन पुतलों का दहन स्थानीय स्टेडियम में किया जाता है. इस दौरान रावण परिवार के पुतलों के सबसे पीछे नंदा देव रामलीला कमेटी की ओर से भगवान श्रीराम की भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है.
इस बार भी दशहरा पर्व को भव्य बनाने के लिए विभिन्न मोहल्लों के लोग कई हफ्तों से जुटे हैं. बीते सालों में रावण परिवार के 32 पुतलों का निर्माण किया जाता रहा है, लेकिन इस बार केवल 15 पुतलों का निर्माण विभिन्न पुतला समितियां कर रही हैं, जो अपने अंतिम चरण में है. अल्मोड़ा दशहरा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अजीत कार्की ने बताया कि इस बार स्थानीय स्टेडियम मे निर्माण कार्य होने के कारण रावण परिवार के पुतलों का दहन सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा के जंतु विज्ञान विभाग के आगे स्थित मैदान में किया जाएगा.
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इस बार जगह की कमी होने की वजह से केवल 15 कलात्मक पुतलों का निर्माण किया गया है. दशहरा के दिन मॉल रोड स्थित कार पार्किंग के सामने 3 बजे उद्घाटन कर पुतलों को बाजार मार्ग के लिए रवाना किया जाएगा. जो एलआर साह रोड होते हुए मिलन चौक, लाला बाजार, चौक बाजार, कचहरी बाजार, थाना बाजार होकर कैंट रोड से एसएसजे परिसर के जंतु विज्ञान विभाग के मैदान पहुंचेगा. जहां पर भगवान श्रीराम की ओर से रावण की नाभि में तीर मार कर उसका वध करेंगे. जिसके बाद शाम 7 बजे से पुतलों का दहन होगा.
वहीं, रात 8 बजे से राजकीय इंटर कॉलेज अल्मोड़ा के मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. जिसमें विभिन्न स्कूली बच्चों के नृत्य स्पर्धा होगी. वहीं, बाहर से आए कलाकार अपनी आवाज के माध्यम से सुरों का जादू बिखेरेंगे. प्रतियोगिता में अव्वल आने वाले प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार दिया जाएगा. वहीं, उत्कृष्ट पुतलों को भी समिति पुरस्कृत करेगी. उधर, जिला प्रशासन की ओर से जीआईसी मैदान तक सड़क निर्माण करने का आश्वासन दिया गया है.