अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा का ऐतिहासिक दशहरा महोत्सव उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि पूरे देश और विदेश में प्रसिद्ध है. असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक कहे जाने वाले दशहरा पर्व पर रावण के परिवार के 15 कलात्मक पुतलों का निमार्ण स्थानीय कलाकारों द्वारा किया गया है. मॉल रोड पर नगर पालिका की पार्किंग के पास सभी पुतलों को एकत्रित किया गया, जिन्हें बाजार मार्ग के लिए रवाना किया गया. इसमें नंदा देवी रामलीला कमेटी की ओर से बनाई गई भगवान श्री राम की झांकी भी शामिल हुई. पुतलों को सोबन सिंह जीना परिसर के जंतु विज्ञान विभाग के मैदान में ले जाया गया, जहां देर रात इन पुतलों का दहन किया जाएगा.
अल्मोड़ा के दशहरा महोत्सव को देखने पहुंचते हैं देश विदेश से पर्यटक: इन पुतलों के सबसे पीछे नंदा देवी रामलीला कमेटी का भगवान श्री राम का डोला शोभामान था. अल्मोड़ा का दशहरा साम्प्रदायिकता सौहार्द का प्रतीक है. इस दौरान अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा ने कहा कि अल्मोड़ा के दशहरा महोत्सव को देखने के लिए देश विदेश से पर्यटक यहां पहुंचते हैं. स्थानीय कलाकारों द्वारा अल्मोड़ा में बनाये जाने वाले रावण परिवार के पुतले कलात्मकता होते हैं. ऐसी कलात्मकता पूरे देश में कही भी नहीं दिखाई देती. उन्होंने सभी देश और प्रदेशवासियों को दशहरा की बधाई दी.
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एसएसजे के जंतु विज्ञान विभाग के मैदान में होगा रावण दहन: अल्मोड़ा दशहरा समिति के अध्यक्ष अजीत कार्की ने कहा कि स्थान की कमी के कारण इस वर्ष रावण परिवार के केवल 15 पुतलों का निर्माण विभिन्न पुतला समितियों ने किया है. अल्मोड़ा का दशहरा पूरे देश में हिमाचल के कुल्लू और मनाली के बाद तीसरे स्थान पर है. उन्होंने कहा कि पुतलों को बाजार मार्ग से होते हुए एसएसजे के जंतु विज्ञान विभाग के मैदान में दहन किया जाएगा. वहीं रावण का बध नंदा देवी रामलीला के डोले में शोभायमान श्री राम करेंगे.
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