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मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल के कारण ग्राम पंचायतों में विकास कार्य पड़े ठप - Someshwar MNREGA employees strike

विभागीय समायोजन की मांग को लेकर 15 मार्च से मनरेगा कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर हैं. कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़े हैं.

Someshwar
सोमेश्वर
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Published : Apr 4, 2021, 2:12 PM IST

सोमेश्वर: विभागीय समायोजन की मांग को लेकर 15 मार्च से मनरेगा कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर हैं. कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़े हैं. ग्राम प्रधान संगठन ताकुला और सोमेश्वर के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन भेजकर शीघ्र मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त कराने की मांग की है.

बता दें कि 15 मार्च से मनरेगा कर्मचारी विभागीय समायोजन की मांग को लेकर पिछले 15 मार्च से कार्य बहिष्कार पर हैं. लेकिन शासन-प्रशासन उनकी हड़ताल को समाप्त कराने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठा रहा है. जिसको लेकर ग्राम प्रधान संगठन ताकुला और सोमेश्वर के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन भेजकर शीघ्र मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त कराने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दी है कि शीघ्र हड़ताल समाप्त नहीं हुई तो ग्राम प्रधान संगठन भी मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन में उतरेगा.

पढ़ें:रात्रि चौपाल में CM ने सुनीं उत्तरकाशी के ग्रामीणों की समस्याएं, 18 शिकायतों का निस्तारण

वहीं, ग्राम प्रधान संगठन ताकुला के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि सरकार ने पिछले वर्ष मनरेगा जॉब कार्ड धारकों को 150 दिन प्रतिवर्ष रोजगार देने की जो घोषणा की है, वह भी हड़ताल के कारण पूरी नहीं हो पा रही है. हालात यह है कि ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत नए विकास कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं. जो विकास कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनका श्रमिकों को भुगतान नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा हर गांव में मनरेगा श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं.

वहीं,ग्राम प्रधान संगठन सोमेश्वर के महासचिव कैलाश चंद्र जोशी ने मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन भेजकर मनरेगा कर्मियों की हड़ताल को शीघ्र समाप्त करने और गांव में ठप पड़े विकास कार्यों को शुरू करने की मांग की है.

सोमेश्वर: विभागीय समायोजन की मांग को लेकर 15 मार्च से मनरेगा कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर हैं. कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़े हैं. ग्राम प्रधान संगठन ताकुला और सोमेश्वर के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन भेजकर शीघ्र मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त कराने की मांग की है.

बता दें कि 15 मार्च से मनरेगा कर्मचारी विभागीय समायोजन की मांग को लेकर पिछले 15 मार्च से कार्य बहिष्कार पर हैं. लेकिन शासन-प्रशासन उनकी हड़ताल को समाप्त कराने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठा रहा है. जिसको लेकर ग्राम प्रधान संगठन ताकुला और सोमेश्वर के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ज्ञापन भेजकर शीघ्र मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त कराने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दी है कि शीघ्र हड़ताल समाप्त नहीं हुई तो ग्राम प्रधान संगठन भी मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन में उतरेगा.

पढ़ें:रात्रि चौपाल में CM ने सुनीं उत्तरकाशी के ग्रामीणों की समस्याएं, 18 शिकायतों का निस्तारण

वहीं, ग्राम प्रधान संगठन ताकुला के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि सरकार ने पिछले वर्ष मनरेगा जॉब कार्ड धारकों को 150 दिन प्रतिवर्ष रोजगार देने की जो घोषणा की है, वह भी हड़ताल के कारण पूरी नहीं हो पा रही है. हालात यह है कि ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत नए विकास कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं. जो विकास कार्य पूर्ण हो चुके हैं उनका श्रमिकों को भुगतान नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा हर गांव में मनरेगा श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं.

वहीं,ग्राम प्रधान संगठन सोमेश्वर के महासचिव कैलाश चंद्र जोशी ने मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन भेजकर मनरेगा कर्मियों की हड़ताल को शीघ्र समाप्त करने और गांव में ठप पड़े विकास कार्यों को शुरू करने की मांग की है.

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