अल्मोड़ाः गरीबों को राहत देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले हैं, लेकिन इन जन औषधी केंद्र की उपयोगिता को डॉक्टर ही खत्म करने में जुटे हुए हैं. ऐसा ही नजारा अल्मोड़ा जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है. जहां अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को बाजार की महंगी दवाइयां लिख रहे हैं. जिस कारण प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में हर साल लाखों की दवाइयां एक्सपायर हो रही है. जिसका फायदा ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गरीब मरीजों को नहीं मिल पा रहा है.
बता दें कि जन औषधि केंद्र में बाजार की अपेक्षा सस्ती दवाएं मिलती हैं. गरीबों को सस्ती दरों में दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने हर अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोले हैं. अल्मोड़ा जिला अस्पताल में लोगों की ओर से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कई डॉक्टर जन औषधि केंद्र की दवाएं नहीं लिख रहे हैं. जिससे कई बार जन औषधि केंद्र में उपलब्ध दवाएं पड़ी रह जाती हैं. जन औषधि केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक इस बीच वहां हजारों रुपये की दवाएं की एक्सपायर तिथि पर निकल गई हैं और इन दवाओं को हटाया जा रहा है.
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जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र के फार्मासिस्ट सुभम दुर्गापाल का कहना है कि यहां उसी सॉल्ट की दवाई मौजूद होने के बावजूद भी अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को बाजार की महंगी दवाइयां लिख रहे हैं. जिस कारण यहां हर साल लाखों की दवाइयां एक्सपायर हो रही है. उनका कहना है कि जबकि बाजार की दवाइयों से यहां की दवाइयां काफी सस्ती हैं, लेकिन डॉक्टर फिर भी गरीब मरीजों को बाहर की दवाइयां लिख रहे हैं.
वहीं, स्थानीय निवासी दिनेश जोशी का कहना है कि यह एक प्रचलन बन गया है कि सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर मरीजों को बाजार की दवाइयां लिख रहे हैं. जबकि भारत सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए सस्ती दरों में दावा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र खोले हैं.