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तीन साल से पेंशन के लिए भटक रहा दिव्यांग, कुंभकर्णी नींद में प्रशासन

सोमेश्वर में एक दिव्यांग तीन साल से पेंशन के लिए भटक रहा है और प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है.

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Published : Dec 7, 2020, 3:54 PM IST

Updated : Dec 7, 2020, 4:58 PM IST

Divyang is wandering
तीन साल से पेंशन के लिए भटक रहा दिव्यांग

­सोमेश्वर: तहसील के कोटुली ग्राम पंचायत के मदन सिंह नयाल पिछले 3 वर्षों से कुर्सी में बैठकर कष्टकारी जीवन जी रहे हैं. सरकार ने उन्हें अंत्योदय श्रेणी का राशन कार्ड तो दिया, लेकिन अभी भी मदन सिंह पेंशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं और मुफलिसी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं.

मामला सोमेश्वर तहसील के कोटुली ग्राम पंचायत के दिव्यांग मदन सिंह नयाल से जुड़ा है, जो तीन साल पहले एक हादसे में दोनों पैरों से दिव्यांग हो गए और पिछले 3 सालों से कुर्सी पर कष्टकारी जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

पेंशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं दिव्यांग मदन सिंह.

ये भी पढ़ें: सशस्त्र सेना ध्वज दिवस पर नड्डा और त्रिवेंद्र ने सैनिकों का जताया आभार

मदन सिंह नयाल का कहना है कि उन्होंने अल्मोड़ा, एसटीएच हल्द्वानी और बरेली में कर्ज लेकर उपचार कराया. शासन-प्रशासन से उपचार के लिये आर्थिक सहायता कई बार फरियाद करने के बाद भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली.

मदन सिंह नयाल खुद परिवार का खर्चा चलाते थे और हादसे के बाद से पूरे परिवार के सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है. लेकिन, दिव्यांगता और अन्त्योदय राशन कार्ड होने के बावजूद मदन सिंह को समाज कल्याण विभाग से दिव्यांग पेंशन तक नहीं मिल रही है.

वहीं, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने सरकार से मदन सिंह नयाल को अतिशीघ्र सरकारी सुविधाएं दिए जाने की मांग की है.

­सोमेश्वर: तहसील के कोटुली ग्राम पंचायत के मदन सिंह नयाल पिछले 3 वर्षों से कुर्सी में बैठकर कष्टकारी जीवन जी रहे हैं. सरकार ने उन्हें अंत्योदय श्रेणी का राशन कार्ड तो दिया, लेकिन अभी भी मदन सिंह पेंशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं और मुफलिसी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं.

मामला सोमेश्वर तहसील के कोटुली ग्राम पंचायत के दिव्यांग मदन सिंह नयाल से जुड़ा है, जो तीन साल पहले एक हादसे में दोनों पैरों से दिव्यांग हो गए और पिछले 3 सालों से कुर्सी पर कष्टकारी जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

पेंशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं दिव्यांग मदन सिंह.

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मदन सिंह नयाल का कहना है कि उन्होंने अल्मोड़ा, एसटीएच हल्द्वानी और बरेली में कर्ज लेकर उपचार कराया. शासन-प्रशासन से उपचार के लिये आर्थिक सहायता कई बार फरियाद करने के बाद भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली.

मदन सिंह नयाल खुद परिवार का खर्चा चलाते थे और हादसे के बाद से पूरे परिवार के सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है. लेकिन, दिव्यांगता और अन्त्योदय राशन कार्ड होने के बावजूद मदन सिंह को समाज कल्याण विभाग से दिव्यांग पेंशन तक नहीं मिल रही है.

वहीं, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने सरकार से मदन सिंह नयाल को अतिशीघ्र सरकारी सुविधाएं दिए जाने की मांग की है.

Last Updated : Dec 7, 2020, 4:58 PM IST
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