अल्मोड़ा: उत्तराखंड छात्र संगठन द्वारा आज 'युवाओं के मध्य पर्यावरणीय संकट व युवाओं की भूमिका' पर विमर्श कार्यक्रम आयोजित किया. जिसमें ग्लास्गो में हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन-कॉप 26 में प्रतिनिधत्व कर लौटे नैनीताल उच्च न्यायालय की अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी व जन्मेजय तिवारी ने युवाओं के समक्ष पर्यावरणीय संकट, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि के खतरों को लेकर अपने विचार रखे.
वहीं, इस कार्यक्रम में जन्मेजय व स्निग्धा तिवारी ने जलवायु सम्मलेन से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि युवाओं की पॉलिसी बनाने व निर्णय में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए और इस ओर सरकार को प्रयास करने चाहिए.
इस विमर्श में युवाओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन का संकट हमारे भविष्य व सम्पूर्ण सृष्टि के लिए बहुत बड़ा खतरा है और इसका परिणाम हम आए दिन आ रही आपदाओं के रूप देख रहे हैं. युवाओं ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से, सरकारी प्रयासों व सांगठनिक प्रयासों द्वारा हम पर्यावरण में हो रहे नुकसान को कम कर सकते हैं.
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वहीं, एसएसजे परिसर की छात्रा रीता ने कहा कि हमारे अधिकारों का संरक्षण किया जाए ताकि पर्यावरण को लेकर हम कर्तव्यबद्ध हो सकें. विनोद भट्ट और प्रेम कुमार ने अपनी बात रखते हुए अल्मोड़ा में गंदी नालियों व कूड़े के ढेर को लेकर कहा कि व्यक्तियों व प्रशासन को सजग होकर प्रयास करना होगा. इस विमर्श का संचालन उत्तराखंड छात्र संगठन की हेमा कांडपाल व भारती पांडे ने किया.