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मौसम की मार किसानों पर पड़ी भारी, ओलावृष्टि से फसल हुई बर्बाद

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Published : Jan 19, 2020, 1:32 PM IST

सोमेश्वर क्षेत्र में शनिवार की शाम और रात को जमकर ओलावृष्टि हुई. जिससे सब्जियां, आलू, गेहूं, जौ, मसूर समेत रबी की फसलों का काफी नुकसान पहुंचा है.

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सोमेश्वरः बीते तीन दिनों से बारिश और बर्फबारी किसानों के लिए मुसीबत बनकर बरस रही है. बीते रोज हुई ओलावृष्टि से किसानों की खेती को काफी नुकसान पहुंचा है. जिससे खेतों में खड़ी सब्जियां और अन्य फसल बर्बाद हो गई है. वहीं, फसल खराब होने के बाद किसानों में मायूसी है.

ओलावृष्टि से फसल बर्बाद.

बता दें कि सोमेश्वर क्षेत्र में बीते तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जबकि, शनिवार की शाम और रात को जमकर ओलावृष्टि हुई. इस दौरान कांटली, चनौदा, छानी, ल्वेशाल, टोटाशिलिंग, जीतब, गुरुड़ा, सोमेश्वर, लोद घाटी, रनमन मनान और मनसारी नाला क्षेत्र में ओले गिरने से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.

ये भी पढे़ंः अल्मोड़ाः ग्रामीणों ने पेश की मिसाल, गांव में शराब पर लगाई पाबंदी

इन दिनों किसानों ने खेतों में आलू बोई है. जबकि, सब्जियां और गेहूं, जौ, मसूर समेत रबी की फसलें खेतों में खड़ी है. जो भारी बारिश और ओलावृष्टि से खराब हो गई है. फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने आर्थिकी का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, बारिश और बर्फबारी से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है. जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इतना ही नहीं मवेशियों और परिंदों को भी मौसम की मार झेलनी पड़ रही है.

सोमेश्वरः बीते तीन दिनों से बारिश और बर्फबारी किसानों के लिए मुसीबत बनकर बरस रही है. बीते रोज हुई ओलावृष्टि से किसानों की खेती को काफी नुकसान पहुंचा है. जिससे खेतों में खड़ी सब्जियां और अन्य फसल बर्बाद हो गई है. वहीं, फसल खराब होने के बाद किसानों में मायूसी है.

ओलावृष्टि से फसल बर्बाद.

बता दें कि सोमेश्वर क्षेत्र में बीते तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जबकि, शनिवार की शाम और रात को जमकर ओलावृष्टि हुई. इस दौरान कांटली, चनौदा, छानी, ल्वेशाल, टोटाशिलिंग, जीतब, गुरुड़ा, सोमेश्वर, लोद घाटी, रनमन मनान और मनसारी नाला क्षेत्र में ओले गिरने से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.

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इन दिनों किसानों ने खेतों में आलू बोई है. जबकि, सब्जियां और गेहूं, जौ, मसूर समेत रबी की फसलें खेतों में खड़ी है. जो भारी बारिश और ओलावृष्टि से खराब हो गई है. फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने आर्थिकी का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, बारिश और बर्फबारी से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है. जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इतना ही नहीं मवेशियों और परिंदों को भी मौसम की मार झेलनी पड़ रही है.

Intro:शीतकालीन वर्षा, हिमपात के बाद हुई ओलावृष्टि ने किसानों की खेती को काफी नुकसान पहुंचाया है. शनिवार सायं से रात भर हुई ओलावृष्टि और बरसात ने काश्तकारों की हाल में बोई गई आलू की खेती पर खतरा मंडराने लगा है. आम जनजीवन के अलावा मवेशियों और परिंदों का जीवन भी कष्टमय हो गया है तथा सब्जियों और बागवानी को भी ओले गिरने से नुकसान की सम्भावना है.Body:सोमेश्वर। पिछले तीन दिनों से क्षेत्र में बरसात जारी है और शनिवार को शाम से शुरू हुई ओलावृष्टि रात में भी जारी रही. कई वर्षों बाद हुई लगभग 6 इंच ओलावृष्टि से किसानों की खेती, बागवानी और सब्जियों को भारी क्षति हुई है. गुरुवार दोपहर से लगातार तीन दिनों तक झमाझम बरसात के बाद ऊंची चोटियों में हिमपात हुआ है. कांटली, चनौदा, छानी, ल्वेशाल, टोटाशिलिंग, जीतब, गुरुड़ा, सोमेश्वर, लोद घाटी, रनमन मनान और मनसारी नाला क्षेत्र सहित अन्य स्थानों में खूब बरसात के साथ ओलावृष्टि होने से खेती को नुकसान पहुंचने से किसान मायूस हैं।
ओलावृष्टि के कारण तापमान में गिरावट आ चुकी है और कड़ाके की ठण्ड से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। गिरेछिना, ऐड़ाद्यो, बिनसर, पिनाथेश्वर, ऐकुवा और कौसानी के आस पास के जंगलों की चोटियों में आज भी हिमपात हुआ है।
लगातार हो रही बरसात और हिमपात किसानों की गेहूं, जौ और असिंचित जमीन की फसलों, बागवानी के लिए लाभकारी मानी जा रही थी लेकिन शनिवार को ओलावृष्टि ने इन फसलों को नुकसान पहुंचाया है। हाल में बोयी गई आलू की खेती के लिए ओले नुकसान दायक हैं चूंकि यह बीज को सड़ा देता है।Conclusion:
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