अल्मोड़ा: पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल किसी से छुपा नहीं हैं. वहीं अल्मोड़ा बेस अस्पताल में पिछले तीन सालों से संचालित हो रहे कुमाऊं का एक मात्र हार्ट केयर सेंटर बंद हो गया है. जिससे क्षेत्र के हार्ट रोगियों को शहरों का रुख करने को मजबूर होना पड़ेगा. हार्ट केयर सेंटर के बंद होने पर कांग्रेसियों ने जोरदार विरोध किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चैद्यानपाटा में एकत्र हो कर सरकार का पुतला फूंका.
गौर हो कि साल 2016 से अल्मोड़ा के बेस अस्पताल में संचालित हार्ट केयर सेंटर संचालित हुआ था. 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के साथ करार कर पीपीपी मोड में कार्डिएक यूनिट संचालित किया गया था. नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट ने कार्डिएक यूनिट में दो हृदय रोग विशेषज्ञ, नर्स और तकनीक स्टाफ समेत आधा दर्जन के करीब कर्मचारियों की तैनाती की गई. मशीनें और भवन की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा करने के बाद इस करार के तहत डॉक्टरों समेत अन्य स्टाफ का वेतन भी राज्य सरकार को देना है.
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लेकिन 31 मार्च 2019 को सरकार द्वारा इस इंस्टीट्यूट को लेकर किया गया अनुबंध खत्म हो चुका है. अभी तक पांच माह बीतने पर सरकार द्वारा इस अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाया गया है. वहीं डॉक्टरों और स्टाफ को लंबे समय से सैलरी नहीं दी गई. जिसके बाद बृहस्पतिवार से हार्ट केयर सेंटर बंद हो गया है. नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट द्वारा यह संचालित हार्ट केयर सेंटर में अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर के मरीज इलाज कराने पहुंचते थे. लेकिन हार्ट केयर सेंटर बंद होने के बाद पहाड़ी क्षेत्रों के मरीजों को शहरों का रुख करना पड़ेगा.
स्थानीय लोगों और मरीजों की परेशानियों को देखते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के विरोध में पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हार्ट केयर सेंटर को फिर से बहाल करने की मांग की.