अल्मोड़ा: नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से कोसी नदी में इंटेकवेल का निर्माण किया गया था. बावजूद अल्मोड़ा शहर के लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. यहां बारिश होने के बाद कोसी नदी में गाद जमा होने पर पानी की आपूर्ति ठप्प हो जाती है.
पिछले दिनों हुई बारिश के वजह से कोसी नदी में सिल्ट जमा होने से इंटेकवेल से पानी की आपूर्ति बाधित हो गई. जिसके बाद एक बार फिर इंटेकवेल के निर्माण और गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं. कांग्रेस ने इंटेकवेल की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा दिए एसआईटी जांच के आदेश के बावजूद अब तक परिणाम नहीं आने पर प्रश्न खड़े किए हैं.
बता दें कि अल्मोड़ा नगर की पेयजल समस्या को देखते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में 33 करोड़ की लागत से कोसी बैराज बनाया गया. जिसके बाद वर्तमान की बीजेपी सरकार में कोसी बैराज से पानी की सप्लाई के लिए 11 करोड़ की लागत में इंटेकवेल का निर्माण किया गया. जिसका निर्माण जल निगम द्वारा किया गया.
इंटेकवेल बनने के बाद पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष ने साल 2019 में इंटेकवेल निर्माण में अनिमितता का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इसकी जांच की मांग की थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लेते हुए इसकी एसआईटी जांच करने के निर्देश पेयजल सचिव को दिया था. वहीं, काफी समय बीतने के बाद भी एसआईटी जांच की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आ पाई है.
इन दिनों नगर में पेयजल की आपूर्ति बाधित होने पर कांग्रेस ने इंटेकवेल के निर्माण पर सवाल उठाये हैं. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पीताम्बर पांडे ने कहा कि पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार द्वारा 11 करोड़ की लागत से इंटेकवेल का निर्माण किया गया था, लेकिन इंटेकवेल के निर्माण में बरती गई अनियमितता पर शुरू से ही प्रश्न खड़े हो रहे हैं. जिसकी जांच को लेकर मुख्यमंत्री ने खुद एसआईटी जांच के निर्देश दिए, लेकिन वह एसआईटी जांच कहा गुम हो गई उसका कुछ पता नहीं है.
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वहीं, मामले पर डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान का कहना है कि इंटेकवेल की एसआईटी जांच के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए थे, लेकिन अभी तक एसआईटी जांच क्यों नही हो पाई है. इस मामले में वह पूछताछ करेंगे. करोड़ों की लागत से बने इस बैराज को इसलिये बनाया गया है कि अल्मोड़ा नगर को पानी मिल सके, लेकिन इंटेकवेल की गुणवत्ता खराब होने के कारण पानी सुचारू रूप से सप्लाई नहीे हो पा रहा है. इसकी जांच होगी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.