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रानीखेत: ताड़ीखेत विकासखंड में प्रमुख पद अनारक्षित होने से मचा घमासान

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Published : Nov 1, 2019, 1:41 PM IST

इस बार ताड़ीखेत विकासखंड में ब्लॉक प्रमुख का पद अनारक्षित होने से मुकाबला और रोचक हो गया है. इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस की साख दांव पर लगी हुई है.

चुनाव प्रत्याशियों में घमासान

रानीखेत: ताड़ीखेत विकास खंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम आने के बाद ब्लाॅक प्रमुख पद पर मुकाबला रोचक हो गया है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा निर्दलीय भी अपनी दावेदारी कर रहे हैं. ब्लाॅक प्रमुख पद के दावेदार क्षेत्र पंचायत सदस्यों के लगातार संपर्क में है. साथ ही उम्मीदवारों को पंचायत सदस्यों के पाला बदलने का डर सता रहा है.

बता दें कि इस बार ताड़ीखेत विकासखंड में ब्लाक प्रमुख का पद अनारक्षित होने से मुकाबला और रोचक हो गया है. इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस की साख दांव पर लगी हुई है. ब्लाॅक प्रमुख पद के लिए कांग्रेस पार्टी के दो पदाधिकारी चुनावी मैदान में है. दूसरी बार बीडीसी का चुनाव जीते त्रिभुवन फर्त्याल मैदान में हैं तो दूसरी तरफ पहली बार बीडीसी का चुनाव जीते हीरा रावत भी ब्लॉक प्रमुख के प्रबल दावेदार माने जा रहै हैं. भाजपा की ओर से बीडीसी सदस्य नीरज तिवारी को भी मैदान में उतारा गया है.

ये भी पढ़ें: पिथौरागढ़ उपचुनाव: CM ने प्रकाश पंत की पत्नी के नाम पर लगाई मुहर, किया जीत का दावा

इस बार पंचायत चुनाव में कांग्रेसी नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख रचना रावत हार चुकी हैं. ताड़ीखेत में क्षेत्र पंचायत सदस्य की कुल 40 सीटें हैं. अगर सीधा मुकाबला होता है तो ब्लॉक प्रमुख के लिए 21 सीटों का बहुमत चाहिए. फिलहाल इस पद के लिए सियासत तेज हो गई है.

रानीखेत: ताड़ीखेत विकास खंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम आने के बाद ब्लाॅक प्रमुख पद पर मुकाबला रोचक हो गया है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा निर्दलीय भी अपनी दावेदारी कर रहे हैं. ब्लाॅक प्रमुख पद के दावेदार क्षेत्र पंचायत सदस्यों के लगातार संपर्क में है. साथ ही उम्मीदवारों को पंचायत सदस्यों के पाला बदलने का डर सता रहा है.

बता दें कि इस बार ताड़ीखेत विकासखंड में ब्लाक प्रमुख का पद अनारक्षित होने से मुकाबला और रोचक हो गया है. इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस की साख दांव पर लगी हुई है. ब्लाॅक प्रमुख पद के लिए कांग्रेस पार्टी के दो पदाधिकारी चुनावी मैदान में है. दूसरी बार बीडीसी का चुनाव जीते त्रिभुवन फर्त्याल मैदान में हैं तो दूसरी तरफ पहली बार बीडीसी का चुनाव जीते हीरा रावत भी ब्लॉक प्रमुख के प्रबल दावेदार माने जा रहै हैं. भाजपा की ओर से बीडीसी सदस्य नीरज तिवारी को भी मैदान में उतारा गया है.

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इस बार पंचायत चुनाव में कांग्रेसी नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख रचना रावत हार चुकी हैं. ताड़ीखेत में क्षेत्र पंचायत सदस्य की कुल 40 सीटें हैं. अगर सीधा मुकाबला होता है तो ब्लॉक प्रमुख के लिए 21 सीटों का बहुमत चाहिए. फिलहाल इस पद के लिए सियासत तेज हो गई है.

Intro:
प्रतिष्ठा का सवाल बना ताड़ीखेत प्रमुख का पद
कांग्रेस के दो पदाधिकारी मैदान में ,लगातार संपर्क में है बीडीसी सदस्यों के
रानीखेत। ताड़ीखेत विकास खंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम आने के बाद ब्लाॅक प्रमुख पद पर मुकाबला रोचक होने लगा है। भारतीय जनता पार्टी और कांगे्रस के अलावा निर्दलीय भी अपनी दावेदारी कर रहे हैं। ब्लाॅक प्रमुख पद के दावेदार क्षेत्र पंचायत सदस्यों के लगातार संपर्क में है। बता दें कि इस बार ताड़ीखेत विकासखंड मंे ब्लाॅक प्रमुख का पद अनारक्षित होने से मुकाबला और रोचक हो गया है। भाजपा कांग्रेस के लिए यह प्रतिष्ठा का सवाल बना है। इस चुनाव ने कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है। ब्लाॅक प्रमुख पद के लिए कांग्रेस पार्टी के दो पदाधिकारी मैदान में है। जानकारी के अनुसार दूसरी बार बीडीसी का चुनाव जीते त्रिभुवन फत्र्याल मैदान में हैं वही पहली बार बीडीसी का चुनाव जीते हीरा रावत भी ब्लाॅक प्रमुख के प्रबल दावेदार है। भाजपा के बीडीसी सदस्य नीरज तिवारी भी दावेदार बताये जा रहे हैं। इस बार पंचायत चुनाव में कांग्रेसी नेता पूर्व ब्लाॅक प्रमुख रचना रावत भी चुनाव हार चुकी हैं। ताड़ीखेत में क्षेत्र पंचायत सदस्य की कुल 40 सीटें हैं । यदि सीधा मुकाबला होता है तो प्रमुख के लिए 21 सीटों का बहुमत चाहिए। लोगों का कहना है कि ताड़ीखेत विकासखंड में जिस दल का प्रमुख होता है Body:विधायक भी उस पार्टी का बनता है। आजकल ताड़ीखेत विकास खंड में ब्लाॅक प्रमुख के पद को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
Conclusion:

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