ETV Bharat / state

रानीखेत: KRC के पहले कमांडेंट कर्नल राम सिंह का 102 साल की उम्र में निधन - रानीखेत न्यूज

कमांडेंट कर्नल रामसिंह का 102 साल की आयु में जयपुर में निधन हो गया है. वे राजस्थान के रहने वाले थे और उन्हें रानीखेत से गहरा लगाव था.

कमांडेंट कर्नल रामसिंह का 102 साल की उम्र में निधन.
author img

By

Published : Nov 11, 2019, 1:33 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 3:11 PM IST

रानीखेत: कुमाऊं रेजिमेंट मुख्यालय के पहले कमांडेंट कर्नल राम सिंह का 102 साल की आयु में शनिवार को जयपुर में निधन हो गया है. कमांडेंट कर्नल केआरसी के पहले कमांडेंट कर्नल थे. वे राजस्थान के रहने वाले थे और उन्हें रानीखेत से गहरा लगाव था. इस वजह से वे सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी लंबे समय तक रानीखेत में ही रहे.

गौर हो कि 1959 से 1961 तक कमांडेंट कर्नल राम सिंह कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर के कमांडेंट पद पर रहे. कमांडेंट कर्नल राम सिंह के प्रयासों से ही पहली बार भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट को ध्वज मिला था. राम सिंह मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले थे और वे रिटायर्ड के बाद रानीखेत में ही रहे. चार साल पूर्व उनके परिजन उन्हें अपने साथ जयपुर ले गए और वही उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली.

इसे भी पढ़ें -शहीद स्थल पहुंचे सीएम, मसूरी को दी कई सौगात

सेवानिवृत्त ले. जनरल मोहन चंद्र भंडारी ने बताया कि उनके नेतृत्व में पहली बार कुमाऊं रेजिमेंट को 1961 में ध्वज प्रदान किया था, जो भारतीय सेना को मिलने वाला पहला ध्वज था. इस दौरान राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद स्वयं रानीखेत आये उन्होंने 4 कुमाऊं रेजिमेंट को ध्वज प्रदान किया था.

रानीखेत: कुमाऊं रेजिमेंट मुख्यालय के पहले कमांडेंट कर्नल राम सिंह का 102 साल की आयु में शनिवार को जयपुर में निधन हो गया है. कमांडेंट कर्नल केआरसी के पहले कमांडेंट कर्नल थे. वे राजस्थान के रहने वाले थे और उन्हें रानीखेत से गहरा लगाव था. इस वजह से वे सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी लंबे समय तक रानीखेत में ही रहे.

गौर हो कि 1959 से 1961 तक कमांडेंट कर्नल राम सिंह कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर के कमांडेंट पद पर रहे. कमांडेंट कर्नल राम सिंह के प्रयासों से ही पहली बार भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट को ध्वज मिला था. राम सिंह मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले थे और वे रिटायर्ड के बाद रानीखेत में ही रहे. चार साल पूर्व उनके परिजन उन्हें अपने साथ जयपुर ले गए और वही उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली.

इसे भी पढ़ें -शहीद स्थल पहुंचे सीएम, मसूरी को दी कई सौगात

सेवानिवृत्त ले. जनरल मोहन चंद्र भंडारी ने बताया कि उनके नेतृत्व में पहली बार कुमाऊं रेजिमेंट को 1961 में ध्वज प्रदान किया था, जो भारतीय सेना को मिलने वाला पहला ध्वज था. इस दौरान राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद स्वयं रानीखेत आये उन्होंने 4 कुमाऊं रेजिमेंट को ध्वज प्रदान किया था.

Intro:कुमाऊं रेजिमेंट मुख्यालय रानीखेत के पहले कमांडेंट रहे कर्नल रामसिंह का 102 साल की आयु में रविवार को जयपुर में निधन हो गया है। केआरसी के संस्थापक कमांडेंट माने जाने वाले कर्नल राम सिंह की मृत्यु की सूचना के बाद केआरसी में शोक की लहर है।
कर्नल राम सिंह 1959 से 1961 तक कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर रानीखेत के कमांडेंट पद पर रहे। वह आजादी के बाद केआरसी रानीखेत के पहले कमाडेंट बने। मूलरूप से राजस्थान निवासी राम सिंह का रानीखेत से बेहद लगाव था। रिटायर होने के बाद भी वह रानीखेत में ही रहे चार साल पूर्व उनके परिजन उन्हें अपने साथ जयपुर ले गए। रविवार को उन्होंने जयपुर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
Body:कर्नल राम सिंह के प्रयासों से ही पहली बार भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट को ध्वज मिला था।सेवानिवृत्त ले. जनरल मोहन चंद्र भंडारी ने बताया कि कमाडेंट कर्नल राम सिंह के नेतृत्व में पहली बार कुमाऊं रेजिमेंट को 1961 में ध्वज प्रदान किया था जो भारतीय सेना को मिलने वाला पहला ध्वज था।तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद स्वयं रानीखेत आये उन्होंने रेजिमेंट की 4-कुमाऊं को ध्वज प्रदान किया था।


Conclusion:
Last Updated : Nov 11, 2019, 3:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.