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देवभूमि में नवरात्र की धूम, भव्य रूप से सजे मां दुर्गा के पंडाल

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Published : Oct 4, 2019, 8:39 PM IST

उत्तराखंड में इन दिनों नवरात्र और दुर्गा पूजा की धूम है. प्रदेश में जगह-जगह मां दुर्गा के पंडाल भव्य रूप से सजे हुए हैं. नवरात्र के बाद दसवे दिन मां दुर्गा की मूर्ति नदी में विसर्जित कर महोत्सव का समापन किया जाएगा.

देवभूमि में नवरात्र की धूम.

अल्मोड़ा/नैनीताल: देवभूमि में इन दिनों नवरात्र की धूम देखी जा रही है. साथ ही दुर्गा पूजा को लेकर भी लोग भक्तिमय नजर आ रहे हैं. प्रदेश में जगह-जगह मां दुर्गा के पंडाल सजे हुए हैं, जिसमें देर रात तक भक्त माता के भजनों में सराबोर नजर आ रहे हैं. वहीं, प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रामलीला का मंचन भी किया जा रहा है, जिसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं.

देवभूमि में नवरात्र की धूम.

अल्मोड़ा में दस जगहों पर मां दुर्गा के पंडाल भव्य रूप से सजाए गए हैं. जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं. सुबह से लेकर देर शाम तक यहां माता के भजनों की धूम देखी जा रही है. वहीं, ये सिलसिला पूरे नौ दिन तक चलता है. जिसके बाद दसवे दिन सभी जगह से मां दुर्गा की मूर्ति की झांकी निकालकर उनका क्वारब स्थित कोसी नदी में विसर्जित किया जाता है.

नवरात्र के मौके पर अल्मोड़ा में इन दिनों रामलीला का भी आयोजन किया जा रहा है. अल्मोड़ा की रामलीला कुमाऊं की सबसे पुरानी रामलीला में शुमार है. जिसको देखने के लिए दूर-दूर से भक्त यहां पहुंच रहे हैं.

पढ़ें: बालाकोट में कैसे बरसे थे बम, वायुसेना ने एयर स्ट्राइक पर जारी किया वीडियो

वहीं, नैनीताल में नवरात्र के मौके पर आयोजित होने वाले दुर्गा महोत्सव की तैयारियां पूरी हो गई हैं. मां नंदा देवी मंदिर में मूर्ति निर्माण के लिए पूरी तरह से प्राकृतिक रंग और प्राकृतिक चीजों का प्रयोग किया गया है. जिससे मां दुर्गा की मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है. महोत्सव के आगाज के बाद दशहरे के दिन मां दुर्गा की मूर्ति को नैनी झील में विसर्जित कर महोत्सव का समापन किया जाएगा.

अल्मोड़ा/नैनीताल: देवभूमि में इन दिनों नवरात्र की धूम देखी जा रही है. साथ ही दुर्गा पूजा को लेकर भी लोग भक्तिमय नजर आ रहे हैं. प्रदेश में जगह-जगह मां दुर्गा के पंडाल सजे हुए हैं, जिसमें देर रात तक भक्त माता के भजनों में सराबोर नजर आ रहे हैं. वहीं, प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रामलीला का मंचन भी किया जा रहा है, जिसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं.

देवभूमि में नवरात्र की धूम.

अल्मोड़ा में दस जगहों पर मां दुर्गा के पंडाल भव्य रूप से सजाए गए हैं. जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं. सुबह से लेकर देर शाम तक यहां माता के भजनों की धूम देखी जा रही है. वहीं, ये सिलसिला पूरे नौ दिन तक चलता है. जिसके बाद दसवे दिन सभी जगह से मां दुर्गा की मूर्ति की झांकी निकालकर उनका क्वारब स्थित कोसी नदी में विसर्जित किया जाता है.

नवरात्र के मौके पर अल्मोड़ा में इन दिनों रामलीला का भी आयोजन किया जा रहा है. अल्मोड़ा की रामलीला कुमाऊं की सबसे पुरानी रामलीला में शुमार है. जिसको देखने के लिए दूर-दूर से भक्त यहां पहुंच रहे हैं.

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वहीं, नैनीताल में नवरात्र के मौके पर आयोजित होने वाले दुर्गा महोत्सव की तैयारियां पूरी हो गई हैं. मां नंदा देवी मंदिर में मूर्ति निर्माण के लिए पूरी तरह से प्राकृतिक रंग और प्राकृतिक चीजों का प्रयोग किया गया है. जिससे मां दुर्गा की मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है. महोत्सव के आगाज के बाद दशहरे के दिन मां दुर्गा की मूर्ति को नैनी झील में विसर्जित कर महोत्सव का समापन किया जाएगा.

Intro:सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में इन दिनों नवरात्रियों में पूरा माहौल भक्तिमय हुआ है। जहाँ एक तरफ नगर में दुर्गा पूजा की धूम मची हुई है। शहर के कई हिस्सों में जगह-जगह दुर्गा पंडाल सजे हुए हैं जिसमे देर रात्रि तक भक्त माता के भजनों में सराबोर नज़र आ रहे है। वही शहर के विभिन्न स्थानों पर यहाँ रामलीला की भी धूम मची हुई है। जिसको देखने के लिए दूर दूर से लोग यहाँ पहुच रहे हैं।



Body:शहर में 10 स्थानों लाला बाजार, राजपुरा दूँगाधारा, लक्ष्यमेश्वर, गंगोला मोहल्ला ,चौघानपाटा , इंद्रा कॉलोनी ,धारानौला, पातालदेवी ऑफिसर कालोनी में भव्य रूप से माँ दुर्गा के पंडाल सजाये गए हैं जिसमे भारी संख्या में श्रद्धालु माँ दुर्गा का आशीर्वाद लेने पहुच रहे है। सुबह से लेकर देर शाम तक यहाँ माता के भजनों की धूम देखी जा रही है। यह सिलसिला पूरे नौ दिन तक चलता है जिसके बाद दशवे दिन सभी जगह से दुर्गा की मूर्ति की झांकी निकालकर उनका क्वारब स्थित कोसी नदी में विसर्जित किया जाता है।
वही अल्मोड़ा में इन दिनों अलग अलग स्थानों में रामलीला का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसको देखने के लिए दूर दूर से दर्शक यहाँ पहुच रहे है।
बतादे की अल्मोड़ा की रामलीला कुमाऊं की सबसे पुरानी रामलीला में शुमार है। इस रामलीला को 159 साल हो चुके है। अल्मोड़ा में सबसे पहले 1860 में बदरेश्वर मंदिर में रामलीला का आयोजन शुरू हुआ जो बाद में धीरे धीरे नगर के कई स्थानों में आयोजित की जाने लगी।

बाइट-मनीश जोशी, स्थानीय


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