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अल्मोड़ा में प्रशासन के नाक के नीचे चल रहा अवैध खनन, रामनगर में तीन ट्रैक्टर ट्रॉली सीज

अल्मोड़ा में सुयाल नदी में अवैध खनन का कारोबार धड़ल्ले से जारी है. आलम ये है कि प्रशासन के नाक के नीचे से माफिया अवैध खनन कर रहे है, जिन पर कोई लगाम लगाने वाला नहीं है. उधर, रामनगर में वन प्रभाग की एसओजी टीम ने अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई की है. जहां टीम ने तीन ट्रैक्टर ट्रॉली को सीज किया है.

almora illegal mining
रामनगर में तीन ट्रैक्टर ट्रॉली सीज
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Published : Nov 21, 2022, 4:56 PM IST

Updated : Nov 21, 2022, 7:00 PM IST

अल्मोड़ाः जिले में अवैध खनन का कारोबार (Almora illegal mining) खूब फल फूल रहा है. माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि जिला प्रशासन के नाक के नीचे अवैध खनन के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस नींद में नजर आ रही है. खनन माफिया नियम कायदों को ठेंगा दिखाते हुए जहां नदी से अवैध तरीके से रेता बजरी निकाल लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं तो वहीं नदी से प्राकृतिक संसाधनों की इस लूट से राजस्व विभाग और सरकार को अच्छी खासी चपत भी लग रही है. उधर, रामनगर में अवैध खनन में शामिल तीन ट्रैक्टर ट्राली को सीज किया गया है.

दरअसल, अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से महज 10 किमी की दूरी पर जीवनदायनी सुयाल नदी बहती है, लेकिन लंबे समय से इस नदी में अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है. खुलेआम नदी से खनिज संपदा की लूट की जा रही है. खनन माफिया नदी से अवैध तरीके से रेता बजरी निकालने के बाद उसे बेचकर लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन हैरत की बात ये है कि प्रशासनिक अमले को इसकी भनक तक नहीं है. वहीं, खाकी भी इस अवैध खनन और उसके परिवहन से अनजान है.

अल्मोड़ा में प्रशासन के नाक के नीचे चल रहा अवैध खनन.

वही, उपपा नेता पीसी तिवारी (Uttarakhand Parivartan Party leader PC Tiwari) ने कहा प्रदेश में अवैध खनन व कमीशनखोरी राजनीति का आधार बन गया है. सतारूढ़ दलों से जुड़े प्रभावशाली लोगों की ओर से सरकार के संरक्षण में इन अवैध कामों को अंजाम दिया जा रहा है. सुयाल नदी में लंबे समय से कुछ ऐसे ही प्रभावशाली लोग खनन कर रहे हैं. जिससे न सिर्फ वो पैसा कमा रहे है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में लागू होगा 'वन स्टेट वन रॉयल्टी' नीति, वन निगम तैयार कर रहा प्रस्ताव

इधर, मामला संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. आनन फानन में टीम गठित कर मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं, एसडीएम सदर गोपाल सिंह चौहान ने कहा कि तहसीलदार के नेतृत्व में मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है. अगर अवैध खनन पाया जाता है तो संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने समेत अन्य आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

बता दें कि धामी सरकार ने कुछ महीने पहले सभी जिलाधिकारियों को नदी में पुलों के करीब 1 किमी के दायरे तक खनन पर रोक (illegal Mining in Uttarakhand) लगाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन सुयाल नदी में जिला प्रशासन के परमिशन के बगैर जिस स्थान पर अवैध खनन के काले कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है. अल्मोड़ा-शहरफाटक स्टेट हाईवे में विश्वनाथ पुल से कुछ ही दूरी पर है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन के आला अधिकारी सरकारी आदेशों को लेकर कितने सजग हैं.

रामनगर में अवैध खनन कर रहे तीन ट्रैक्टर ट्राली सीजः रामनगर के पड़किया महोली बीट में बोर नदी में अवैध खनन (Illegal mining in Ramnagar) मामले में वन प्रभाग की एसडीओ और एसओजी ने बड़ी कार्रवाई की है. जहां टीम ने खनन में शामिल तीन ट्रैक्टर ट्रालियों को पकड़ा है. उधर, जैसे ही टीम छापेमारी करने पहुंची तो खनन माफियाओं में भगदड़ मच गई. टीम ने घेराबंदी करते हुए तीन ट्रैक्टर ट्रॉलियों को पकड़ लिया. एसओजी प्रभारी कैलाश तिवारी ने बताया प्रारंभिक जांच में वाहन स्वामियों का नाम गुरविंदर सिंह उर्फ गिंदर, गुरविंदर सिंह उर्फ टोनी, देवेंद्र सिंह उर्फ लाडी पता चला है.

अल्मोड़ाः जिले में अवैध खनन का कारोबार (Almora illegal mining) खूब फल फूल रहा है. माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि जिला प्रशासन के नाक के नीचे अवैध खनन के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस नींद में नजर आ रही है. खनन माफिया नियम कायदों को ठेंगा दिखाते हुए जहां नदी से अवैध तरीके से रेता बजरी निकाल लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं तो वहीं नदी से प्राकृतिक संसाधनों की इस लूट से राजस्व विभाग और सरकार को अच्छी खासी चपत भी लग रही है. उधर, रामनगर में अवैध खनन में शामिल तीन ट्रैक्टर ट्राली को सीज किया गया है.

दरअसल, अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से महज 10 किमी की दूरी पर जीवनदायनी सुयाल नदी बहती है, लेकिन लंबे समय से इस नदी में अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है. खुलेआम नदी से खनिज संपदा की लूट की जा रही है. खनन माफिया नदी से अवैध तरीके से रेता बजरी निकालने के बाद उसे बेचकर लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन हैरत की बात ये है कि प्रशासनिक अमले को इसकी भनक तक नहीं है. वहीं, खाकी भी इस अवैध खनन और उसके परिवहन से अनजान है.

अल्मोड़ा में प्रशासन के नाक के नीचे चल रहा अवैध खनन.

वही, उपपा नेता पीसी तिवारी (Uttarakhand Parivartan Party leader PC Tiwari) ने कहा प्रदेश में अवैध खनन व कमीशनखोरी राजनीति का आधार बन गया है. सतारूढ़ दलों से जुड़े प्रभावशाली लोगों की ओर से सरकार के संरक्षण में इन अवैध कामों को अंजाम दिया जा रहा है. सुयाल नदी में लंबे समय से कुछ ऐसे ही प्रभावशाली लोग खनन कर रहे हैं. जिससे न सिर्फ वो पैसा कमा रहे है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है.
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इधर, मामला संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. आनन फानन में टीम गठित कर मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं, एसडीएम सदर गोपाल सिंह चौहान ने कहा कि तहसीलदार के नेतृत्व में मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है. अगर अवैध खनन पाया जाता है तो संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने समेत अन्य आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

बता दें कि धामी सरकार ने कुछ महीने पहले सभी जिलाधिकारियों को नदी में पुलों के करीब 1 किमी के दायरे तक खनन पर रोक (illegal Mining in Uttarakhand) लगाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन सुयाल नदी में जिला प्रशासन के परमिशन के बगैर जिस स्थान पर अवैध खनन के काले कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है. अल्मोड़ा-शहरफाटक स्टेट हाईवे में विश्वनाथ पुल से कुछ ही दूरी पर है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन के आला अधिकारी सरकारी आदेशों को लेकर कितने सजग हैं.

रामनगर में अवैध खनन कर रहे तीन ट्रैक्टर ट्राली सीजः रामनगर के पड़किया महोली बीट में बोर नदी में अवैध खनन (Illegal mining in Ramnagar) मामले में वन प्रभाग की एसडीओ और एसओजी ने बड़ी कार्रवाई की है. जहां टीम ने खनन में शामिल तीन ट्रैक्टर ट्रालियों को पकड़ा है. उधर, जैसे ही टीम छापेमारी करने पहुंची तो खनन माफियाओं में भगदड़ मच गई. टीम ने घेराबंदी करते हुए तीन ट्रैक्टर ट्रॉलियों को पकड़ लिया. एसओजी प्रभारी कैलाश तिवारी ने बताया प्रारंभिक जांच में वाहन स्वामियों का नाम गुरविंदर सिंह उर्फ गिंदर, गुरविंदर सिंह उर्फ टोनी, देवेंद्र सिंह उर्फ लाडी पता चला है.

Last Updated : Nov 21, 2022, 7:00 PM IST
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