अल्मोड़ा: जिले के स्याल्दे तहसील के 5 मासूम बच्चों के सिर पर लीसा डालने के मामले में ठेकेदार सहित 4 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है. वन विभाग ने तीनों नेपालियों को गुरुवार को राजस्व उप निरीक्षक के हवाले कर दिया. मौके पर पहुंचे स्याल्दे के तहसीलदार जगदीश गिरि ने बताया कि मामले में एक बच्चे के पिता ने नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है.
तीन आरोपी मूल रूप से नेपाल के हैं, जिनके नाम नीरज बोहरा, मनोज बोहरा और दर्शन धामी हैं. इसके अलावा ठेकेदार अंबादत्त सहित चार लोगों के खिलाफ पटवारी क्षेत्र चौना में धारा 323 व 355 में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. तहसीलदार और पटवारी ने आरोपियों से पूछताछ भी की. उन्होंने बताया कि पांचों बच्चों को स्कूल से बुलवाकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया, पांचों बच्चे स्वस्थ हैं और रिपोर्ट भी सामान्य है.
यह है मामला: घटना 29 जून की बताई जा रही है. स्याल्दे तहसील के ग्राम गुरना में पांच बच्चे जंगल की तरफ खेल रहे थे. चीड़ के पेड़ में लीसा निकालने के लिए लगे कुछ गमले बच्चों ने निकाल दिए. इस दौरान लीसा ठेकेदार की ओर से रखे गए एक नेपाली श्रमिक ने बच्चों को गमलों से खेलते हुए पकड़ लिया. श्रमिक और उसके साथी ने बच्चों को धमकाना शुरू किया.
पहले कुछ हल्की फटकार लगाई इसके बाद उनकी वीडियो बनाने लगे. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो के आधार पर बच्चों से उनके सिर पर जबरन लीसा डलवाया गया. सिर से चेहरे तक पहुंचे लीसे से उनकी आंखों में काफी जलन हो गई. उनकी आंख भी सूजने लगी.
पुराना है वीडियो, वायरल होने से हड़कंप: बताया जा रहा है कि वीडियो कुछ दिन पुराना है. लेकिन वह बुधवार से ही वायरल होना शुरू हुआ. मामले में दोनों पक्षों में पूर्व में ही समझौता हो गया था. गुरुवार यानी बीते रोज को बाल कल्याण समिति ने डीएम और एसएसपी से भी मामले में शीघ्र कार्रवाई को कहा है. जिसका संज्ञान लेते हुए राजस्व टीम पीड़ितों के घर पहुंची. टीम ने उनसे मामले की जानकारी ली, जिसके बाद मासूमों का मेडिकल परीक्षण करवाया गया.
पहले मामले में लीपापोती कर समझौता करा दिया गया था. इसके बाद जब सोशल मीडिया में इसका वीडियो वायरल हुआ तो प्रशासन ने संज्ञान लिया. आरोपित नेपाली श्रमिक उन्हीं पीड़ित बच्चों का पड़ोसी है. वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं.
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बाल कल्याण समिति सख्त: बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रघु तिवारी ने कहा कि बच्चों के इस तरह का उत्पीड़न दंडनीय अपराध है. मिशन वात्सल्य के अंतर्गत प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रत्येक बच्चे को सुरक्षा व संरक्षण प्रदान किया जायेगा. समिति ने किशोर न्याय अधिनियम की धारा 30 के अंतर्गत मामले का स्वयं संज्ञान लेते हुए घटना पर विचार किया.
उन्होंने पाया कि यह बच्चों के देखरेख, सुरक्षा व संरक्षण के विरुद्व की गयी कार्रवाई है. मामले की जांच एवं विधिक कार्रवाई के लिए बाल कल्याण समिति ने डीएम, एसएसपी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मेाड़ा को पत्र भेजा है, ताकि बच्चों के उत्पीड़न करने वालों के विरुद्व कानूनी कार्रवाई शुरू हो सके.
बाल कल्याण समिति ने इसके अतिरिक्त चाइल्ड लाइन को भी निर्देशित किया है कि मामले की विस्तृत रिपोर्ट जिला बाल कल्याण समिति अल्मेाड़ा के सम्मुख प्रस्तुत करें ताकि बाल हित में बच्चों के संरक्षण व सुरक्षा के सवाल पर बाल कल्याण समिति उचित निर्णय ले सके.