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यहां डर के साए में पढ़ाई करते हैं बच्चे, हमेशा बना रहता है हादसे का खतरा - District headquarters

पिछले 9 सालों से अल्मोड़ा ऐतिहासिक राजकीय इंटर कॉलेज की हालत जर्जर बनी हुई है. कई बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की है.

जर्जर हालत में स्कूल
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Published : May 7, 2019, 1:22 PM IST

अल्मोड़ा: जिला मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक राजकीय इंटर कॉलेज के जूनियर ब्लॉक के भवन में बच्चे डर के साए में पढ़ने को मजबूर हैं. करीब 9 सालों से स्कूल की मरम्मत नहीं की गई. इस वजह से अब भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. स्कूल के प्रधानाचार्य ने कई बार प्रशासन से इसकी शिकायत की लेकिन अभी तक इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

दरअसल, 2010 में अल्मोड़ा में आई आपदा के कारण भवन के चारों ओर दरारें पड़ गई थीं. इसके बाद से अब तक शिक्षा विभाग का स्कूल की तरह ध्यान नहीं गया. ऐसे में यहां बड़ा हादसा होने की आशंका हमेशा बनी रहती है. हाल ये है कि बच्चे यहां जरा सी भी आंधी तूफान आने से डर जाते हैं.

जर्जर हालत में स्कूल

स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि भवन की मरम्मत के लिए वे कई बार उच्चाधिकारियों से मांग कर चुके हैं लेकिन अब तक इसकी मरम्मत के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले भी प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन अभी तक बजट आवंटित नहीं किया गया. स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों की मांग है कि जल्द से जल्द भवन की मरम्मत की जाए.

अल्मोड़ा: जिला मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक राजकीय इंटर कॉलेज के जूनियर ब्लॉक के भवन में बच्चे डर के साए में पढ़ने को मजबूर हैं. करीब 9 सालों से स्कूल की मरम्मत नहीं की गई. इस वजह से अब भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. स्कूल के प्रधानाचार्य ने कई बार प्रशासन से इसकी शिकायत की लेकिन अभी तक इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

दरअसल, 2010 में अल्मोड़ा में आई आपदा के कारण भवन के चारों ओर दरारें पड़ गई थीं. इसके बाद से अब तक शिक्षा विभाग का स्कूल की तरह ध्यान नहीं गया. ऐसे में यहां बड़ा हादसा होने की आशंका हमेशा बनी रहती है. हाल ये है कि बच्चे यहां जरा सी भी आंधी तूफान आने से डर जाते हैं.

जर्जर हालत में स्कूल

स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि भवन की मरम्मत के लिए वे कई बार उच्चाधिकारियों से मांग कर चुके हैं लेकिन अब तक इसकी मरम्मत के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले भी प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन अभी तक बजट आवंटित नहीं किया गया. स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों की मांग है कि जल्द से जल्द भवन की मरम्मत की जाए.

Intro:सरकार सरकारी स्कूलो में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने और बदहाल स्कूलो को ठीक करने को लेकर तमाम दावे तो जरूर करती है लेकिन हकीकत इन दावों से कोसो दूर नज़र आती है। स्कूलो की बदहाल स्थिति की ओर सरकारों का कोई ध्यान नही है।आलम यह है कि अल्मोड़ा जिले का नामी सरकारी स्कूल राजकीय इंटर कालेज अल्मोड़ा के जूनियर ब्लॉक का भवन पिछले 9 सालो जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा है। हालात ऐसी है कि बच्चे खतरे के साये में पढ़ने को मजबूर है। फिर भी शिक्षा विभाग किसी बड़ी अनहोनी होने के इंतजार में बैठा है।


Body:2010 में अल्मोड़ा में आयी आपदा के दौरान जिलामुख्यालय में स्थिति ऐतिहासिक राजकीय इंटर कॉलेज के जेबी भवन के चारो ओर बड़ी बड़ी दरारें पड़ गयी। इसके चारों ओर धीरे धीरे जमीन खिसक रही है,लेकिन तब से अब तक 9 साल बीत गए इसकी ओर शिक्षाविभाग ने ध्यान ही नही दिया। इस भवन के अंदर बच्चों की क्लास चलती है। जिस तरह इसकी स्थिति है उसको देखकर लगता है कि यहाँ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस भवन में केमिस्ट्री की लैब भी संचालित होती है। बच्चे जरा सी भी बारिश आंधी तूफान में डर जाते हैं।
हालांकि कई बार स्कूल के प्रधानाचार्य के द्वारा इस भवन के मरम्मत के लिए लगातार उच्चाधिकारियों को कई बार प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अब तक इसकी मरम्मत को लेकर कोई कार्यवाही नहीं हुई। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि कई बार इसके लिए पूर्व में प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन इसके लिए अभी तक कोई भी बजट आवंटित नहीं किया गया। स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों ने इस भवन के जल्द से जल्द मरम्मत करने की मांग की है।

बाइट 1 वीरेंद्र कुमार, छात्र जीआईसी अल्मोड़ा

बाइट2 सुरेश चंद्र पाठक, प्रभारी प्रधानाचार्य जीआईसी अल्मोड़ा
बाइट 3 तरुण जैड़ा, शिक्षक जीआईसी अल्मोड़ा

वही यहाँ पढ़ने वाले बच्चों का कहना है कि इतना समय बीत जाने के बाद भी सरकार का इस ओर कोई ध्यान नही है, हम यहाँ हमेशा खतरे के साये में पढ़ते हैं।


Conclusion:
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