ETV Bharat / state

सांस्कृतिक नगरी के इस गांव ने कायम की अनोखी मिसाल, PM मोदी भी कर चुके हैं तारीफ

अल्मोड़ा जिले के सुनियाकोट गांव ने देशभर में एक मिसाल कायम की है. 20 वर्षों से पेयजल के जूझ रहे इस गांव के लोगों ने जिस तरह से इस समस्या का समाधान किया है, वह काफी सराहनीय कदम है. पीएम मोदी भी इस गांव के लोगों की तारीफ कर चुके हैं.

a-village-in-almora-caught-the-attention-of-PM-modi
सुनियाकोट
author img

By

Published : Jan 28, 2020, 2:53 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 3:16 PM IST

अल्मोड़ाः सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के ताड़ीखेत ब्लॉक के सुनियाकोट गांव ने देशभर में एक मिसाल कायम की है. इसका जिक्र पिछले दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात में भी कर चुके हैं. प्रधानमंत्री ग्रामीणों की एकजुटता और कर्मठता की जमकर तारीफ कर चुके हैं. लगभग दो दशकों से पेयजल समस्या से जूझ रहे इस गांव के ग्रामीणों ने आखिरकार सिस्टम को आइना दिखाते हुए अपने गांव के लिए खुद ही पेयजल लाइन बिछा दी. ग्रामीणों की इस पहल की चौतरफा तारीफ हो रही है.

सुनियाकोट गांव ने कायम की अनोखी मिसाल.

गौर हो कि उत्तराखंड के दुर्गम गांव सुनियाकोट के गांव के वाशिंदे पिछले 20 सालों से पेयजल के संकट से जूझ रहे थे. ग्रामीण पानी के एक- एक बूंद को तरस रहे थे. लोगों द्वारा 20 सालों से नेताओं व अधिकारियों के चक्कर लगाने के बावजूद जब उनके हलक तर न हो सके, तो गांव के लोगों ने सिस्टम को आइना दिखाते हुए खुद ही गांव में पेयजल योजना बनाने की ठान ली. फिर क्या था सुनियाकोट गांव के प्रत्येक परिवार से 15 हजार रुपए की धनराशि जमा की गई. गांव में रहने वाले 40 परिवारों से धनराशि जुटाकर और खुद श्रमदान कर गांव से करीब एक किलोमीटर दूर पानी के स्रोत से गांव के पुराने पानी के टैंक को ठीक कर वहां तक पानी पहुंचाकर वही पंपिंग मशीन स्थापित कर दी.

यह असम्भव कार्य ग्रामीणों ने मात्र 2 महीनों में कर दिखाया. साथ ही ग्रामीणों का 20 साल का सपना हकीकत में बदल गया. अब सुनियाकोट एक ऐसा गांव बन गया जो देश में एकजुटता की मिसाल बन गया है. गांव में पानी आने से लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

यह भी पढ़ेंः पौड़ी: टॉक शो में बेटियों ने रखे अपने विचार

ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में विगत 20 सालों से पानी की दिक्कत थी. उन्हें पानी लाने के लिए 2 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. जिस कारण उन्हें गांव में शादी समारोह करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. उन्होंने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने यह समस्या रखी, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना कर दिया. जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद गांव तक पानी पहुंचाने का संकल्प लिया, जो मात्र दो महीने में हकीकत में बदल गया.

अल्मोड़ाः सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के ताड़ीखेत ब्लॉक के सुनियाकोट गांव ने देशभर में एक मिसाल कायम की है. इसका जिक्र पिछले दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात में भी कर चुके हैं. प्रधानमंत्री ग्रामीणों की एकजुटता और कर्मठता की जमकर तारीफ कर चुके हैं. लगभग दो दशकों से पेयजल समस्या से जूझ रहे इस गांव के ग्रामीणों ने आखिरकार सिस्टम को आइना दिखाते हुए अपने गांव के लिए खुद ही पेयजल लाइन बिछा दी. ग्रामीणों की इस पहल की चौतरफा तारीफ हो रही है.

सुनियाकोट गांव ने कायम की अनोखी मिसाल.

गौर हो कि उत्तराखंड के दुर्गम गांव सुनियाकोट के गांव के वाशिंदे पिछले 20 सालों से पेयजल के संकट से जूझ रहे थे. ग्रामीण पानी के एक- एक बूंद को तरस रहे थे. लोगों द्वारा 20 सालों से नेताओं व अधिकारियों के चक्कर लगाने के बावजूद जब उनके हलक तर न हो सके, तो गांव के लोगों ने सिस्टम को आइना दिखाते हुए खुद ही गांव में पेयजल योजना बनाने की ठान ली. फिर क्या था सुनियाकोट गांव के प्रत्येक परिवार से 15 हजार रुपए की धनराशि जमा की गई. गांव में रहने वाले 40 परिवारों से धनराशि जुटाकर और खुद श्रमदान कर गांव से करीब एक किलोमीटर दूर पानी के स्रोत से गांव के पुराने पानी के टैंक को ठीक कर वहां तक पानी पहुंचाकर वही पंपिंग मशीन स्थापित कर दी.

यह असम्भव कार्य ग्रामीणों ने मात्र 2 महीनों में कर दिखाया. साथ ही ग्रामीणों का 20 साल का सपना हकीकत में बदल गया. अब सुनियाकोट एक ऐसा गांव बन गया जो देश में एकजुटता की मिसाल बन गया है. गांव में पानी आने से लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

यह भी पढ़ेंः पौड़ी: टॉक शो में बेटियों ने रखे अपने विचार

ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में विगत 20 सालों से पानी की दिक्कत थी. उन्हें पानी लाने के लिए 2 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. जिस कारण उन्हें गांव में शादी समारोह करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. उन्होंने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने यह समस्या रखी, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना कर दिया. जिसके बाद ग्रामीणों ने खुद गांव तक पानी पहुंचाने का संकल्प लिया, जो मात्र दो महीने में हकीकत में बदल गया.

Intro:अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लाक के सुनियाकोट गांव ने देशभर में एक मिशाल कायम की है। जिसका जिक्र पिछले दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात में भी कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीणों के एकजुटता और कर्मठता की तारीफ कर चुके हैं।  लगभग दो दशकों से पेयजल समस्या से जूझ रहे इस गांव के ग्रामीणों ने आखिरकार सिस्टम को आईना दिखाते हुए अपने गांव के लिए खुद ही मिलकर पेयजल लाइन बिछा दी। ग्रामीणों की यह पहल एक मिसाल बन गयी है।

Body:ताड़ीखेत ब्लॉक के सुनियाकोट गांव एक ऐसा गांव बन गया है जो की देश में एकजुटता की मिसाल बन गया है, जी हां उत्तराखंड के दुर्गम गांव सुनियाकोट के गांव के वाशिंदे पिछले 20 सालो से पेयजल के संकट से जूझ रहे थे, गांव के वासी पानी की  एक- एक बूँद के दर-दर भटक रहे थे, 
फिर गांव के लोगो ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया जो देश  के  लोगो के लिए एक मिसाल बन गया।गांव के लोगो द्वारा 20 सालो से नेताओ, अधिकारियो के चक्कर लगाने के बावजूद जब उनके  हलक तर न हो सके, तो गांव के लोगो ने सिस्टम को आईना दिखाते हुए खुद ही गांव में पेयजल योजना बनाने की ठान ली।
फिर क्या था सुनियाकोट गांव के प्रत्येक परिवार से 15 हजार रूपये की धनराशि  जमा कर,गांव में  रहने वाले  40 परिवारों से धनराशि जुटाकर और खुद श्रमदान कर गांव से करीब एक किलोमीटर दूर, पानी के स्रोत से गांव के पुराने पानी के टैंक को ठीक कर वहा तक पानी पहुंचा कर वही पंपिंग मशीन स्थापित कर दी।  यह असम्भव कार्य ग्रामीणों ने मात्र 2 महीनो में कर दिखाया। गांव के लोगो  की मंशा साफ थी, इसलिए 20 सालो का ग्रामीणों का सपना हकीकत में बदल गया। अब सुनियाकोट एक ऐसा गांव बन गया जो देश में एकजुटता की मिसाल बन गया है।  पानी आने से अब गांव के लोगो का खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में विगत 20 सालो से पानी की दिक्कत थी। हमे पानी लाने के लिए 2 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। जिस कारण उन्हें गांव में शादी समारोह करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने यह समस्या रखी लेकिन उनकी मांगों को अनसुना कर दिया। जिस कारण उन्होने ठाना कि वह मिलकर खुद ही अपने गांव में पानी लाएंगे। 


बाइट -राजेन्द्र परिहार, ग्रामीण


बाइट -कैलाश सिंह , ग्रामीण


Conclusion:
Last Updated : Jan 28, 2020, 3:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.