रानीखेत: बड़गाम दिवस के मौके पर देश के प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा (मरणोपरांत) व शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर के सोमनाथ मैदान में किया गया. मेजर सोमनाथ शर्मा ने कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित कबायलियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे. सभा में मेजर सोमनाथ के साथ ही रेजीमेंट के साथियों को भी याद किया गया.
बता दें, देश के प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा को बड़गाम लड़ाई की 73वीं लड़ाई दिवस के अवसर पर कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर के युद्ध स्मारक में श्रद्धांजलि दी गई. 3 नवंबर को प्रति वर्ष सेना द्वारा बड़गाम दिवस के रूप में मनाया जाता है. अक्टूबर 1947 में पाकिस्तान समर्थक कबायलियों ने कश्मीर पर हमला कर दिया था, इस दौरान 3 नवंबर 1947 को कश्मीर के बड़गाम की लड़ाई लडी गई थी. इस युद्ध में कबायलियों का इरादा श्रीनगर टाउन और श्रीनगर एयरफील्ड पर कब्जा करने का था.
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मेजर सोमनाथ शर्मा और उनकी कंपनी के जवानों ने बहादुरी का परिचय देते हुए डट कर कबायलियों का सामना किया था. मेजर शर्मा ने कंपनी के जवानों के साथ 6 घंटे तक दुश्मन को रोके रखा. भारतीय सेना को उनके कंपनी के लिए सहायता भेजने का समय मिल गया, जिससे श्रीनगर शहर और एयर फील्ड दुश्मनों के हाथों में जाने से बचा लिया गया. मेजर शर्मा के इस बहादुरी लिए उनको मरणोपरांत स्वतंत्र भारत के पहले सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया.