अल्मोड़ा: नौकरी, पेंशन एवं अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर एसएसबी प्रशिक्षित स्वयं सेवक (गुरिल्लों) के धरने को 4100 दिन पूरे हो चुके हैं, यानि 11 वर्ष से अधिक समय से गुरिल्ले अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं. सालों से आंदोलित गुरिल्लों ने आज गांधी पार्क में एक सभा का आयोजन किया और राज्य और केन्द्र सरकार के खिलाफ गुरिल्लों की मांगों की अनदेखी किये जाने के पर जमकर नारेबाजी की.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि गुरिल्ले नौकरी और पेंशन की मांग को लेकर देश के 17 राज्यों में आंदोलित है. अब आगामी जनवरी माह में दिल्ली में सभी राज्यों के गुरिल्ला उग्र आंदोलन करेंगे.
पढ़ें- हरिद्वार में गला दबाकर मासूम की हत्या, आरोपी गिरफ्तार
संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रहमानंद डालाकोटी ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा के संबंध में कश्मीर में सरकार के सारे उपाय जहां विफल हो गये हैं, वहीं नेपाल बांग्लादेश म्यांमार तथा चीन से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर भी सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए आतंकवादियो की घुसपैठ हो रही है.
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विदेशों से सीमा की निगरानी हेतु महंगे उपकरण तो मंगाये जा रहे हैं, परन्तु मानव जनित गुरिल्ला युक्त सीमा की सुरक्षा व्यवस्था पर सरकार विश्वास नहीं जता पा रही है. जबकि, विगत 14 वर्षों से एसएसबी गुरिल्ले आन्दोलन कर सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहे हैं.