अल्मोड़ा: राजा ज्ञान चंद के शासनकाल का 319 साल पुराना एक दुर्लभ ताम्रपत्र पुरातत्व विभाग को मिला है. इस ताम्र पत्र में राजा ज्ञान चंद द्वितीय द्वारा सन् 1701 में अल्मोड़ा जिले के सिमल्टिया गांव निवासी तीन लोगों को 300 नाली भूमि दान में देने का उल्लेख है. ये ताम्रपत्र कुमाऊंनी और देवनागिरी लिपि में लिखा गया है. खास बात यह है कि अल्मोड़ा जिले का यह दुर्लभ ताम्र पत्र सिमल्टा निवासी अवकाश प्राप्त कर्नल दिव्य दर्शन पांडे के पास है. दिव्य दर्शन अब बेंगलुरू में रहते हैं.
क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि यह दुर्लभ ताम्र पत्र राजा ज्ञान चंद द्वितीय ने जारी किया था. राजा ज्ञान चंद का शासनकाल 1698 से लेकर 1708 तक रहा. इस ताम्र पत्र में अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट क्षेत्र के सिमल्टिया गांव निवासी चक्र गिरधर, जैराम और चंद्रेश्वर सिमल्टिया को राजा ज्ञान चंद द्वारा 18 अगस्त 1701 को पूर्णिमा के दिन ज्यूला और खुनौ की 300 नाली भूमि दान में देने का उल्लेख है.
ये भी पढ़ें: विश्वविद्यालयों के लिए अम्ब्रेला एक्ट लागू करने की तैयारी, शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चौहान ने बताया कि उन्हें सहायक अधीक्षण पुराविद् मनोज जोशी के माध्यम से इस दुर्लभ ताम्रपत्र के बारे में जानकारी मिली. यह दुर्लभ ताम्र पत्र बेंगलुरू में ही रहेगा. इसको पुरातत्व विभाग के रिकॉर्ड में रजिस्टर कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि यह ताम्र पत्र इतिहास के लिए और शोधार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है.