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पुण्यतिथि पर नम आंखों से याद किये गये शहीद हुकुम सिंह, अंग्रेजों के छुड़ाए थे छक्के - Shaheed Hukum Singh Bora

सोमेश्वर में शहीद हुकुम सिंह बोरा की 30वीं पुण्य तिथि पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें लोगों ने नम आंखों से याद करते हुए शहीद हुकुम सिंह बोरा को श्रद्धांजलि दी.

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शहीद हुकुम सिंह बोरा की 30वीं पुण्य तिथि
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Published : Dec 28, 2019, 6:51 PM IST

सोमेश्वर: आजाद हिन्द फौज के जांबाज सिपाही और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय हुकुम सिंह बोरा की आज 30वीं पुण्यतिथि है. इस मौके पर क्षेत्रवासियों ने उन्हें याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान लोगों ने हुकुम सिंह बोरा की स्मृति में बनाए गये राष्ट्रीय स्मारक पर ध्वजारोहण किया. जिसके बाद राष्ट्रगीत गाया गया. कार्यक्रम में बौरारौ घाटी के अन्य 58 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का भी स्मरण किया गया.

शहीद हुकुम सिंह बोरा को श्रद्धांजलि.

शहीद हुकुम सिंह बोरा की 30वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे कोतवाल रमेश बोहरा ने हुकुम सिंह बोरा के संघर्षों और योगदान को भावी पीढ़ी के लिए अनुकरणीय बताया. उन्होंने सभ्य समाज और क्षेत्र के विकास में सबकी सकारात्मक भूमिका को शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताया. इस दौरान बौरारौ घाटी विकास मंच संयोजक सुरेश बोरा ने क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए दलगत राजनीति से हटकर काम करने की बात कही.

पढ़ें- रुड़की: कड़ाके की ठंड से बाजारों से ग्राहक नदारद, व्यापारियों में छाई मायूसी

कार्यक्रम में शहीद हुकुम सिंह बोरा के पुत्र और पूर्व सैनिक किशन सिंह बोरा ने कहा कि हर साल शहीद हुकुम सिंह बोरा की पुण्यतिथि पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. उन्होंने कहा कि बोरा के क्रियाकलापों और संघर्षों से भवीपीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए. जिससे उनमें भी निर्भय होकर आगे बढ़ने की क्षमता का विकास हो.

सोमेश्वर: आजाद हिन्द फौज के जांबाज सिपाही और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय हुकुम सिंह बोरा की आज 30वीं पुण्यतिथि है. इस मौके पर क्षेत्रवासियों ने उन्हें याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान लोगों ने हुकुम सिंह बोरा की स्मृति में बनाए गये राष्ट्रीय स्मारक पर ध्वजारोहण किया. जिसके बाद राष्ट्रगीत गाया गया. कार्यक्रम में बौरारौ घाटी के अन्य 58 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का भी स्मरण किया गया.

शहीद हुकुम सिंह बोरा को श्रद्धांजलि.

शहीद हुकुम सिंह बोरा की 30वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे कोतवाल रमेश बोहरा ने हुकुम सिंह बोरा के संघर्षों और योगदान को भावी पीढ़ी के लिए अनुकरणीय बताया. उन्होंने सभ्य समाज और क्षेत्र के विकास में सबकी सकारात्मक भूमिका को शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताया. इस दौरान बौरारौ घाटी विकास मंच संयोजक सुरेश बोरा ने क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए दलगत राजनीति से हटकर काम करने की बात कही.

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कार्यक्रम में शहीद हुकुम सिंह बोरा के पुत्र और पूर्व सैनिक किशन सिंह बोरा ने कहा कि हर साल शहीद हुकुम सिंह बोरा की पुण्यतिथि पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. उन्होंने कहा कि बोरा के क्रियाकलापों और संघर्षों से भवीपीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए. जिससे उनमें भी निर्भय होकर आगे बढ़ने की क्षमता का विकास हो.

Intro:आजादी की लड़ाई में बौरारौ घाटी के 58 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में विख्यात ग्राम मल्लखोली के शहीद हुकुम सिंह बोरा ने सुभाष चन्द्र बोस के "तुम मुझे खून दो- मैं तुम्हें आजादी दूंगा" नारे से प्रेरित होकर हुकुम सिंह बोरा ने आजाद हिंद फौज में भर्ती होकर आजादी की लड़ाई लड़ी. जेल में यातनाएं सहने के अलावा उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध मे भी भाग लिया और अपने जीवन के अंतिम दिनों तक सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग लिया.Body:सोमेश्वर। आजाद हिन्द फ़ौज के जांबाज सिपाही एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय हुकुम सिंह बोरा की 30वीं पुण्य तिथि के मौके पर उन्हें क्षेत्रवासियों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. स्वर्गीय हुकुम सिंह बोरा की स्मृति में निर्मित राष्ट्रीय स्मारक सोमेश्वर में जन प्रतिनिधियों ने ध्वजारोहण किया और राष्ट्रगीत के बाद उनकी मूर्ति पर पुष्पांजली अर्पित की और 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख के प्रतिनिधि दीपक आर्य ने हुकुम सिंह बोरा के देश की आजादी की लड़ाई में योगदान को याद करते हुए बौरारौ घाटी के अन्य 58 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भी स्मरण किया.
विशिष्ट अतिथि कोतवाल रमेश बोहरा ने देश के आजादी के नायकों को याद करते हुए हुकुम सिंह बोरा के संघर्षों और योगदान को भावी पीढ़ी के लिए अनुकरणीय बताया. उन्होंने सभ्य समाज और क्षेत्र के विकास में सबकी सकारात्मक भूमिका को शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताया. बौरारौ घाटी विकास मंच संयोजक सुरेश बोरा ने संचालन करते हुए क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए सबसे दलगत राजनीति से हटकर सम्मिलित प्रयास की अपील की.
जबकि शहीद हुकुम सिंह बोरा के पुत्र पूर्व सैनिक किशन सिंह बोरा ने बताया कि शहीद हुकुम सिंह बोरा की पुण्यतिथि कार्यक्रम में प्रतिवर्ष शासन प्रशासन के लोग उन्हें स्मरण करते है. उनके क्रियाकलापों और संघर्ष से भवीपीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए. अध्यक्षता रिटायर्ड शिक्षक आनन्द बल्लभ जोशी ने की ग्राम प्रधान ललिता बोरा, रिटायर्ड कैप्टन दिलीप सिंह बोरा, सूबेदार नन्दन सिंह बोरा, समाजसेवी विद्याधर छिमवाल, ठाकुर सिंह बोरा, कैलाश बोरा, गणेश गिरी, प्रेम बोरा, हरीश जोशी, प्रमोद कुमार, राधे जोशी, योगेश मेहरा, चन्दन बोरा सहित अनेक लोग मौजूद थे।Conclusion:28 दिसम्बर 1989 को यात्रा के दौरान रानीखेत के समीप चौकुनी में रोडवेज बस अग्निकांड दुर्घटना में जिवित ही जलकर ये महान सेनानी सदा के लिए शहीद हो गये. बताते चलें कि उनके पुत्र पूर्व सैनिक किसन सिंह बोरा के बाद उनका पुत्र अर्जुन भी सेना में देश सेवा कर रहा है.
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