अल्मोड़ा: केंद्र सरकार भारत को डिजिटल इंडिया की बनाने की बात करती है, लेकिन असलियत यह है कि आज भी पहाड़ के ग्रामीण क्षेत्र संचार सेवा की बदहाली से जूझ रहे हैं. कुछ यही हकीकत अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया तहसील के गड़स्यारी गांव की है. यहां कोरोनाकाल में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बच्चों को नेटवर्क की तलाश में पहाड़ की चोटियों और जंगलों में जाना पड़ता है. तब जाकर उनके मोबाइल में बमुश्किल नेटवर्क आ पाता है.
देश में एक ओर 5जी टेक्नोलॉजी का ट्रायल चल रहा है, वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड के गड़स्यारी गांव के लोगों को आज भी 2जी और 3जी नेटवर्क तक नहीं मिल पा रहा है. इन लोगों को नेटवर्क की तलाश में पहाड़ियां चढ़नी पड़ती है, जंगलों में जाना पड़ता है. जहां भी बड़ी मुश्किल से नेटवर्क मिल पाता है.
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वहीं, यहां नेटवर्क का समस्या के कारण बच्चे अपनी ऑनलाइन क्लास भी अटेंड नहीं कर पा रहे हैं. नेटवर्क न होने के कारण यहां फोन से सिग्नल गायब हैं. जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई भी गोल हो रही है.
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वहीं, अब इस समस्या को लेकर गांव के ग्राम प्रधान दिवाकर चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने पीएम से गांव में टावर लगवाने और केबिल बिछाने की मांग की है. उन्होंने कहा कई बार गुहार लगाने के बाद भी किसी जनप्रतिनिधि ने उनकी नहीं सुनी. जिसके कारण अब उन्होंने प्रधानमंत्री से इस समस्या के निदान के लिए गुहार लगाई है.