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Virat Kohli : जानिए पिछले तीन सालों से क्यों परेशान थे विराट, कोच द्रविड़ से अपना दर्द किया बयां - virat kohli bad form

टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज और पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली ने खुलासा किया है कि पिछले तीन सालों से बड़ा स्कोर ने बनाना उन्हें काफी परेशान कर रहा था. उन्होंने मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को दिए अपने एक इंटरव्यू में कई खुलासे किए हैं.

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विराट कोहली
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Published : Mar 14, 2023, 9:44 PM IST

Updated : Mar 14, 2023, 10:44 PM IST

नई दिल्ली : भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने स्वीकार किया है कि लंबे समय तक टीम के लिए कोई ठोस योगदान नहीं देना उन्हें लगातार परेशान कर रहा था. उन्होंने भारतीय कोच राहुल द्रविड़ के साथ बातचीत में कहा कि टेस्ट में एक बड़ा शतक बनाने की बेताबी में उन्होंने उम्मीदों को खुद पर हावी होने दिया. कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में 186 रन की पारी खेली और तीन साल से अधिक समय के टेस्ट शतक के सूखे को खत्म किया. यह उनके टेस्ट करियर का 28वां जबकि कुल 75वां अंतरराष्ट्रीय शतक था. उन्होंने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) की वेबसाइट पर जारी वीडियो में कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो अपनी खामियों के कारण मैंने खुद पर परेशानी को हावी होने दिया'.

उन्होंने कहा, 'क्रिकेट में तीन अंकों का आंकड़ा हासिल करने की बेताबी ऐसी चीज है जो एक बल्लेबाज के रूप में आप पर हावी हो सकती है. मैंने कुछ हद तक अपने साथ ऐसा होने दिया. लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि मैं ऐसा खिलाड़ी नहीं हूं जो 40-45 रन से खुश रहे. मुझे टीम के लिए प्रदर्शन करने में बहुत गर्व महसूस होता है. उन्होंने कहा, 'जब मैं 40 रन पर बल्लेबाजी कर रहा होता हूं तो मुझे पता होता है कि मैं 150 रन बना सकता हूं. लेकिन ऐसा नहीं होना मुझे लगातार परेशान कर रहा था.

द्रविड़ ने उनसे जब पूछा कि इस प्रतिकूल समय से निपटना कितना मुश्किल था तो कोहली ने कहा, 'अगर मैं सच कहूं तो यह थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योंकि जैसे ही आप होटल के कमरे से बाहर कदम रखते हैं, बाहर के आदमी से लेकर लिफ्ट में मौजूद व्यक्ति, बस ड्राइवर हर कोई कह रहा है 'हमें आपके बल्ले से शतक चाहिए'. कोहली ने कहा, 'ऐसे में यह आपके दिमाग में चलता रहता है, लेकिन इतने लंबे समय तक खेलने का फायदा यह है कि आप इस तरह की मुश्किल परिस्थितियों से निपटना सीख जाते हैं. कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी शतकीय पारी के दौरान लगभग साढ़े आठ घंटे और 364 गेंद तक बल्लेबाजी की. उन्होंने इस दौरान संयम का परिचय देते हुए लगातार 162 गेंदों पर कोई चौका नहीं लगाया. उन्होंने अपना पांचवां चौका 89वीं गेंद पर लगाया जबकि छठा चौका उनकी पारी की 251वीं गेंद पर आया.

इस टेस्ट से पहले कोहली का पिछला शतक नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ दिन-रात्रि टेस्ट में आया था. कोहली ने कहा कि वह कभी उपलब्धि के बारे में सोच कर नहीं खेलते है. उन्होंने कहा, 'बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं, 'आप इतने शतक कैसे बनाते हैं. मैं हमेशा कहता हूं कि मेरा लक्ष्य टीम के लिए जितना संभव हो उतनी अधिक देर तक बल्लेबाजी करना है और इस लक्ष्य को हासिल करने के दौरान ही शतक बना जाता है.

(इनपुट: पीटीआई भाषा)

ये भी पढ़ें - IND vs AUS : भारत की जीत से गदगद हुए कोच द्रविड़, खिलाड़ियों की जमकर की तारीफ

नई दिल्ली : भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने स्वीकार किया है कि लंबे समय तक टीम के लिए कोई ठोस योगदान नहीं देना उन्हें लगातार परेशान कर रहा था. उन्होंने भारतीय कोच राहुल द्रविड़ के साथ बातचीत में कहा कि टेस्ट में एक बड़ा शतक बनाने की बेताबी में उन्होंने उम्मीदों को खुद पर हावी होने दिया. कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में 186 रन की पारी खेली और तीन साल से अधिक समय के टेस्ट शतक के सूखे को खत्म किया. यह उनके टेस्ट करियर का 28वां जबकि कुल 75वां अंतरराष्ट्रीय शतक था. उन्होंने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) की वेबसाइट पर जारी वीडियो में कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो अपनी खामियों के कारण मैंने खुद पर परेशानी को हावी होने दिया'.

उन्होंने कहा, 'क्रिकेट में तीन अंकों का आंकड़ा हासिल करने की बेताबी ऐसी चीज है जो एक बल्लेबाज के रूप में आप पर हावी हो सकती है. मैंने कुछ हद तक अपने साथ ऐसा होने दिया. लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि मैं ऐसा खिलाड़ी नहीं हूं जो 40-45 रन से खुश रहे. मुझे टीम के लिए प्रदर्शन करने में बहुत गर्व महसूस होता है. उन्होंने कहा, 'जब मैं 40 रन पर बल्लेबाजी कर रहा होता हूं तो मुझे पता होता है कि मैं 150 रन बना सकता हूं. लेकिन ऐसा नहीं होना मुझे लगातार परेशान कर रहा था.

द्रविड़ ने उनसे जब पूछा कि इस प्रतिकूल समय से निपटना कितना मुश्किल था तो कोहली ने कहा, 'अगर मैं सच कहूं तो यह थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योंकि जैसे ही आप होटल के कमरे से बाहर कदम रखते हैं, बाहर के आदमी से लेकर लिफ्ट में मौजूद व्यक्ति, बस ड्राइवर हर कोई कह रहा है 'हमें आपके बल्ले से शतक चाहिए'. कोहली ने कहा, 'ऐसे में यह आपके दिमाग में चलता रहता है, लेकिन इतने लंबे समय तक खेलने का फायदा यह है कि आप इस तरह की मुश्किल परिस्थितियों से निपटना सीख जाते हैं. कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी शतकीय पारी के दौरान लगभग साढ़े आठ घंटे और 364 गेंद तक बल्लेबाजी की. उन्होंने इस दौरान संयम का परिचय देते हुए लगातार 162 गेंदों पर कोई चौका नहीं लगाया. उन्होंने अपना पांचवां चौका 89वीं गेंद पर लगाया जबकि छठा चौका उनकी पारी की 251वीं गेंद पर आया.

इस टेस्ट से पहले कोहली का पिछला शतक नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ दिन-रात्रि टेस्ट में आया था. कोहली ने कहा कि वह कभी उपलब्धि के बारे में सोच कर नहीं खेलते है. उन्होंने कहा, 'बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं, 'आप इतने शतक कैसे बनाते हैं. मैं हमेशा कहता हूं कि मेरा लक्ष्य टीम के लिए जितना संभव हो उतनी अधिक देर तक बल्लेबाजी करना है और इस लक्ष्य को हासिल करने के दौरान ही शतक बना जाता है.

(इनपुट: पीटीआई भाषा)

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Last Updated : Mar 14, 2023, 10:44 PM IST
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