नई दिल्ली : इतिहास के साथ 28 सितंबर का बड़ा सुरीला रिश्ता है. अपनी मधुर आवाज से पिछले कई दशक से संगीत के खजाने में हर दिन नये मोती भरने वाली लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के यहां हुआ था. 28 सितंबर को लता मंगेशकर अपना 92वां जन्मदिन मना रही हैं. भारत रत्न लता ने अपनी आवाज और अपनी सुर साधना से बहुत छोटी उम्र में ही गायन में महारत हासिल की और विभिन्न भाषाओं में गीत गाए.
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पिछली पीढ़ी ने जहां लता की शोख और रोमानी आवाज का लुत्फ उठाया, वहीं मौजूदा पीढ़ी उनकी समन्दर की तरह ठहरी हुई परिपक्व गायकी को सुनते हुए बड़ी हुई है.
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लता मंगेशकर को दिया था जहर
बताया जाता है कि 33 साल की उम्र में लता मंगेशकर को जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी. इस दौरान लता तीन महीनों तक अपने कमरे में बिस्तर पर ही बड़ी रहीं थी. लता को इस बात की भनक लग गई थी कि उन्हें कोई जहर देकर मारने की कोशिश कर रहा है. आइए जानते हैं क्या था पूरा किस्सा.
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33 साल की उम्र में लता ने हिंदी सिनेमा में अपना नाम दर्ज करा लिया था. लता का करियर अर्श पर था. लता को इसका अंदाजा बिल्कुल भी नहीं था कि उन्हें कोई जहर देकर मारना चाहता है. दरअसल, एक दिन लता के पेट में अचानक तेज दर्द उठा. दर्द के कारण लता बिस्तर से उठ नहीं पा रही थीं. लता इस दौरान हरे रंग की उल्टिया कर रही थीं. डॉक्टर ने चेक कर बताया था कि लता को स्लो पॉयजन दिया गया है.
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कुक हो गया था फरार
इस घटना के दौरान लता का कुक बिना सैलरी लिए ही घर छोड़कर फरार हो गया था. ऐसे में शक की सुईं कुक पर थी. इस घटना के बाद लता के खाने-पीने का ध्यान उनकी छोटी बहन ऊषा मंगेशकर रखने लगीं.
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दर्द से उबरने में लगे तीन महीने
लता की तबीयत बिगड़ती ही जा रही थी. इधर, डॉक्टर भी लगातार लता का खास ख्याल रख रह रहे थे, क्योंकि जहर का असर लगभग तीन महीने तक रहा था. इस कारण वह अपने कमरे में बिस्तर पर ही आराम करती रही थीं.
लता ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह जानती थी कि उन्हें किसने जहर दिया था, लेकिन बिना सबूत लता ने उसके नाम का खुलासा करने की हिम्मत नहीं की. इस घटना के बाद लता का खास ख्याल रखा गया.
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