ETV Bharat / science-and-technology

वंदना कटारिया का घर पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत

author img

By

Published : Aug 11, 2021, 7:50 PM IST

हरिद्वार स्थित अपने गांव रोशनाबाद पहुंचने पर वंदना कटारिया का जोरदार तरीके से स्वागत किया गया, वंदना ने कहा मैंने मेडल नहीं देशवासियों का दिल जीता हैं.

वंदना कटारिया
वंदना कटारिया

हरिद्वार: टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने वाली हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया हरिद्वार स्थित अपने गांव रोशनाबाद पहुंच गई हैं. वंदना कटारिया का रोशनाबाद पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया. रोशनाबाद के जिस स्टेडियम में वंदना ने अपने खेल की शुरुआत की थी, उसी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में जिला प्रशासन, स्थानीय विधायकों के साथ ही गांव वालों और परिजनों ने ढोल-नगाड़ों से उनका स्वागत किया.

आपको बता दें कि, वंदना ने टोक्यो ओलंपिक में गोल की हैट्रिक लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. वंदना भारतीय महिला हॉकी टीम की ओर से सर्वाधिक 4 गोल करने वाली अकेली खिलाड़ी रहीं है.

वंदना कटारिया ने कहा कि काफी दिनों के बाद अपने गांव आकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने बताया कि टोक्यो ओलंपिक में शुरुआती मैच हारने के बाद उन्हें थोड़ी निराशा जरूर हुई. लेकिन देश के लिए मेडल की चाह में उनका आत्मविश्वास जरा भी नहीं टूटा. हालांकि वो मेडल हासिल नहीं कर पाईं, लेकिन देशभर में महिला हॉकी खिलाड़ियों का सम्मान देखकर उन्हें बहुत खुशी है.

वंदना कटारिया ने सुनाई आपबीती

इस दौरान वंदना कटारिया काफी भावुक हो गई थी. वंदना ने आज जो मुकाम हासिल किया है कि उसके लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है. वंदना कटारिया ने खुद अपने संघर्ष की पूरी दास्तां साझा की. उन्होंने बताया कि आज सब भले ही उनकी तारीफ कर रहे हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था कि जब हम बहनें एक जोड़ी जूते आपस में शेयर करके हॉकी खेला करती थीं.

वंदना कटारिया ने बताया कि उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वो खेलने के लिए एक जोड़ी जूते खरीद सकें. वंदना कटारिया ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि आज वे इस दुनिया में नहीं हैं. आखिर समय में भी वे अपने पिता को नहीं देख पाईं.

वंदना कटारिया ने बताया कि जब वे टोक्यो से वापस आ रही थीं, तब भी उनके दिमाग में यही चल रहा था कि घर जाके कैसा महसूस करेगी? उनके पिता उनके साथ नहीं होंगे. उनके पिता का वो कमरा जहां वो सोते थे. जिस कुर्सी पर बैठकर वो वंदना से बात करते थे, वो सब खाली दिखाई देगा. वंदना कटारिया ने बताया कि जब भी वो अपने पिता से मिलती थी तो भारत के लिए मेडल की ही बात करते थे.

जिले के कई अधिकारी वंदना के स्वागत के लिए रहे मौजूद

वंदना के स्वागत के लिए हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे, एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस समेत कई अधिकारी और ग्रामीण मौजूद रहे.बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व जिले के विधायकों समेत तमाम लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया. सभी ने एक स्वर में कहा कि वंदना ने आज हरिद्वार ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन किया है और वंदना पर उन्हें गर्व है.

हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने कहा कि वो अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि वंदना जैसी खिलाड़ी जिस जिले में रहती है वो उस जिले के जिलाधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि आगे भी वंदना को जिला स्तर पर प्रशासन की जो भी मदद की जरूरत पड़ेगी उसे जरूर पूरा किया जाएगा.

इसे भी पढ़े-नीरज चोपड़ा की भाला फेंकने की आकृति को सोने में उकेरा

हरिद्वार: टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने वाली हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया हरिद्वार स्थित अपने गांव रोशनाबाद पहुंच गई हैं. वंदना कटारिया का रोशनाबाद पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया. रोशनाबाद के जिस स्टेडियम में वंदना ने अपने खेल की शुरुआत की थी, उसी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में जिला प्रशासन, स्थानीय विधायकों के साथ ही गांव वालों और परिजनों ने ढोल-नगाड़ों से उनका स्वागत किया.

आपको बता दें कि, वंदना ने टोक्यो ओलंपिक में गोल की हैट्रिक लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. वंदना भारतीय महिला हॉकी टीम की ओर से सर्वाधिक 4 गोल करने वाली अकेली खिलाड़ी रहीं है.

वंदना कटारिया ने कहा कि काफी दिनों के बाद अपने गांव आकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने बताया कि टोक्यो ओलंपिक में शुरुआती मैच हारने के बाद उन्हें थोड़ी निराशा जरूर हुई. लेकिन देश के लिए मेडल की चाह में उनका आत्मविश्वास जरा भी नहीं टूटा. हालांकि वो मेडल हासिल नहीं कर पाईं, लेकिन देशभर में महिला हॉकी खिलाड़ियों का सम्मान देखकर उन्हें बहुत खुशी है.

वंदना कटारिया ने सुनाई आपबीती

इस दौरान वंदना कटारिया काफी भावुक हो गई थी. वंदना ने आज जो मुकाम हासिल किया है कि उसके लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है. वंदना कटारिया ने खुद अपने संघर्ष की पूरी दास्तां साझा की. उन्होंने बताया कि आज सब भले ही उनकी तारीफ कर रहे हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था कि जब हम बहनें एक जोड़ी जूते आपस में शेयर करके हॉकी खेला करती थीं.

वंदना कटारिया ने बताया कि उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वो खेलने के लिए एक जोड़ी जूते खरीद सकें. वंदना कटारिया ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि आज वे इस दुनिया में नहीं हैं. आखिर समय में भी वे अपने पिता को नहीं देख पाईं.

वंदना कटारिया ने बताया कि जब वे टोक्यो से वापस आ रही थीं, तब भी उनके दिमाग में यही चल रहा था कि घर जाके कैसा महसूस करेगी? उनके पिता उनके साथ नहीं होंगे. उनके पिता का वो कमरा जहां वो सोते थे. जिस कुर्सी पर बैठकर वो वंदना से बात करते थे, वो सब खाली दिखाई देगा. वंदना कटारिया ने बताया कि जब भी वो अपने पिता से मिलती थी तो भारत के लिए मेडल की ही बात करते थे.

जिले के कई अधिकारी वंदना के स्वागत के लिए रहे मौजूद

वंदना के स्वागत के लिए हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे, एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस समेत कई अधिकारी और ग्रामीण मौजूद रहे.बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व जिले के विधायकों समेत तमाम लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया. सभी ने एक स्वर में कहा कि वंदना ने आज हरिद्वार ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन किया है और वंदना पर उन्हें गर्व है.

हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने कहा कि वो अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि वंदना जैसी खिलाड़ी जिस जिले में रहती है वो उस जिले के जिलाधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि आगे भी वंदना को जिला स्तर पर प्रशासन की जो भी मदद की जरूरत पड़ेगी उसे जरूर पूरा किया जाएगा.

इसे भी पढ़े-नीरज चोपड़ा की भाला फेंकने की आकृति को सोने में उकेरा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.