ब्रसेल्स : यूक्रेन की सीमा पर रूस की बढ़ती सैन्य मौजूदगी की पृष्ठभूमि में बुधवार को नाटो के सदस्य देशों ने पूर्वी यूरोप में स्थित अपने सदस्यों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए नये तरीके तलाशे. ब्रसेल्स स्थित नाटो मुख्यालय (The North Atlantic Treaty Oraganization (NATO)) में दो दिनों तक चली रक्षा मंत्रियों की बैठक में चर्चा हुई कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला कर देता है तो ऐसी स्थिति में रूस के नजदीक और काला सागर के क्षेत्र में सैनिकों तथा उपकरणों/साजो-सामान को तत्काल कैसे भेजा और पहुंचाया जाए.
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और अन्य देशों के रक्षा मंत्रियों की इस बैठक में इस साल के अंत से संभवत: दक्षिण-पूर्वी यूरोप में सैनिकों की लंबे समय के लिए तैनाती करने की स्थिति पैदा होने पर क्या योजना होगी और उसे कैसे लागू किया जाएगा, इसपर भी चर्चा हुई.
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उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने अपने पांच हजार सैनिकों की पोलैंड और रोमानिया में तैनाती शुरू कर दी है. ब्रिटेन भी सैकड़ों की संख्या में सैनिकों को पोलैंड भेज रहा है एवं अतिरिक्त युद्धपोत और विमानों की पेशकश कर रहा है. जर्मनी, नीरदलैंड और नार्वे अतिरिक्त सैनिक लिथुआनिया भेज रहे हैं। हवाई सुरक्षा के लिए डेनमार्क और स्पेन लड़ाकू विमान मुहैया करा रहे हैं.
रूस ने बुधवार को कहा कि वह और अधिक सैनिकों तथा हथियारों को सैन्य अड्डों पर वापस ला रहा है. यूक्रेन पर उसके हमला करने का अंदेशा कम करने के प्रति लक्षित यह एक और संकेत प्रतीत हो रहा है. रूस ने यूक्रेन के पूर्व, उत्तर और दक्षिण में करीब 1,50,000 सैनिक जमा कर रखे हैं, जिसके चलते पश्चिमी देशों ने उसके हमला करने की कथित योजना को लेकर चिंता जताई। हालांकि, इन सैनिकों के बड़ी संख्या में लौटने के बारे में कोई संकेत नहीं हैं, लेकिन इस हफ्ते मास्को से मिले कुछ संकेतों से यह उम्मीद जगी है कि यूरोप में युद्ध टल सकता है.
(पीटीआई-भाषा)