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पांच साल बाद भी नहीं बना गौला का रपटा पुल, जान हथेली में रख कर नदी पार कर रहे ग्रामीण

किच्छा में गौला नदी के आसपास के लोग बहुत परेशान हैं. गौला नदी पर बना रपटा पुल पांच साल पहले बाढ़ में बह गया था. तब से पुल का निर्माण नहीं हो पाया. इस बीच पुल बनाने वाली एजेंसी यूपी निर्माण निगम ब्लैक लिस्ट कर दी गई. 700 मीटर लंबे रपटा पुल का निर्माण पौने चार करोड़ रुपए में हुआ था.

Kichha News
किच्छा समाचार
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Published : Aug 17, 2022, 7:23 AM IST

Updated : Aug 17, 2022, 9:05 AM IST

रुद्रपुर: किच्छा स्थित गौला नदी पर बने रपटा पुल का एक छोर पांच साल पहले नदी के तेज बहाव में बह गया था. पुल ना बनने से ग्रामीण जान हथेली में रख कर नदी पार कर रहे हैं. बरसात में लोगों की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. कई-कई दिन तक लोग आवाजाही नहीं का पाते हैं.

2017 में बह गया था रपटा पुल: गौला नदी में बना रपटा पुल वर्ष 2017 में बह गया था. पांच साल बाद भी रपटा पुल नहीं बन पाया है. ऐसे में लोग जान हथेली पर रख कर नदी पार कर रहे हैं. पुल को बनने के लिए कई बार धरना प्रदर्शन किया जा चुका है. बावजूद इसके पांच साल में किच्छा में बने रपटा पुल में एक ईंट भी नहीं लग पाई है. हालाकि अधिकारी पुल को बनाने का प्रयास करने का आश्वासन दे रहे हैं.

नदी पार करना बना मजबूरी

पौने चार करोड़ की लागत से बना था रपटा पुल: किच्छा क्षेत्र में बहने वाली नदी में लोगों के आने जाने के लिए लगभग पौने चार करोड़ की लागत से 700 मीटर लंबा रपटा पुल तैयार किया गया था. रपटा पुल बनने के कुछ माह बाद ही वर्ष 2017 में आई बाढ़ ने पुल का पूर्वी छोर क्षतिग्रस्त कर दिया था. इसी बीच सत्ता में बीजेपी काबिज हुई तो पुल को बनाने वाली कंपनी यूपी निर्माण निगम पर कानूनी कार्रवाई के साथ ही ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था.

लंबे रास्ते की बजाय जोखिम में डाल रहे जान: अफसोस कि पुल की मरम्मत पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. हर बार आने वाली बाढ़ में पुल का कुछ हिस्सा बहता ही रहा. अब तक पुल का एक तिहाई हिस्सा बह चुका है. कुछ समय पहले नदी पर किया गया अस्थाई निर्माण भी बह गया. इसके चलते पूर्वी छोर में बसे बखपुर, धौराडैम, नजीबाबाद सहित 8 से अधिक गांवों के गरीब तबके के लोग 10 से 12 किलोमीटर घूमकर आने की बजाय जान हथेली पर रख कर नदी पार कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: हल्द्वानी के पास है श्रीलंका टापू, मॉनसून में दुनिया से कट जाता है गांव का कनेक्शन

वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि तेज बहाव से बहे पुल के नव निर्माण का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा लोगों से भी अपील की जा रही है कि बारिश के दौरान कोई भी नदी में ना जाए. गौरतलब है कि इन दिनों उत्तराखंड में रोजाना बारिश हो रही है. खासकर पहाड़ी इलाकों में बहुत बारिश हो रही है. इससे नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. नदियों के बढ़े जलस्तर के कारण इन्हें पार करना खतरे से खाली नहीं है.

रुद्रपुर: किच्छा स्थित गौला नदी पर बने रपटा पुल का एक छोर पांच साल पहले नदी के तेज बहाव में बह गया था. पुल ना बनने से ग्रामीण जान हथेली में रख कर नदी पार कर रहे हैं. बरसात में लोगों की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. कई-कई दिन तक लोग आवाजाही नहीं का पाते हैं.

2017 में बह गया था रपटा पुल: गौला नदी में बना रपटा पुल वर्ष 2017 में बह गया था. पांच साल बाद भी रपटा पुल नहीं बन पाया है. ऐसे में लोग जान हथेली पर रख कर नदी पार कर रहे हैं. पुल को बनने के लिए कई बार धरना प्रदर्शन किया जा चुका है. बावजूद इसके पांच साल में किच्छा में बने रपटा पुल में एक ईंट भी नहीं लग पाई है. हालाकि अधिकारी पुल को बनाने का प्रयास करने का आश्वासन दे रहे हैं.

नदी पार करना बना मजबूरी

पौने चार करोड़ की लागत से बना था रपटा पुल: किच्छा क्षेत्र में बहने वाली नदी में लोगों के आने जाने के लिए लगभग पौने चार करोड़ की लागत से 700 मीटर लंबा रपटा पुल तैयार किया गया था. रपटा पुल बनने के कुछ माह बाद ही वर्ष 2017 में आई बाढ़ ने पुल का पूर्वी छोर क्षतिग्रस्त कर दिया था. इसी बीच सत्ता में बीजेपी काबिज हुई तो पुल को बनाने वाली कंपनी यूपी निर्माण निगम पर कानूनी कार्रवाई के साथ ही ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था.

लंबे रास्ते की बजाय जोखिम में डाल रहे जान: अफसोस कि पुल की मरम्मत पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. हर बार आने वाली बाढ़ में पुल का कुछ हिस्सा बहता ही रहा. अब तक पुल का एक तिहाई हिस्सा बह चुका है. कुछ समय पहले नदी पर किया गया अस्थाई निर्माण भी बह गया. इसके चलते पूर्वी छोर में बसे बखपुर, धौराडैम, नजीबाबाद सहित 8 से अधिक गांवों के गरीब तबके के लोग 10 से 12 किलोमीटर घूमकर आने की बजाय जान हथेली पर रख कर नदी पार कर रहे हैं.
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वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि तेज बहाव से बहे पुल के नव निर्माण का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा लोगों से भी अपील की जा रही है कि बारिश के दौरान कोई भी नदी में ना जाए. गौरतलब है कि इन दिनों उत्तराखंड में रोजाना बारिश हो रही है. खासकर पहाड़ी इलाकों में बहुत बारिश हो रही है. इससे नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. नदियों के बढ़े जलस्तर के कारण इन्हें पार करना खतरे से खाली नहीं है.

Last Updated : Aug 17, 2022, 9:05 AM IST
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