रुड़की: शहर से लेकर देहात क्षेत्रों में इन दिनों धड़ल्ले से अवैध निर्माण का काम चल रहा है. वहीं मामले में नियमों का पाठ पढ़ाने वाला एचआरडीए मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहा है. आलम ये है कि बड़े-बड़े निर्माण बिना नक्शा पास कराए शहर की सूरत बिगाड़ रहे हैं. जिससे सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगा रहा है. शहर में कई अवैध निर्माण कार्य विभागीय अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से पूरे भी होने वाले हैं. ऐसे में एचआरडीए इन पर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है.
बता दें रुड़की/हरिद्वार में होने वाले निर्माण कार्य एचआरडीए के अंतर्गत आता है. निर्माण करने से पहले एचआरडीए विभाग से निर्माण का मानचित्र पास कराया जाता है. इसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू होता है. इन दिनों रुड़की शहर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में दर्जनों बड़े निर्माण बिना विभाग की अनुमति के हो रहे हैं. वहीं शहर में भी कई ऐसे अवैध निर्माण कार्य हैं जो विभाग के संज्ञान में हैं, लेकिन सफेदपोशों और विभागीय अधिकारियों के चलते इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
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भगवानपुर हाईवे के पास कई ऐसे बड़े निर्माण कार्य हैं जो पूरे होने वाले हैं पर विभाग इन पर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहा है. यहां सालियर स्थित एक फैक्ट्री में बिना मानचित्र पास किये कई मंजिला निर्माण लंबे समय से चल रहा है. जिसकी जानकारी विभाग के अधिकारियों को भी है. बावजूद इसके इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है. इसके साथ ही भगवानपुर स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज लगभग तीन मंजिला निर्माण कर रहा है, इसमें दिलचस्प बात ये है कि निर्माण के लिए कोई नक्शा विभाग से पास नहीं कराया गया है बल्कि प्राइवेट नक्शा बनवाकर और पूर्व प्रधान की मुहर लगाकर ये निर्माण करवाया जा रहा है.
वहीं जब इस मामले में पूर्व ग्राम प्रधान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह के किसी निर्माण के नक्शे पर मुहर नहीं लगाई है. जिससे साफ जाहिर होता है कि तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर अवैध निर्माण को अंजाम दिया जा रहा है. जिससे सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है. बात अगर रुड़की शहर की करें तो यहां भी अवैध निर्माण करने वालों के हौसले बुलन्द हैं. यहां भी लगातार बिना विभाग की अनुमति के बड़े-बड़े निर्माण कार्य किये जा रहे हैं.