रुड़की: सिविल अस्पताल हर बार किसी न किसी मामले को लेकर चर्चाओं में रहता है. इस बार यहां फर्जी डॉक्टर बन मरीजों को देखने का मामला सामने आया है. यहां डॉट्स लैब में एक अनजान व्यक्ति न सिर्फ डॉक्टर बनकर मरीजों के नाम पते अस्पताल के रजिस्टर में एंट्री करता रहा बल्कि डॉक्टर की कुर्सी पर बैठकर मरीजों को उनकी बीमारी का उपचार भी करता रहा. कई घंटे बाद भी इस घटना का पता अस्पताल प्रबंधन को नहीं चला.
मामले का पता तब चला जब अस्पताल पहुंचे एक मीडियाकर्मी ने उस व्यक्ति से जानकारी ली. जानकारी में संतोषजनक जवाब न मिलने पर इसकी सूचना अस्पताल के सीएमएस को दी गई. जिसके बाद आनन-फानन में सीएमएस ने उस व्यक्ति और कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई.
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डॉक्टर की कुर्सी पर बैठा यह व्यक्ति मरीजों को टीबी जैसी गंभीर बीमारी के बारे में कैसे जानकारी देता रहा और इस पर किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी, यह अपने आप में बड़ा सवाल है. अस्पताल प्रबंधन अगर इसी तरह लापरवाही से काम करता रहा तो मरीजों को उपचार कराना बेहद मुश्किल हो जाएगा.