ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में नेत्र रोग विभाग की ओर से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें विशेषज्ञों ने आंखों को सुरक्षित रखने और संक्रमण से आंखों की रोकथाम को लेकर विस्तृत चर्चा की. उन्होंने नेत्र संक्रमण के लक्षण, सावधानियां व उपचार आदि के बारे में जानकारी दी. संगोष्ठी में राज्यभर से सरकारी, गैर सरकारी नेत्र चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया.
उत्तराखंड ऑप्थोमोलॉजी सोसाइटी और ऑल इंडिया ऑप्थोमोलॉजी सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन हुआ. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवसर पर निदेशक एम्स ने संगोष्ठी में उपस्थित नेत्र विशेषज्ञों से उत्तराखंड को दृष्टिबाधिता से मुक्ति दिलाने को सामुहिक प्रयास का आह्वान किया.
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निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने आंखों के संक्रमण को लेकर जन सामान्य को जागरुक करने पर जोर दिया. जिससे लोग आंखों की सुरक्षा संबंधी जानकारियों से रूबरू हो सकें. निदेशक एम्स ने कहा कि चिकित्सक के पास अपने विषय में दक्षता के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान का होना भी जरूरी है. पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने कहा कि मरीज व उनके तीमारदारों के प्रति कुशल व्यवहार चिकित्सक को लोकप्रिय बनाते हैं.
संगोष्ठी में मुख्यवक्ता एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट हैदराबाद की वरिष्ठ माईक्रो बायोलॉजिस्ट डॉ. सावित्री शर्मा ने नेत्रों में होने वाले विभिन्न प्रकार के संक्रमण की जानकारी दी. उन्होंने इसके लक्षण, कारण और निदान विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया. उन्होंने बताया कि यदि किसी की आंखों में पानी आने, दर्द होने या रोशनी कम होने जैसे लक्षण नजर आएं तो उस व्यक्ति की आंखों में संक्रमण हो सकता है. ऐसी स्थिति में उसे नेत्र सुरक्षा के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.