ऋषिकेश: नगर निगम के बायलॉज को ध्यान में रखते हुए निगम प्रशासन ने 50 साल पुराने मीट मार्केट को हटाए जाने का नोटिस जारी किया है. मीट मार्केट में चल रही 2 दर्जन से अधिक मीट व्यवसायियों पर अब रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है. मांस व्यापारियों ने स्थानीय पार्षद जगत सिंह के नेतृत्व में नगर निगम मेयर से मुलाकात की, जहां उन्हें कुछ दिनों की मोहलत दी गई है. वहीं, इसी इलाके में और भी कई दुकानें चल रही है. बावजूद सिर्फ मांस की दुकानों पर की गई कार्रवाई नगर निगम की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रही है.
बता दें कि नगर निगम द्वारा इंदिरा नगर के पास स्थित लगभग 28 मांस की दुकानों को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है. लेकिन क्षेत्र में इन 28 दुकानों के अलावा तकरीबन 50 से अधिक छोटे बड़े मांस के व्यवसायी और तीन शराब के बार संचालित किए जा रहे हैं. निगम ने 28 दुकानों के अलावा किसी को भी नोटिस जारी नहीं किया है. ऐसे में निगम के इस कार्रवाई पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
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मांस व्यवसायियों का कहना था कि नगर निगम ने 15 दिन का समय देते हुए एक नोटिस जारी किया है. जिसमें मीट की दुकानों को खाली करने के आदेश दिए गए हैं. लेकिन उनके लिए किसी भी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं क्षेत्रीय पार्षद जगत सिंह नेगी ने कहा कि मीट की दुकानों पर हो रही कार्रवाई सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई करनी है तो सभी मांस और मदिरा बेचने वालों पर की जाए. साथ ही कहा कि अगर इस मामले में सुनवाई नहीं होती है तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
वहीं, ऋषिकेश महापौर अनीता ममंगाई ने कहा कि निगम के एक्ट के अनुसार कार्रवाई करते हुए मीट मार्केट में स्थित दुकानों को नोटिस भेजा गया है. हालांकि उनसे जब पूछा गया कि सिर्फ 28 दुकानों पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है तो उनका कहना था कि जब और दुकानों का मामला संज्ञान में आएगा तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.