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ऋषिकेश नगर निगम का ये कैसा नियम, मांस व्यवसायियों को थमाया नोटिस, मदीरा वालों को बख्शा

ऋषिकेश नगर निगम ने मीट मार्केट के दो दर्जन से अधिक व्यवसायियों को खाली करने का नोटिस जारी किया है. लेकिन इस इलाके में और भी कई दुकानें होने के बावजूद सिर्फ मांस व्यापारियों पर की गई कार्रवाई कई सवाल खड़े कर रही है.

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Published : Sep 30, 2019, 11:16 PM IST

ऋषिकेश नगर निगम ने अपनाया दोहरा मापदंड.

ऋषिकेश: नगर निगम के बायलॉज को ध्यान में रखते हुए निगम प्रशासन ने 50 साल पुराने मीट मार्केट को हटाए जाने का नोटिस जारी किया है. मीट मार्केट में चल रही 2 दर्जन से अधिक मीट व्यवसायियों पर अब रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है. मांस व्यापारियों ने स्थानीय पार्षद जगत सिंह के नेतृत्व में नगर निगम मेयर से मुलाकात की, जहां उन्हें कुछ दिनों की मोहलत दी गई है. वहीं, इसी इलाके में और भी कई दुकानें चल रही है. बावजूद सिर्फ मांस की दुकानों पर की गई कार्रवाई नगर निगम की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रही है.

ऋषिकेश नगर निगम ने अपनाया दोहरा मापदंड.

बता दें कि नगर निगम द्वारा इंदिरा नगर के पास स्थित लगभग 28 मांस की दुकानों को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है. लेकिन क्षेत्र में इन 28 दुकानों के अलावा तकरीबन 50 से अधिक छोटे बड़े मांस के व्यवसायी और तीन शराब के बार संचालित किए जा रहे हैं. निगम ने 28 दुकानों के अलावा किसी को भी नोटिस जारी नहीं किया है. ऐसे में निगम के इस कार्रवाई पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

पढ़ें: BJP विधायक रामलीला में बने रावण, साधु के भेष में किया सीता माता का हरण

मांस व्यवसायियों का कहना था कि नगर निगम ने 15 दिन का समय देते हुए एक नोटिस जारी किया है. जिसमें मीट की दुकानों को खाली करने के आदेश दिए गए हैं. लेकिन उनके लिए किसी भी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं क्षेत्रीय पार्षद जगत सिंह नेगी ने कहा कि मीट की दुकानों पर हो रही कार्रवाई सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई करनी है तो सभी मांस और मदिरा बेचने वालों पर की जाए. साथ ही कहा कि अगर इस मामले में सुनवाई नहीं होती है तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

वहीं, ऋषिकेश महापौर अनीता ममंगाई ने कहा कि निगम के एक्ट के अनुसार कार्रवाई करते हुए मीट मार्केट में स्थित दुकानों को नोटिस भेजा गया है. हालांकि उनसे जब पूछा गया कि सिर्फ 28 दुकानों पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है तो उनका कहना था कि जब और दुकानों का मामला संज्ञान में आएगा तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

ऋषिकेश: नगर निगम के बायलॉज को ध्यान में रखते हुए निगम प्रशासन ने 50 साल पुराने मीट मार्केट को हटाए जाने का नोटिस जारी किया है. मीट मार्केट में चल रही 2 दर्जन से अधिक मीट व्यवसायियों पर अब रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है. मांस व्यापारियों ने स्थानीय पार्षद जगत सिंह के नेतृत्व में नगर निगम मेयर से मुलाकात की, जहां उन्हें कुछ दिनों की मोहलत दी गई है. वहीं, इसी इलाके में और भी कई दुकानें चल रही है. बावजूद सिर्फ मांस की दुकानों पर की गई कार्रवाई नगर निगम की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रही है.

ऋषिकेश नगर निगम ने अपनाया दोहरा मापदंड.

बता दें कि नगर निगम द्वारा इंदिरा नगर के पास स्थित लगभग 28 मांस की दुकानों को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है. लेकिन क्षेत्र में इन 28 दुकानों के अलावा तकरीबन 50 से अधिक छोटे बड़े मांस के व्यवसायी और तीन शराब के बार संचालित किए जा रहे हैं. निगम ने 28 दुकानों के अलावा किसी को भी नोटिस जारी नहीं किया है. ऐसे में निगम के इस कार्रवाई पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

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मांस व्यवसायियों का कहना था कि नगर निगम ने 15 दिन का समय देते हुए एक नोटिस जारी किया है. जिसमें मीट की दुकानों को खाली करने के आदेश दिए गए हैं. लेकिन उनके लिए किसी भी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. वहीं क्षेत्रीय पार्षद जगत सिंह नेगी ने कहा कि मीट की दुकानों पर हो रही कार्रवाई सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई करनी है तो सभी मांस और मदिरा बेचने वालों पर की जाए. साथ ही कहा कि अगर इस मामले में सुनवाई नहीं होती है तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

वहीं, ऋषिकेश महापौर अनीता ममंगाई ने कहा कि निगम के एक्ट के अनुसार कार्रवाई करते हुए मीट मार्केट में स्थित दुकानों को नोटिस भेजा गया है. हालांकि उनसे जब पूछा गया कि सिर्फ 28 दुकानों पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है तो उनका कहना था कि जब और दुकानों का मामला संज्ञान में आएगा तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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ऋषिकेश-- ऋषिकेश नगर निगम के द्वारा मीट की दुकानों को नोटिस जारी कर खाली करने के आदेश के बाद एक बार फिर नगर निगम के ऊपर कई सारे सवाल खड़े होने लगे हैं नगर निगम के द्वारा इंदिरा नगर के पास स्थित लगभग 28 मास की दुकानों को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है लेकिन निगम क्षेत्र में इन 28 दुकानों के अलावा तकरीबन 50 से अधिक छोटे बड़े मांस के व्यवसाई और तीन शराब के बार संचालित किए जा रहे हैं लेकिन निगम ने 28 दुकानों के अलावा किसी को भी नोटिस जारी नहीं किया है ऐसे में निगम के इस कार्यवाही पर कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं।





Body:वी/ओ--ऋषिकेश तीर्थनगरी होने की वजह से नगरनिगम के बायलॉज को ध्यान में रखते हुए निगम प्रशासन द्वारा 50 साल पुराने मीट मार्केट को हटाए जाने के नोटिस जारी हुए, मीट मार्केट में चल रही 2 दर्जन से अधिक मीट व्यवसायियों पर अब रोजी रोटी का डर सताने लगा है,स्थानीय पार्षद जगत सिंह के नेतृत्व में मांस व्यापारी नगरनिगम मेयर से मिले जहां उनको कुछ दिनों की मोहलत देने की बात कही है,लेकिन निगम के द्वारा सिर्फ इन्ही मांस की दुकानों की गई यह कार्यवाही कई सवाल पैदा कर रहा है, मांस और मछली का कारोबार करने वाले छोटे व्यवसायियों का कहना था कि नगर निगम के द्वारा 15 दिनों का समय देते हुए एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें मीट की दुकानों को खाली करने के आदेश दिए गए हैं लेकिन उनके लिए किसी भी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है वही क्षेत्रीय पार्षद जगत सिंह नेगी ने कहा कि मीट की दुकानों पर हो रही कार्यवाही सरासर गलत है या सिर्फ एक तरफा कार्यवाही है उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई करनी है तो सभी मांस मदिरा बेचने वाले बार रेस्टोरेंट पर भी कार्रवाई होनी चाहिए उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में सुनवाई नहीं होती है तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।


Conclusion:वी/ओ-- ऋषिकेश महापौर अनीता ममंगाई ने कहा कि निगम के एक्ट के अनुसार कार्यवाही करते हुए मीट मार्केट में स्थित दुकानों को नोटिस भेजा गया है हालांकि मीट के व्यवसाई मुझसे मिले हैं अब उनके लिए समय सीमा और बढ़ाई जा रही है हालांकि उनसे जब पूछा गया कि सिर्फ 28 दुकानों पर ही कार्यवाही क्यों तो उनका कहना था कि जब और दुकानों का मामला संज्ञान में आएगा तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी,अब ऐसे साफ होता है कि नियम कानून सिर्फ छोटे व्यावपरियों पर ही लागू हैं बड़ों पर कोई नियम कानून नही लागू होता।

बाईट--अजय कुमार(मांस व्यवसाई)
बाईट--जगत सिंह नेगी(स्थानीय पार्षद)
बाईट--अनीता ममगाई(महापौर,ऋषिकेश)
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