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ऋषिकेश: डेंगू के मरीज को रेफर करने पर परिजनों ने जमकर किया हंगामा, अस्पताल पर लगाए ये आरोप

राजकीय चिकित्सालय में एक बार फिर सिस्टम का लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां एक डेंगू पीड़ित की इलाज के दौरान हुई प्लेटलेट की जांच में बड़ा फेरबदल सामने आया.

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Published : Sep 27, 2019, 8:22 AM IST

सरकारी अस्पताल बना कमीशनखोरी का अड्डा.

ऋषिकेश: राजकीय चिकित्सालय में एक डेंगू पीड़ित के साथ लापरवाही का मामला सामने आया है. पीड़ित डेंगू का इलाज कराने के लिए राजकीय अस्पताल में भर्ती हुआ था, जहां जांच के बाद मरीज की प्लेटलेट 10 हजार निकली. इसके बाद डेंगू मरीज ने बाहर के एक निजी पैथोलॉजी में दोबारा जांच करवाई, जहां की रिपोर्ट में 64 हजार प्लेटलेट निकली. पीड़ित के परिजन इसे निजी अस्पताल में रेफर का खेल बता रहे हैं.

राजकीय चिकित्सालय की ओर से जांच रिपोर्ट में हुई इस लापरवाही पर तीमारदारों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. इस दौरान नगर पालिका मुनि की रेती अध्यक्ष रोशन रतूड़ी भी मौके पर मौजूद रहे. साथ ही सीएमएस एन.एस. तोमर से लापरवाही के मामले में पूछताछ की.

सरकारी अस्पताल बना कमीशनखोरी का अड्डा.

यह भी पढ़ें: जीजा की हत्या कर खेत में दबाया शव, आरोपी सलाखों के पीछे

जांच रिपोर्ट में अंतर आते ही तीमारदार सहित पालिकाध्यक्ष अस्पताल प्रशासन के खिलाफ भड़क उठे. इसके बाद चिकित्सकों और तीमारदारों के बीच बहस हुई. अंत में चिकित्सक ने मरीज को जॉलीग्रांट अस्पताल रेफर का लेटर दिया गया. मुनि की रेती पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने राजकीय अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि सीएमएस ने प्लेटलेट रिपोर्ट में अंतर आने का कारण मशीन में खराबी बताया है. पालिकाध्यक्ष ने राजकीय अस्पताल के लापरवाही की शिकायत मंत्री सुबोध उनियाल से की है.

ऋषिकेश: राजकीय चिकित्सालय में एक डेंगू पीड़ित के साथ लापरवाही का मामला सामने आया है. पीड़ित डेंगू का इलाज कराने के लिए राजकीय अस्पताल में भर्ती हुआ था, जहां जांच के बाद मरीज की प्लेटलेट 10 हजार निकली. इसके बाद डेंगू मरीज ने बाहर के एक निजी पैथोलॉजी में दोबारा जांच करवाई, जहां की रिपोर्ट में 64 हजार प्लेटलेट निकली. पीड़ित के परिजन इसे निजी अस्पताल में रेफर का खेल बता रहे हैं.

राजकीय चिकित्सालय की ओर से जांच रिपोर्ट में हुई इस लापरवाही पर तीमारदारों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. इस दौरान नगर पालिका मुनि की रेती अध्यक्ष रोशन रतूड़ी भी मौके पर मौजूद रहे. साथ ही सीएमएस एन.एस. तोमर से लापरवाही के मामले में पूछताछ की.

सरकारी अस्पताल बना कमीशनखोरी का अड्डा.

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जांच रिपोर्ट में अंतर आते ही तीमारदार सहित पालिकाध्यक्ष अस्पताल प्रशासन के खिलाफ भड़क उठे. इसके बाद चिकित्सकों और तीमारदारों के बीच बहस हुई. अंत में चिकित्सक ने मरीज को जॉलीग्रांट अस्पताल रेफर का लेटर दिया गया. मुनि की रेती पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने राजकीय अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि सीएमएस ने प्लेटलेट रिपोर्ट में अंतर आने का कारण मशीन में खराबी बताया है. पालिकाध्यक्ष ने राजकीय अस्पताल के लापरवाही की शिकायत मंत्री सुबोध उनियाल से की है.

Intro:ऋषिकेश--ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, चौदह बीघा निवासी एक व्यक्ति डेंगू का इलाज करवाने के लिए राजकीय अस्पताल पहुँचा था, यहाँ जांच की गई और रिपोर्ट में बताया गया कि मरीज की प्लेटलेट 10 हज़ार है,इससे घबराए मरीज ने बाहर जाकर एक निजी पैथोलॉजी में जांच करवाई,यहां जांच रिपोर्ट में 64 हज़ार प्लेटलेट आया, जांच रिपोर्ट में हुई इस लापरवाही पर तीमारदारों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा,इस दौरान नगर पालिका मुनिकीरेती अध्यक्ष रोशन रतूड़ी भी पहुँचे और सीएमएस एनएस तोमर से जमकर बहस हुई। 


Body:वी/ओ--जानकारी के मुताबिक चौदहबीघा निवासी नरेंद्र सिंह बृहस्पतिवार को राजकीय अस्पताल में डेंगू का इलाज कराने पहुँचे थे,इस दौरान  उनके प्लेटलेट की जांच करवाई गई,रिपोर्ट में प्लेटलेट्स की संख्या 10 हज़ार बताई गई,इसकी जानकारी होते ही मरीज सहित परिजन घबरा गए, आनन फानन में पीड़ित के परिजनों ने इसकी जानकारी मुनिकीरेती पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी को दी,पालिकाध्यक्ष ने राजकीय अस्पताल पहुचने के बाद निजी लैब से प्लेटलेट की जांच करवाई गई,इसमें प्लेटलेट्स की संख्या 64 हज़ार आई,जांच रिपोर्ट में जमीन आसमान का अंतर आते ही तीमारदार सहित पालिकाध्यक्ष भड़क उठे,इसके बाद चिकित्सकों और तीमारदारों के बीच काफी देर तक बहस हुई, आखिरकार चिकित्सक मरीज को  जोलीग्रांट अस्पताल रेफर का लेटर देकर चले गए, मरीज इलाज के अभाव में कई घंटे तक अस्पताल में पड़ा रहा। 

मुनि की रेती पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने राजकीय अस्पताल के चिकित्साधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाया है, उन्होंने बताया कि प्लेटलेट रिपोर्ट में अंतर आने का कारण पूछने पर सीएमएस का कहना था कि सरकारी मशीन है यार, ऐसा हो जाता है, इस जवाब से बिफरे पालिकाध्यक्ष ने राजकीय अस्पताल के लापरवाही की शिकायत मंत्री सुबोध उनियाल से की,इसके अलावा शुक्रवार को शासन में भी शिकायत की जाएगी। 


निजी अस्पतालों में चल रहा रेफर का खेल

डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच सरकारी अस्पतालों में गोरखधंधे का खेल उफान पर है, हालात ये है कि ऋषिकेश में एम्स की मौजूदगी के बावजूद निजी अस्पतालों में मरीजों को रेफर किया जा रहा है, ताज़ा मामला नरेंद्र सिंह के साथ हुआ है, गलत जांच रिपोर्ट जारी करके राजकीय अस्पताल के चिकित्सकों ने न सिर्फ डेंगू मरीजो को अफवाह का शिकार बनाया बल्कि निजी अस्पतालों में रेफर करने का खुलासा हुआ है, नरेंद्र सिंह के साथ भी यही वाकया हुआ,उनकी प्लेटलेस की गलत रिपोर्ट जारी करके जोलीग्रांट अस्पताल जबरन रेफर कर दिया गया। 




Conclusion:वी/ओ--सरकारी लापरवाही का शिकार केवल नरेंद्र सिंह ही नही हुए,एक ही दिन में कई लोगों को मनमानेपन का शिकार बनाया गया।,हैरानी की बात है कि एक तरफ तो राजकीय अस्पताल में गलत ब्लड रिपोर्ट जारी कर दी गई,दूसरी ओर जाटव बस्ती निवासी मनीष कुमार भी ब्लड जांच कराने आये थे,उन्हें मशीन खराब होने का हवाला देकर निजी पैथोलॉजी से जांच करवाने को के दिया गया। 

बाईट--विमला गुलेरिया(बीमार की पत्नी)
बाईट--विकास कुमार(पीड़ित)
बाईट--रोशन रतूड़ी(पालिका अध्यक्ष,मुनि की रेती)
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