ETV Bharat / city

छूते ही कांपने लगता है ये पेड़ ! जानिए किसमें है लाभदायक - रामनगर वन प्रभाग के तराई पश्चिमी में कांपने वाला पेड़

दुनिया में अजीब-ओ-गरीब चीजें भरी पड़ी हैं. अगर हम आपसे कहें कि उत्तराखंड में एक ऐसा पेड़ है जो छूते ही कांपने लगता है तो आप यकीन नहीं करेंगे. आज हम आपको ऐसे ही एक पेड़ के बारे में बताएंगे जो छूते ही कांपने लगता है. इस पेड़ का नाम है गार्डेनिया थुनबर्गिया.

ramnagar news
रामनगर में पाया गया कांपने वाला वृक्ष.
author img

By

Published : Jun 3, 2020, 1:06 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 2:33 PM IST

रामनगर: उत्तराखंड में पेड़ की एक ऐसी प्रजाति देखने को मिली जिसे छूने से पेड़ में कंपन होने लगता है. इस पेड़ का नाम गार्डेनिया थुनबर्गिया है. यह पेड़ बहुत ही कम संख्या में पाया जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार यह पेड़ कुछ मायनों में अत्यंत लाभदायक होता है.

रामनगर में पाया गया कांपने वाला वृक्ष.

बता दें कि रामनगर वन प्रभाग के तराई पश्चिमी इलाके में एक पेड़ की इस हरकत को देखकर लोग हैरत में पड़ जाते हैं. यहां के जंगल में गार्डेनिया थुनबर्गिया नाम का पेड़ पाया जाता है. ये पेड़ हाथ लगाते ही कांपने लगता है. ग्रामीणों की मानें तो इस पेड़ की संख्या सीमित है. वन गुर्जर नवाबउद्दीन बताते हैं कि जब भैंसों की थन से खून निकलता है तो इस पेड़ का इस्तेमाल उपचार के लिए किया जाता है. नवाब बताते हैं कि इसमें बरसात में फल आते हैं. फलों का इस्तेमाल सब्जी के रूप में भी किया जाता है.

यह भी पढ़ें: मां का दूध बच्चे को देगा कोरोना से लड़ने की ताकत, जानिए क्या कहती हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ

वहीं वन प्रभाग तराई पश्चिमी के प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी का कहना है कि ये पेड़ तराई के जंगलों में पाया जाता है. इसको थीनेला और वैज्ञानिक नाम गार्डेनिया थुनबर्गिया के नाम से जाना जाता है. उन्होंने बताया कि ये पेड़ जानवरों के थन में इन्फेक्शन होने पर कमाल की दवाई है.

रामनगर: उत्तराखंड में पेड़ की एक ऐसी प्रजाति देखने को मिली जिसे छूने से पेड़ में कंपन होने लगता है. इस पेड़ का नाम गार्डेनिया थुनबर्गिया है. यह पेड़ बहुत ही कम संख्या में पाया जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार यह पेड़ कुछ मायनों में अत्यंत लाभदायक होता है.

रामनगर में पाया गया कांपने वाला वृक्ष.

बता दें कि रामनगर वन प्रभाग के तराई पश्चिमी इलाके में एक पेड़ की इस हरकत को देखकर लोग हैरत में पड़ जाते हैं. यहां के जंगल में गार्डेनिया थुनबर्गिया नाम का पेड़ पाया जाता है. ये पेड़ हाथ लगाते ही कांपने लगता है. ग्रामीणों की मानें तो इस पेड़ की संख्या सीमित है. वन गुर्जर नवाबउद्दीन बताते हैं कि जब भैंसों की थन से खून निकलता है तो इस पेड़ का इस्तेमाल उपचार के लिए किया जाता है. नवाब बताते हैं कि इसमें बरसात में फल आते हैं. फलों का इस्तेमाल सब्जी के रूप में भी किया जाता है.

यह भी पढ़ें: मां का दूध बच्चे को देगा कोरोना से लड़ने की ताकत, जानिए क्या कहती हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ

वहीं वन प्रभाग तराई पश्चिमी के प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी का कहना है कि ये पेड़ तराई के जंगलों में पाया जाता है. इसको थीनेला और वैज्ञानिक नाम गार्डेनिया थुनबर्गिया के नाम से जाना जाता है. उन्होंने बताया कि ये पेड़ जानवरों के थन में इन्फेक्शन होने पर कमाल की दवाई है.

Last Updated : Jun 3, 2020, 2:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.