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'टेडी डक' की वजह से सफल हो पाया ऑपरेशन डेयर डेविल, देखते ही भावुक हो गये थे जवान

सर्च एन्ड रेस्क्यू ऑपरेशन टीम का नेतृत्व कर रहे आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी रतन सिंह सोनल ने कहा कि उनकी टीम को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि ये खोजी अभियान सफल हो पायेगा. मगर जैसे ही  नंदा देवी अभियान के दौरान उन्हें टेडी डक मिला तो उनकी उम्मीदें बढ़ गई

टेडी डक से मिली सर्च अभियान में सफलता.
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Published : Jul 9, 2019, 12:01 AM IST

Updated : Jul 9, 2019, 7:58 AM IST

पिथौरागढ़: विश्व के सबसे बड़े सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन 'डेयर डेविल' की सफलता का राज कुछ और नहीं बल्कि एक छोटा सा 'टेडी डक' है. नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान जान गंवाने वाले विदेशी पर्वतारोहियों के सामान के साथ एक टेडी डक भी मिला है. 17,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर जब ऑपरेशन टीम के लीडर रतन सिंह सोनाल ने इस टेडी डक को खोजा तो सभी जवानों की आंखें नम हो गईं. जैसे ही सर्च टीम को टेडी डक मिला, उसके बाद सभी में एक नया जोश आ गया और सभी सर्च अभियान में जुट गये.

टेडी डक से मिली सर्च अभियान में सफलता.

सर्च एन्ड रेस्क्यू ऑपरेशन टीम का नेतृत्व कर रहे आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी रतन सिंह सोनल ने कहा कि उनकी टीम को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि ये खोजी अभियान सफल हो पायेगा. मगर जैसे ही नंदा देवी अभियान के दौरान उन्हें टेडी डक मिला तो उनकी उम्मीदें बढ़ गईं. जिसके बाद उनकी टीम ने और जोश से सर्च अभियान चलाया. उन्होंने बताया कि जैसे ही उनकी टीम को टेडी डक मिला उनकी टीम बेहद भावुक हो गई थी.

टेडी डक के बारे में बताते हुए रतन सिंह सोनल ने कहा कि ये टेडी डक किसी महिला या अन्य विदेशी पर्वतारोही का हो सकता है. उन्होंने कहा कि टेडी डक के कारण ही हम 5 फीट बर्फ में दबी डेडबॉडी को ढूंढने में कामयाब हुए. रतन सिंह सोनाल ने कहा कि वो इस टेडी को अपने साथ लाये हैं ताकि इसे मृतक पर्वतारोहियों के परिवार तक पहुंचाया जा सके.

पिथौरागढ़: विश्व के सबसे बड़े सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन 'डेयर डेविल' की सफलता का राज कुछ और नहीं बल्कि एक छोटा सा 'टेडी डक' है. नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान जान गंवाने वाले विदेशी पर्वतारोहियों के सामान के साथ एक टेडी डक भी मिला है. 17,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर जब ऑपरेशन टीम के लीडर रतन सिंह सोनाल ने इस टेडी डक को खोजा तो सभी जवानों की आंखें नम हो गईं. जैसे ही सर्च टीम को टेडी डक मिला, उसके बाद सभी में एक नया जोश आ गया और सभी सर्च अभियान में जुट गये.

टेडी डक से मिली सर्च अभियान में सफलता.

सर्च एन्ड रेस्क्यू ऑपरेशन टीम का नेतृत्व कर रहे आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी रतन सिंह सोनल ने कहा कि उनकी टीम को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि ये खोजी अभियान सफल हो पायेगा. मगर जैसे ही नंदा देवी अभियान के दौरान उन्हें टेडी डक मिला तो उनकी उम्मीदें बढ़ गईं. जिसके बाद उनकी टीम ने और जोश से सर्च अभियान चलाया. उन्होंने बताया कि जैसे ही उनकी टीम को टेडी डक मिला उनकी टीम बेहद भावुक हो गई थी.

टेडी डक के बारे में बताते हुए रतन सिंह सोनल ने कहा कि ये टेडी डक किसी महिला या अन्य विदेशी पर्वतारोही का हो सकता है. उन्होंने कहा कि टेडी डक के कारण ही हम 5 फीट बर्फ में दबी डेडबॉडी को ढूंढने में कामयाब हुए. रतन सिंह सोनाल ने कहा कि वो इस टेडी को अपने साथ लाये हैं ताकि इसे मृतक पर्वतारोहियों के परिवार तक पहुंचाया जा सके.

Intro:पिथौरागढ़: विश्व के सबसे बड़े सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन "डेयर डेविल" की सफलता का राज कुछ और नही बल्कि एक छोटा सा "टेडी डक" है। नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान जान गंवाने वाले विदेशी पर्वतारोहियों के समान के साथ एक टेडी डक भी मिला है। 17,000 फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर जब इस "टेडी डक" को ऑपरेशन के टीम लीडर रतन सिंह सोनाल ने खोजा तो सभी जवानों की आंखे नम हो गयी और इस अभियान को सफल बनाने का जोश जवानों में भर सा गया। विश्व के सबसे कठिन सर्च एन्ड रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी रतन सिंह सोनल ने कहा कि उनकी टीम को बिल्कुल भी उम्मीद नही थी कि ये खोजी अभियान सफल हो पायेगा मगर जब नंदा देवी अभियान के दौरान उन्हें ये "टेडी डक" मिला तो ये पल बेहद भावुक करने वाला था। ये टेडी डक किसी महिला या अन्य विदेशी पर्वतारोही का हो सकता था। इस टेडी ने ऑपरेशन में शामिल जवानों में नया जोश भरने का काम किया। जिस वजह से हम 5 फ़ीट बर्फ में दबी डैडबॉडी को ढूंढने में कामयाब हुए। रतन सिंह सोनाल ने कहा कि वो इस टेडी को अपने साथ लाये है ताकि इसे मृतक के परिवार तक पहुंचाया जा सके। Byte: रतन सिंह सोनाल, टीम लीडर, ऑपरेशन डेयर डेविल


Body:पिथौरागढ़: विश्व के सबसे बड़े सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन "डेयर डेविल" की सफलता का राज कुछ और नही बल्कि एक छोटा सा "टेडी डक" है। नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान जान गंवाने वाले विदेशी पर्वतारोहियों के समान के साथ एक टेडी डक भी मिला है। 17,000 फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर जब इस "टेडी डक" को ऑपरेशन के टीम लीडर रतन सिंह सोनाल ने खोजा तो सभी जवानों की आंखे नम हो गयी और इस अभियान को सफल बनाने का जोश जवानों में भर सा गया। विश्व के सबसे कठिन सर्च एन्ड रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी रतन सिंह सोनल ने कहा कि उनकी टीम को बिल्कुल भी उम्मीद नही थी कि ये खोजी अभियान सफल हो पायेगा मगर जब नंदा देवी अभियान के दौरान उन्हें ये "टेडी डक" मिला तो ये पल बेहद भावुक करने वाला था। ये टेडी डक किसी महिला या अन्य विदेशी पर्वतारोही का हो सकता था। इस टेडी ने ऑपरेशन में शामिल जवानों में नया जोश भरने का काम किया। जिस वजह से हम 5 फ़ीट बर्फ में दबी डैडबॉडी को ढूंढने में कामयाब हुए। रतन सिंह सोनाल ने कहा कि वो इस टेडी को अपने साथ लाये है ताकि इसे मृतक के परिवार तक पहुंचाया जा सके। Byte: रतन सिंह सोनाल, टीम लीडर, ऑपरेशन डेयर डेविल


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Last Updated : Jul 9, 2019, 7:58 AM IST
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