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अगस्त क्रांति के मौके पर आयोजित किये गये कार्यक्रम, आम लोगों के लिए खोली गई ऐतिहासिक जेल

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Published : Aug 9, 2019, 5:53 PM IST

देश की आजादी में अगस्त क्रांति का अपना ही अलग महत्व है. ये वो ही दिन था जिस दिन देश के परनावों ने अग्रेंजों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू की थी. इसी दिन को याद करते हुए शुक्रवार को प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रम किये गये.

अगस्त क्रांति के मौके पर आयोजित किये गये कार्यक्रम

अल्मोड़ा/पिथौरागढ़: महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को मुंबई से भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी. यह आंदोलन अगस्त क्रांति के रूप में जाना जाता है. अगस्त क्रांति के मौके पर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर आजादी के परवानों को याद किया गया. बात अगर अल्मोड़ा की करें तो यहां कि ऐतिहासिक जेल में स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई. वहीं, पिथौरागढ़ में भी इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. पिथौरागढ़ नगरपालिका सभागार में आयोजित कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया.

अगस्त क्रांति के मौके पर आयोजित किये गये कार्यक्रम

देश की आजादी में अगस्त क्रांति का अपना ही अलग महत्व है. ये वो ही दिन था जिस दिन देश के परनावों ने अग्रेंजों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू की थी. इसी दिन को याद करते हुए शुक्रवार को प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रम किये गये. इसी मौके पर अल्मोड़ा की एतिहासिक जेल को आम लोगों के लिए खोला गया. इस दौरान जिला कारागार में देश के वीर सपूतों को याद कर देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर अल्मोड़ा जेल नए ही स्वरूप में दिखाई दी. कई सालों से जेल की जर्जर हो चुकी जेल की इमारत और नेहरू वार्ड की मरम्मत कर बेहतरीन ढंग से सजाया गया.

पढ़ें-पहाड़ पर बारिश का कहर: रुद्रप्रयाग में 4 मकान जमींदोज, कई घरों में घुसा मलबा

बता दें कि अल्मोड़ा की ऐतिहासिक जेल में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू,भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत, हरगोविंद पंत सहित दर्जनों प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रह चुके हैं. अल्मोड़ा जिला जेल में चाचा नेहरू से जुड़ी यादें आज भी संरक्षित की गई हैं. जेल में नेहरू वार्ड है जहां पर उनकी कुर्सी ,चारपाई ,चरखा, लोटा, थाली को संभाल कर रखा गया है. जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया के कुछ अंश इसी जेल में लिखे थे. इस दौरान डीएम नितिन भदौरिया ने कहा कि पिछले 1 साल में जेल की ऐतिहासिक इमारत का जीर्णोद्धार किया गया है. आने वाले दिनों में नेहरू वार्ड को आम पर्यटकों के लिए खोलने का प्रयास किया जाएगा.

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वहीं, पिथौरागढ़ में भी अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर स्वाधीनता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन ने नगरपालिका सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें जिले भर के स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित परिवारों ने शिरकत की. इस दौरान सेनानियों ने आजादी की लड़ाई से जुड़े अपने संस्मरण सुनाए और युवा पीढ़ी को आजादी का मोल समझाया. इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया. अगस्त क्रांति के महत्व पर वक्ताओं ने विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन को आजादी के शंखनाद के रूप में हमेशा याद किया जाएगा.

अल्मोड़ा/पिथौरागढ़: महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को मुंबई से भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी. यह आंदोलन अगस्त क्रांति के रूप में जाना जाता है. अगस्त क्रांति के मौके पर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर आजादी के परवानों को याद किया गया. बात अगर अल्मोड़ा की करें तो यहां कि ऐतिहासिक जेल में स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई. वहीं, पिथौरागढ़ में भी इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. पिथौरागढ़ नगरपालिका सभागार में आयोजित कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया.

अगस्त क्रांति के मौके पर आयोजित किये गये कार्यक्रम

देश की आजादी में अगस्त क्रांति का अपना ही अलग महत्व है. ये वो ही दिन था जिस दिन देश के परनावों ने अग्रेंजों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई शुरू की थी. इसी दिन को याद करते हुए शुक्रवार को प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रम किये गये. इसी मौके पर अल्मोड़ा की एतिहासिक जेल को आम लोगों के लिए खोला गया. इस दौरान जिला कारागार में देश के वीर सपूतों को याद कर देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर अल्मोड़ा जेल नए ही स्वरूप में दिखाई दी. कई सालों से जेल की जर्जर हो चुकी जेल की इमारत और नेहरू वार्ड की मरम्मत कर बेहतरीन ढंग से सजाया गया.

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बता दें कि अल्मोड़ा की ऐतिहासिक जेल में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू,भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत, हरगोविंद पंत सहित दर्जनों प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रह चुके हैं. अल्मोड़ा जिला जेल में चाचा नेहरू से जुड़ी यादें आज भी संरक्षित की गई हैं. जेल में नेहरू वार्ड है जहां पर उनकी कुर्सी ,चारपाई ,चरखा, लोटा, थाली को संभाल कर रखा गया है. जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया के कुछ अंश इसी जेल में लिखे थे. इस दौरान डीएम नितिन भदौरिया ने कहा कि पिछले 1 साल में जेल की ऐतिहासिक इमारत का जीर्णोद्धार किया गया है. आने वाले दिनों में नेहरू वार्ड को आम पर्यटकों के लिए खोलने का प्रयास किया जाएगा.

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वहीं, पिथौरागढ़ में भी अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर स्वाधीनता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन ने नगरपालिका सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें जिले भर के स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित परिवारों ने शिरकत की. इस दौरान सेनानियों ने आजादी की लड़ाई से जुड़े अपने संस्मरण सुनाए और युवा पीढ़ी को आजादी का मोल समझाया. इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया. अगस्त क्रांति के महत्व पर वक्ताओं ने विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन को आजादी के शंखनाद के रूप में हमेशा याद किया जाएगा.

Intro:अगस्त क्रांति के अवसर पर आज आजादी के संघर्ष की गवाह रही अल्मोड़ा की ऐतिहासिक जेल में स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों को याद किया गया । इस अवसर पर डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान, डीएम नितिन भदोरिया, स्कूली बच्चों सहित तमाम संगठन के लोगों ने देश के वीर सपूतों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।


Body:अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर आज अल्मोड़ा जेल आम लोगों के लिए खोला गया इस दौरान जिला कारागार में देश के वीर सपूतों को याद कर देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर अल्मोड़ा जेल नए स्वरूप में दिखाई दी। कई सालों से जेल की जर्जर हो चुकी इमारत और नेहरू वार्ड की मरम्मत कर बेहतरीन ढंग से सजाया गया । हर साल 9 अगस्त को अगस्त क्रांति के अवसर पर जेल में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
आपको बता दें कि ऐतिहासिक जेल अल्मोड़ा में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ,भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत, हरगोविंद पंत सहित दर्जनों प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रह चुके हैं ।अल्मोड़ा जिला जेल में चाचा नेहरू से जुड़ी यादें आज भी संरक्षित की गई हैं ।जेल में नेहरू वार्ड है जहां पर उनकी कुर्सी ,चारपाई ,चरखा, लोटा, थाली को संभाल कर रखा है। जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया के कुछ अंश उस दौरान जेल में रहकर लिखे थे ।
इस दौरान डीएम नितिन भदौरिया ने कहा कि पिछले 1 साल में जेल की ऐतिहासिक इमारत का जीर्णोद्धार किया गया है, आने वाले दिनों में नेहरू वार्ड को आम पर्यटकों के लिए खोलने का प्रयास किया जाएगा।

बाइट-नितिन भदौरिया, डीएम
बाइट रघुनाथ सिंह चौहान, डिप्टी स्पीकर


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