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रूफ टॉप गार्डनिंग कर लोगों के लिए नजीर पेश कर रहे जेसी पंत, छत पर उगा रहे कई सब्जियां

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Published : Jan 18, 2020, 4:30 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 8:37 PM IST

पंत रूफ टॉप गार्डनिंग के जरिए छत पर धनिया, राई, मूली, मेथी, लहसुन, हल्दी, अदरख, प्याज का तो उत्पादन तो कर ही रहे हैं, साथ ही वे यहां हिमालय की कई जड़ी-बूटियां भी उगा रहे हैं. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होने वाला जम्बू और सिल्फोड़ा भी यहां बखूबी उग रहा है.

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नजीर पेश कर रहे जेसी पंत

पिथौरागढ़: जिले में पेशे से डीडीओ रहे जेसी पंत इन दिनों शहर में चर्चाओं का विषय बने हुए हैं. जेसी पंत ने 20 बाई 15 की छोटी सी रूफ टॉप गार्डनिंग की है, जोकि शहर में मिसाल के तौर पर देखे जा रहे हैं. पंत ने छत पर वैज्ञानिक तरीके से बागवानी की है, जिससे उनकी साल भर की फलों और सब्जियों की जरूरत पूरी हो जाती है. कई बार रूफ टॉप गार्डनिंग से इतनी पैदावार हो जाती है कि पड़ोसियों की भी जरूरतें इससे पूरी हो जाती हैं.

नजीर पेश कर रहे जेसी पंत
पंत रूफ टॉप गार्डनिंग के जरिए छत पर धनिया, राई, मूली, मेथी, लहसुन, हल्दी, अदरख, प्याज का तो उत्पादन तो कर ही रहे हैं, साथ ही वे यहां हिमालय की कई जड़ी-बूटियां भी उगा रहे हैं. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होने वाला जम्बू और सिल्फोड़ा भी यहां बखूबी उग रहा है. पंत ने फूलों की भी कई किस्में भी छत पर लगाई हैं. सिंचाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी तैयार किया है. जिससे साल भर पौधों की सिंचाई की जाती है.

पढ़ें-एक्शन का डर: एकाएक प्रकट हुए गायब डॉक्टर, ज्वाइनिंग के लिए लगाई हाजिरी

वहीं, समय के साथ-साथ शहर भी पूरी तरह इन दिनों कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होते जा रहे है, ऐसे में लोगों के पास बागवानी के लिए थोड़ी सी भी जमीन नहीं बची है. पंत का ये प्रयोग उन लोगों के लिए एक सीख है, जो शहरों में रहते हुए बागवानी का शौक रखते हैं. साथ ही ये तरीका शहर के बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार मुहैया कराने का भी एक जरिया हो सकता है.

पिथौरागढ़: जिले में पेशे से डीडीओ रहे जेसी पंत इन दिनों शहर में चर्चाओं का विषय बने हुए हैं. जेसी पंत ने 20 बाई 15 की छोटी सी रूफ टॉप गार्डनिंग की है, जोकि शहर में मिसाल के तौर पर देखे जा रहे हैं. पंत ने छत पर वैज्ञानिक तरीके से बागवानी की है, जिससे उनकी साल भर की फलों और सब्जियों की जरूरत पूरी हो जाती है. कई बार रूफ टॉप गार्डनिंग से इतनी पैदावार हो जाती है कि पड़ोसियों की भी जरूरतें इससे पूरी हो जाती हैं.

नजीर पेश कर रहे जेसी पंत
पंत रूफ टॉप गार्डनिंग के जरिए छत पर धनिया, राई, मूली, मेथी, लहसुन, हल्दी, अदरख, प्याज का तो उत्पादन तो कर ही रहे हैं, साथ ही वे यहां हिमालय की कई जड़ी-बूटियां भी उगा रहे हैं. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होने वाला जम्बू और सिल्फोड़ा भी यहां बखूबी उग रहा है. पंत ने फूलों की भी कई किस्में भी छत पर लगाई हैं. सिंचाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी तैयार किया है. जिससे साल भर पौधों की सिंचाई की जाती है.

पढ़ें-एक्शन का डर: एकाएक प्रकट हुए गायब डॉक्टर, ज्वाइनिंग के लिए लगाई हाजिरी

वहीं, समय के साथ-साथ शहर भी पूरी तरह इन दिनों कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होते जा रहे है, ऐसे में लोगों के पास बागवानी के लिए थोड़ी सी भी जमीन नहीं बची है. पंत का ये प्रयोग उन लोगों के लिए एक सीख है, जो शहरों में रहते हुए बागवानी का शौक रखते हैं. साथ ही ये तरीका शहर के बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार मुहैया कराने का भी एक जरिया हो सकता है.

Intro:पिथौरागढ़: शहरों में रहने वाले लोग इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि कैसे अपने घर में हरी सब्जियां लगाएं? मगर पिथौरागढ़ जिले में पेशे से डीडीओ रहे जेसी पंत ने कुछ ऐसी तरकीब निकली कि हर कोई हैरान है। पंत ने 20 बाई 15 की छोटी सी छत में रूफ टॉप गर्डनिंग की जो मिशाल पेश की वो सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। पंत ने इस छोटी सी छत पर वैज्ञानिक तरीके से बागवानी की है, जिससे उनकी साल भर की फलों और सब्जियों की जरूरत पूरी हो जाती है। कई बार तो पैदावार इतनी ज्यादा हो जाती है कि पड़ोसियों की भी जरूरतें पूरी हो जाती है।

Body:आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस छोटी सी छत में धनिया, राई, मूली, मैथी, लहसन, हल्दी, अदरख, प्याज का तो उत्पादन होता ही है, साथ ही हिमालय की कई जड़ी-बूटियां भी पैदा की जाती है। उच्च हिमालयी इलाकों में होने वाला जम्बू और सिल्फोडा भी यहां बखूबी पैदा हो रहा है। पंत ने फूलों की भी कई किस्में छत में लगाई है। सिंचाई की जरूरूतों को पूरा करने के लिए रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी बनाया गया है, जिससे साल भर पोधों की सिंचाई भी हो जाती है।

Conclusion:समय के साथ साथ पहाड़ी शहर पूरी तरह कंकरीट के जंगलों में तब्दील होते जा रहे हैं, ऐसे में लोगों के पास बागवानी के लिए रत्ती भर भी जमीन नही बची है। मगर कहते है आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। जब लोगों को जरूरत महसूस हुई तो उन्होंने तरीका भी ईजाद कर लिया। पंत का ये अद्भुत प्रयोग उन लोगों के लिए एक सीख है जो शहरों में रहते है और बागवानी का शौक रखते है। साथ ही ये तरीका शहर के बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार भी मुहैया करा सकता है।

Byte: जेसी पंत, प्रगतिशील बागवान
Byte: जेसी पंत, प्रगतिशील बागवान
Last Updated : Jan 18, 2020, 8:37 PM IST
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