ETV Bharat / city

अंदर से खोखला और बाहर चकाचक दिखता है ये स्कूल, जान हथेली पर रखकर गढ़ा जा रहा 'भविष्य'

राजकीय प्राथमिक विद्यालय हीपा में इस समय 21 बच्चे अध्ययनरत हैं, जिन्हें पढ़ाने के लिए यहां दो शिक्षक तैनात किये गये हैं. यहां के विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जो कि कभी भी किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकता है.

disreputable-school-building
जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को मजबूर छात्र
author img

By

Published : Jan 4, 2020, 11:01 PM IST

बेरीनाग: सरकार भले ही सभी को अच्छी शिक्षा देने के लाख दावे करती हो, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है. प्रदेश में सरकारी विद्यालयों की हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है. बात अगर यहां की व्यवस्थाओं की करें तो वो भी राम भरोसे ही हैं. कई सरकारी विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं तो कहीं स्कूलों की हालत इतनी जर्जर है कि वे कभी भी गिर सकते हैं. ऐसा ही एक स्कूल बेरीनाग का दूरस्थ गांव हीपा में हैं जहां बच्चे जान हथेली पर रखकर पढ़ने को मजबूर हैं.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय हीपा में इस समय 21 बच्चे अध्ययनरत हैं जिन्हें पढ़ाने के लिए यहां दो शिक्षक तैनात किये गये हैं. बाात अगर स्कूल के भवन की करें तो बाहर से देखने पर ये बिल्कुल ठीक लगता है. मगर अंदर जाकर इसकी असली हालत का पता चलता है. विद्यालय का ये भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जो कि कभी भी किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकता है.

disreputable-school-building
खुले में पढ़ते छात्र.

पढ़ें-बदहाल बस अड्डे से यात्रियों को मिलेगी निजात, 2 करोड़ की लागत से होगा कायाकल्प

इस भवन की जर्जर हालत के कारण शिक्षक भी बच्चों को यहां पढ़ाने से डरते हैं. नतीजा ठंड हो या फिर बरसात बच्चों को बाहर ही पढ़ना पड़ता है. बरसात के दिनों की बात करें तो तब यहां हालात और भी खराब हो जाते हैं. बारिश के पानी से कक्षायें लबालब भर जाती हैं.

जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को मजबूर छात्र

पढ़ें-नैनीताल: झील से महिला का शव बरामद, जांच में जुटी पुलिस

अभिभावकों ने बताया कि बच्चों को स्कूल भेजना खतरे से खाली नहीं है. कई बार अधिकारियों को विद्यालय के भवन के बारे में जानकारी दी गई. लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. ग्राम प्रधान चामू सिंह ने बताया कि कई बार क्षेत्र पंचायत की बैठक में स्कूल भवन के खस्ताहाल होने की जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी गई है लेकिन पिछले पांच सालों से भवन की मरमत तक नहीं हुई. उन्होंने कहा अगर भविष्य में कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी.

पढ़ें-RTO और पुलिस ने नशेड़ी वाहन चालकों पर कसा शिकंजा, 113 चालान काटे गए

वहीं खंड शिक्षा अधिकारी तरूण पंत ने बताया कि विद्यालय भवन के सुधारीकरण का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है. जिसके पास होते ही भवन को सुधारीकरण का काम शुरू करवा दिया जाएगा.

बेरीनाग: सरकार भले ही सभी को अच्छी शिक्षा देने के लाख दावे करती हो, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है. प्रदेश में सरकारी विद्यालयों की हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है. बात अगर यहां की व्यवस्थाओं की करें तो वो भी राम भरोसे ही हैं. कई सरकारी विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं तो कहीं स्कूलों की हालत इतनी जर्जर है कि वे कभी भी गिर सकते हैं. ऐसा ही एक स्कूल बेरीनाग का दूरस्थ गांव हीपा में हैं जहां बच्चे जान हथेली पर रखकर पढ़ने को मजबूर हैं.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय हीपा में इस समय 21 बच्चे अध्ययनरत हैं जिन्हें पढ़ाने के लिए यहां दो शिक्षक तैनात किये गये हैं. बाात अगर स्कूल के भवन की करें तो बाहर से देखने पर ये बिल्कुल ठीक लगता है. मगर अंदर जाकर इसकी असली हालत का पता चलता है. विद्यालय का ये भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जो कि कभी भी किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकता है.

disreputable-school-building
खुले में पढ़ते छात्र.

पढ़ें-बदहाल बस अड्डे से यात्रियों को मिलेगी निजात, 2 करोड़ की लागत से होगा कायाकल्प

इस भवन की जर्जर हालत के कारण शिक्षक भी बच्चों को यहां पढ़ाने से डरते हैं. नतीजा ठंड हो या फिर बरसात बच्चों को बाहर ही पढ़ना पड़ता है. बरसात के दिनों की बात करें तो तब यहां हालात और भी खराब हो जाते हैं. बारिश के पानी से कक्षायें लबालब भर जाती हैं.

जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को मजबूर छात्र

पढ़ें-नैनीताल: झील से महिला का शव बरामद, जांच में जुटी पुलिस

अभिभावकों ने बताया कि बच्चों को स्कूल भेजना खतरे से खाली नहीं है. कई बार अधिकारियों को विद्यालय के भवन के बारे में जानकारी दी गई. लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. ग्राम प्रधान चामू सिंह ने बताया कि कई बार क्षेत्र पंचायत की बैठक में स्कूल भवन के खस्ताहाल होने की जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी गई है लेकिन पिछले पांच सालों से भवन की मरमत तक नहीं हुई. उन्होंने कहा अगर भविष्य में कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी.

पढ़ें-RTO और पुलिस ने नशेड़ी वाहन चालकों पर कसा शिकंजा, 113 चालान काटे गए

वहीं खंड शिक्षा अधिकारी तरूण पंत ने बताया कि विद्यालय भवन के सुधारीकरण का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है. जिसके पास होते ही भवन को सुधारीकरण का काम शुरू करवा दिया जाएगा.

Intro:खतरे के साया में पडने को मजबूर बच्चे Body:टांप-बेरीनाग।
स्लग- खतरे की साये स्कूली बच्चे
प्रदीप महरा बेरीनाग की खास रिपोर्ट
एंकर। सरकार भले बच्चों को अच्छी शिक्षा व्यवस्था देने की लाख दावे करती है। लेकिन सरकारी विद्यालयों की हालत जिस तरह से खराब होती जा रही है।प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में कही पर शिक्षक नही है तो कही विद्यालय की हालत जर्जर है।कई समस्याओं के बाद बीच बच्चे अपने भविष्य की नींव रख रहे है। विकास खंड बेरीनाग का दूरस्थ राजकीय प्राथमिक विद्यालय हीपा जहां पर पिछले एक दशक से विद्यालय में पढने वाले बच्चे खतरे से साया में पढ़ने को मजबूर है।

वीओ 01- राजकीय प्राथमिक विद्यालय हीपा में वर्तमान में 21 बच्चे अध्ययनरत है यहां पर दो शिक्षक भी तैनात है विद्यालय का भवन तो बाहर से देखने में अच्छा लगता है विद्यालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है जिसमें कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। शिक्षक आये दिन डर के साये में बच्चों को पढ़ाने को मजबूर है। ठंड के दिनों तो बाहर धूप में बैठाकर पडाते है।गर्मीयों में पेड के छाव में बच्चों को पड़ाते है सबसे अधिक परेशानी बरसात के मौसम में होती है जब विद्यालय भवन के अंदर कक्षायें बारिश से लबालब और बाहर भी बारिश से लबालब होता है तब शिक्षकों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो जाती है। स्कूल प्रबंधक समिति बच्चों की पढ़ाई के चारपाई की व्यवस्था कर रखी है जिसमें छतरी ओडकर पढ़ाई करने को मजबूर होते है।और हमेशा डर भी बना रहता है जिस छत के नीचे बैठे है उस छत की सभी सरिया बाहर दिखाई दे रही है दीवारो में जगह दरारे पडी हुई है। विद्यालय के शिक्षक बताते है कई बार भवन के खस्ताहाल के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है मजबूरी में बच्चों को बरसात में चारपाई और ठंड के मौसम में बाहर
बाइट 1- विद्यार्थी



वीओ 02- अभिभावकों ने बताया कि बच्चों को यहां पर भेजना किसी खतरे से खाली नही है कई बार अधिकारियों को विद्यालय के भवन को ठीक करने के लिए बता दिया है ।लेकिन उसके बाद भी हालात जस के तस बने हुए है। क्षेत्र के ग्राम प्रधान चामू सिंह ने बताया कि कई बार क्षेत्र पंचायत की बैठक में स्कूल भवन के खस्ताहाल होने की जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी। लेकिन पिछले पांच वर्षो से भवन की मरमत तक नही हुई है यदि भविष्य में कोई हादसा होता है तो शिक्षा विभाग इसके लिए जिम्मेदार रहेगा। उधर ब्लाक प्रमुख विनीता बाफिला ने बताया कि विद्यालय के हालत को देखने हुए शीघ्र विद्यालय भवन की मरमत और तब तक कही अन्य अस्थाई व्यवस्था करने के आदेश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिये है। खंड शिक्षा अधिकारी तरूण पंत ने बताया कि विद्यालय भवन के सुधारीकरण का प्रस्ताव बनाकर भेजा हुआ है धनराशी मिलते ही भवन को सुधारीकरण कर लिया जायेगा।
बाइट 4- चामू सिंह प्रधान हीपा
बाइट 5-विनीता बाफिला ब्लाक प्रमुख बेरीनाग।
बाइट 6- तरूण पंत खंड शिक्षा अधिकारी बेरीनाग।

फाइनल वीओ-जिस तरह स्कूल में बच्चे पड़ रहे है वह किसी खतरे से कम नही है कभी भी हादसा हो सकता है अधिकारियों के अपने दावे है लेकिन अब देखना होेगा की कब तक विद्यालय के हालातों को ठीक किया जाता है
बेरीनाग से प्रदीप महरा की खास रिपोर्ट Conclusion:लापरवाही
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.