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स्वामी चिदानंद की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

ऋषिकेश के वीरपुर खुर्द, वीरभद्र समेत गंगा नदी के किनारे 8 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने स्वामी चिदानंद, राज्य सरकार समेत अन्य लोगों को नोटिस जारी किया है.

अधिवक्ता विवेक शुक्ला.
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Published : Sep 26, 2019, 9:43 PM IST

नैनीताल: ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन, वीरपुर खुर्द, वीरभद्र समेत गंगा नदी के किनारे 8 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है. इस मामल में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने स्वामी चिदानंद, राज्य सरकार, सचिव राजस्व विभाग, सचिव वन विभाग, डीएम हरिद्वार समेत रीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर हरिद्वार को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

अधिवक्ता विवेक शुक्ला.

बता दें कि हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि मुनि चिदानंद ने सन 2000 से 2019 तक ऋषिकेश के वीरपुर खुर्द और वीरभद्र क्षेत्र में गंगा किनारे करीब 8 हेक्टेयर रिजर्व वन क्षेत्र की भूमि पर अवैध कब्जा किया हुआ है. जिसमें अवैध रूप से 52 कमरों का निर्माण किया गया है और इसमें गौशाला भी बनाई गई है.

पढ़ें: रोडवेज कर्मियों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, सरकार को वेतन के लिए 12 करोड़ जारी करने के आदेश

याचिकाकर्ता का कहना है कि स्वामी चिदानंद इस क्षेत्र मे गांव गंगा गोकुल के नाम पर आश्रम चला रहे हैं, जिसपर जिला प्रशासन, राजस्व विभाग और वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. रिजर्व फॉरेस्ट में अतिक्रमण होने के बावजूद भी वन विभाग, राजस्व विभाग तथा पशुलोक विभाग बात की अनदेखी कर रहे हैं. साथ ही कहा कि स्वामी चिदानंद के राजनीतिक पहुंच की वजह से कोई भी व्यक्ति आवाज उठाने को तैयार नहीं है.

नैनीताल: ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन, वीरपुर खुर्द, वीरभद्र समेत गंगा नदी के किनारे 8 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है. इस मामल में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने स्वामी चिदानंद, राज्य सरकार, सचिव राजस्व विभाग, सचिव वन विभाग, डीएम हरिद्वार समेत रीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर हरिद्वार को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

अधिवक्ता विवेक शुक्ला.

बता दें कि हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि मुनि चिदानंद ने सन 2000 से 2019 तक ऋषिकेश के वीरपुर खुर्द और वीरभद्र क्षेत्र में गंगा किनारे करीब 8 हेक्टेयर रिजर्व वन क्षेत्र की भूमि पर अवैध कब्जा किया हुआ है. जिसमें अवैध रूप से 52 कमरों का निर्माण किया गया है और इसमें गौशाला भी बनाई गई है.

पढ़ें: रोडवेज कर्मियों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, सरकार को वेतन के लिए 12 करोड़ जारी करने के आदेश

याचिकाकर्ता का कहना है कि स्वामी चिदानंद इस क्षेत्र मे गांव गंगा गोकुल के नाम पर आश्रम चला रहे हैं, जिसपर जिला प्रशासन, राजस्व विभाग और वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. रिजर्व फॉरेस्ट में अतिक्रमण होने के बावजूद भी वन विभाग, राजस्व विभाग तथा पशुलोक विभाग बात की अनदेखी कर रहे हैं. साथ ही कहा कि स्वामी चिदानंद के राजनीतिक पहुंच की वजह से कोई भी व्यक्ति आवाज उठाने को तैयार नहीं है.

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स्वामी चिदानंद की कि नैनीताल हाईकोर्ट से बढ़ सकती हैं मुश्किलें हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस।

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ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन, वीरपुर खुर्द, वीरभद्र ऋषिकेश के निकट गंगा नदी के किनारे 8 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने स्वामी चिदानंद, राज्य सरकार, सचिव राजस्व विभाग, सचिव वन विभाग, डीएम हरिद्वार समेत रीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर हरिद्वार को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।


Body:आपको बता दें कि हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि मुनि चिदानंद ने सन 2000 से 2019 तक ऋषिकेश के बीरपुर खुर्द, वीरभद्र क्षेत्र में गंगा किनारे करीब 8 हेक्टेयर रिजर्व वन क्षेत्र की भूमि पर अवैध कब्जा करा है साथ इस क्षेत्र में अवैध रूप से 52 कमरों का निर्माण किया गया है और इसमें गौशाला भी बनाई गई है, और स्वामी चिदानंद इस क्षेत्र मे गांव गंगा गोकुल के नाम पर आश्रम चला रहे हैं जिस पर जिला प्रशासन, राजस्व विभाग और वन विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।
साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि स्वामी चिदानंद के राजनीतिक पहुंच और भाई की वजह से कोई भी व्यक्ति आवाज उठाने को तैयार नहीं है, जिस वजह से चिदानंद अन्य क्षेत्रों में भी अवैध रूप से अतिक्रमण कर रहा है।


Conclusion: याचिकाकर्ता का कहना है कि रिजर्व फॉरेस्ट में अतिक्रमण होने के बावजूद भी वन विभाग, राजस्व विभाग तथा पशुलोक विभाग बात की अनदेखी कर रहे हैं।
मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने अतिक्रमण मामले पर राज्य सरकार, स्वामी चिदानंद, सचिव राजस्व, सचिव वन, डीएम हरिद्वार, रीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर हरिद्वार को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।

बाईट- विवेक शुक्ला, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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