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NIT मामले में हाई कोर्ट सख्त, केंद्र और राज्य सरकार से फिर मांगा जवाब

श्रीनगर में एनआईटी के स्थाई कैंपस के मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही एनआईटी के निदेशक को भी बिना किसी दबाव में जवाब पेश करने को कहा है.

NIT सुमाड़ी पर सख्त हुआ नैनीताल हाई कोर्ट.
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Published : Jul 16, 2019, 7:23 AM IST

नैनीताल: एनआईटी सुमाड़ी में स्थाई कैंपस निर्माण मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को एक बार फिर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही एनआईटी के निदेशक को शपथ पत्र पेश करने को कहा है. कोर्ट ने एनआईटी के निदेशक से पूछा कि नए सत्र में छात्रों को एनआईटी स्तर की सुविधाएं दी जा रही हैं या नहीं?

नैनीताल हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एनआईटी के स्थाई कैंपस निर्माण की समय सीमा न बताने को लेकर भी नाराजगी जताई है. मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए दोनों को जवाब पेश करने को कहा है.

NIT सुमाड़ी पर सख्त हुआ नैनीताल हाई कोर्ट.

पढ़ें: खतरे में नैनीताल, IIRS की टीम ने ड्रोन से लिया जायजा

बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उनके कॉलेज को बने हुए 9 साल हो गए हैं. लेकिन 9 साल के बाद भी एनआईटी को स्थाई कैंपस नहीं मिला. जिसको लेकर छात्र काफी लंबे समय से मांग कर रहे हैं. मगर सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अभी छात्र जिस जगह पर पढ़ रहे हैं, वह बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो गई है और किसी भी वक्त बड़े हादसे का शिकार हो सकती है.

याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि कैंपस की मांग कर रहे छात्रों में एक छात्रा की प्रदर्शन के दौरान हादसे में मौत हो गई थी. जबकि एक अन्य छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गया था. जिसका उपचार चल रहा है. लिहाजा राज्य सरकार और एनआईटी मिलकर इस छात्रा का इलाज करवाएं.

नैनीताल: एनआईटी सुमाड़ी में स्थाई कैंपस निर्माण मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को एक बार फिर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही एनआईटी के निदेशक को शपथ पत्र पेश करने को कहा है. कोर्ट ने एनआईटी के निदेशक से पूछा कि नए सत्र में छात्रों को एनआईटी स्तर की सुविधाएं दी जा रही हैं या नहीं?

नैनीताल हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एनआईटी के स्थाई कैंपस निर्माण की समय सीमा न बताने को लेकर भी नाराजगी जताई है. मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए दोनों को जवाब पेश करने को कहा है.

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बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उनके कॉलेज को बने हुए 9 साल हो गए हैं. लेकिन 9 साल के बाद भी एनआईटी को स्थाई कैंपस नहीं मिला. जिसको लेकर छात्र काफी लंबे समय से मांग कर रहे हैं. मगर सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अभी छात्र जिस जगह पर पढ़ रहे हैं, वह बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो गई है और किसी भी वक्त बड़े हादसे का शिकार हो सकती है.

याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि कैंपस की मांग कर रहे छात्रों में एक छात्रा की प्रदर्शन के दौरान हादसे में मौत हो गई थी. जबकि एक अन्य छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गया था. जिसका उपचार चल रहा है. लिहाजा राज्य सरकार और एनआईटी मिलकर इस छात्रा का इलाज करवाएं.

Intro:Summry
श्री नगर के सुमाड़ी में एनआईटी के स्थाई केंपस निर्माण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को एक बार फिर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।

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मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एनआईटी के निर्देशक को शपथ पत्र पेश कर जवाब देने को कहा है,, कोर्ट ने एनआईटी के निर्देशक से पूछा है कि नए सत्र में छात्रों को एनआईटी स्तर की सुविधाएं दी जा रही है या नहीं,,वहीं केंद्र और राज्य सरकार द्वारा आज तक एनआईटी के स्थाई निर्माण की समय सीमा नहीं बताने पर मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने नाराजगी भी व्यक्ति की है,,
कोर्ट ने सरकार से कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार एनआईटी स्थाई निर्माण के मामले पर अपना जवाब पेश करें।


Body:आपको बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके कॉलेज के बने हुए 9 साल हो गए हैं लेकिन 9 सालों के बाद भी एनआईटी को स्थाई कैंपस नहीं मिला, जिस को लेकर छात्र काफी लंबे समय से स्थाई कैंपस की मांग कर रहे हैं मगर सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया साथ ही अभी छात्र सी जगह पर हैं हैं वह बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर है और इस बिल्डिंग में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है


Conclusion:साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि कैंपस की मांग कर रहे छात्रों की प्रदर्शन के दौरान हादसे में एक छात्रा की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल है जिसका उपचार चल रहा है लिहाजा राज्य सरकार और एनआईटी मिलकर इस छात्रा का इलाज करें, वहीं इससे पहले केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एनआईटी को उत्तराखंड से जयपुर शिफ्ट करने पर कोर्ट ने नाराजगी भी करते की थी जिसके बाद आज राज्य सरकार ने कदम पीछे खींचते हुए एनआईटी श्रीनगर के सुमड़ी में ही बनाने का निर्णय लिया है,मामले में 2 सप्ताह बाद एक बार फिर अहम सुनवाई होगी।

बाईट-अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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