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कूड़ा निस्तारण पर हाईकोर्ट सख्त,  मुख्य सचिव और डीएम बागेश्वर से मांगा जवाब - प्रदेश के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस

नैनीताल हाई कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव, डीएम बागेश्वर और एएमए जिला पंचायत को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने तीनों से एक हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा है.

अधिवक्ता डीके जोशी.
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Published : Sep 17, 2019, 12:59 AM IST

Updated : Sep 17, 2019, 8:20 AM IST

नैनीताल: हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करना प्रदेश के मुख्य सचिव और डीएम बागेश्वर समेत एएमए जिला पंचायत को महंगा पड़ गया. नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने कोर्ट के आदेश का पालन न करने को लेकर तीनों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी की है. साथ ही तीनों को सप्ताह के अंदर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

अधिवक्ता डीके जोशी.

बता दें कि गरुड़ निवासी अधिवक्ता डीके जोशी ने बागेश्वर और गरुड़ बाजार में हो रही गंदगी को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि पिछले 10 सालों से गरुड़ बाजार और गोलू मार्केट में सड़कों के किनारे कूड़े का अंबार लगा रहता है. इसको हटाने के लिए राज्य सरकार समेत नगर पालिका बागेश्वर द्वारा कोई प्रबंध नहीं किया गया है. कूड़े की वजह से स्थानीय और स्कूली बच्चों में बीमारियां भी फैल रही है.

पढ़ें: पंचायत के एक्शन में 'पावर' दिखाने के लिए दलों ने कसी कमर, तारीखों का हुआ एलान

वहीं, नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने डीएम बागेश्वर को 3 महीने में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था और ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने को लेकर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने के आदेश दिए थे. साथ ही कूड़ा निस्तारण के लिए केंद्रीय नियमावली व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नियम 2016 के प्रावधानों का पालन करने के निर्देश दिए थे.

कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का एक साल बाद भी पालन न होने के बाद याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव, डीएम बागेश्वर समेत एएमए जिला पंचायत बागेश्वर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करना प्रदेश के मुख्य सचिव और डीएम बागेश्वर समेत एएमए जिला पंचायत को महंगा पड़ गया. नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने कोर्ट के आदेश का पालन न करने को लेकर तीनों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी की है. साथ ही तीनों को सप्ताह के अंदर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

अधिवक्ता डीके जोशी.

बता दें कि गरुड़ निवासी अधिवक्ता डीके जोशी ने बागेश्वर और गरुड़ बाजार में हो रही गंदगी को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि पिछले 10 सालों से गरुड़ बाजार और गोलू मार्केट में सड़कों के किनारे कूड़े का अंबार लगा रहता है. इसको हटाने के लिए राज्य सरकार समेत नगर पालिका बागेश्वर द्वारा कोई प्रबंध नहीं किया गया है. कूड़े की वजह से स्थानीय और स्कूली बच्चों में बीमारियां भी फैल रही है.

पढ़ें: पंचायत के एक्शन में 'पावर' दिखाने के लिए दलों ने कसी कमर, तारीखों का हुआ एलान

वहीं, नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने डीएम बागेश्वर को 3 महीने में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था और ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने को लेकर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने के आदेश दिए थे. साथ ही कूड़ा निस्तारण के लिए केंद्रीय नियमावली व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नियम 2016 के प्रावधानों का पालन करने के निर्देश दिए थे.

कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का एक साल बाद भी पालन न होने के बाद याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव, डीएम बागेश्वर समेत एएमए जिला पंचायत बागेश्वर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

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नैनीताल हाई कोर्ट से प्रदेश के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी।

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नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करना प्रदेश के मुख्य सचिव और डीएम बागेश्वर समेत ए एम ए जिला पंचायत को महंगा पड़ गया, नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने कोर्ट के आदेश का पालन ना करने पर मुख्य सचिव, डीएम बागेश्वर और ए एम ए जिला पंचायत सदस्य के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करा है,साथ ही सभी तीनो को सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।


Body:आपको बता दें कि गरुड़ निवासी अधिवक्ता डीके जोशी ने बागेश्वर और गरुड़ के बाजार में हो रही गंदगी को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जिसमें कहा गया था कि पिछले 10 वर्षों से गरुड़ बाजार और गोलू मार्केट में सड़कों के किनारे कूड़े का अंबार लगा रहता है और घनी आबादी वाले क्षेत्र में जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा रहा है और इसको हटाने के लिए राज्य सरकार समेत नगर पालिका बागेश्वर द्वारा कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं, कूड़े की वजह से स्थानीय लोगों, पर्यटको समेत स्कूली बच्चो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं कूड़े की वजह से बागेश्वर गरुड़ में विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी फैल रही है।


Conclusion:जिसको देखते थे नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पूर्व में राज्य सरकार और डीएम बागेश्वर को आदेश दिए थे कि वो 3 महीने के भीतर बागेश्वर में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करें और ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने को लेकर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजें साथ ही कूड़ा निस्तारण हेतु केंद्रीय नियमावली वह सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट के नियम 2016 के प्रावधानों का पालन करें।
वही कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का 1 साल बाद भी पालन ना होने के बाद याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की, मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव, डीएम बागेश्वर समेत ए एम ए जिला पंचायत बागेश्वर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।

बाईट-डी के जोशी,अधिवक्ता।
Last Updated : Sep 17, 2019, 8:20 AM IST
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