नैनीताल: हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करना प्रदेश के मुख्य सचिव और डीएम बागेश्वर समेत एएमए जिला पंचायत को महंगा पड़ गया. नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने कोर्ट के आदेश का पालन न करने को लेकर तीनों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी की है. साथ ही तीनों को सप्ताह के अंदर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि गरुड़ निवासी अधिवक्ता डीके जोशी ने बागेश्वर और गरुड़ बाजार में हो रही गंदगी को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि पिछले 10 सालों से गरुड़ बाजार और गोलू मार्केट में सड़कों के किनारे कूड़े का अंबार लगा रहता है. इसको हटाने के लिए राज्य सरकार समेत नगर पालिका बागेश्वर द्वारा कोई प्रबंध नहीं किया गया है. कूड़े की वजह से स्थानीय और स्कूली बच्चों में बीमारियां भी फैल रही है.
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वहीं, नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने डीएम बागेश्वर को 3 महीने में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था और ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाने को लेकर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने के आदेश दिए थे. साथ ही कूड़ा निस्तारण के लिए केंद्रीय नियमावली व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नियम 2016 के प्रावधानों का पालन करने के निर्देश दिए थे.
कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का एक साल बाद भी पालन न होने के बाद याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव, डीएम बागेश्वर समेत एएमए जिला पंचायत बागेश्वर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.