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पारा गिरते ही लोग करने लगे 'गर्मी का जुगाड़', 40% बढ़ा कारोबार

नैनीताल में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिसके कारण बाजारों में हीटर की मांग बढ़ गई है. मांग बढ़ने से बाजार में हीटरों की कमी भी देखने को मिल रही है.

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पारा गिरते ही बढ़ने लगी हीटरों की मांग
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Published : Jan 13, 2020, 7:17 PM IST

नैनीताल: पारा चढ़ते ही ब्लोअर, हीटर, गीजर का बाजार गर्म हो गया है. इसके साथ ही ऊनी कपड़ों की भी खरीदारी बढ़ गई है. शहर में मौसम का मिजाज बदलने के बाद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की डिमांड बढ़ गई है. बढ़ी डिमांड के कारण लोगों को हीटर लेने के लिए खासी मश्क्कत करनी पड़ रही है.

उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिसके कारण बाजारों में हीटर की मांग बढ़ गई है. पिछले सालों की अपेक्षा इस साल करीब हिटर के कारोबार में 40% की बढ़ोतरी देखने को मिली है. जिसके कारण अब बाजार में हीटरों की कमी होने लगी है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पारा गिरते ही बढ़ने लगी हीटरों की मांग

पढ़ें-कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिये धरती पर स्वयं उतरे 'यमराज'

जहां एक तरफ बाजार में हीटरों की चमक बढ़ने लगी है तो वहीं दूसरी तरफ हिटरों की वजह से लकड़ी और कोयले का कारोबार घटने लगा है. बीते करीब 10 साल पहले नैनीताल और उसके आसपास के क्षेत्रों में लोग ठंड से बचने के लिए लकड़ी और कोयले की खरीदारी के लिए लंबी-लंबी लाइने लगाते थे. लेकिन बदलते समय के साथ-साथ लोगों ने ठंड से पार पाने के लिए नए माध्यम भी ढूंढ लिये हैं. वन विकास निगम की मानें तो पिछले साल की अपेक्षा इस बार करीब 50% से अधिक लोगों ने लकड़ी और कोयले की खरीदारी कम की है.

नैनीताल: पारा चढ़ते ही ब्लोअर, हीटर, गीजर का बाजार गर्म हो गया है. इसके साथ ही ऊनी कपड़ों की भी खरीदारी बढ़ गई है. शहर में मौसम का मिजाज बदलने के बाद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की डिमांड बढ़ गई है. बढ़ी डिमांड के कारण लोगों को हीटर लेने के लिए खासी मश्क्कत करनी पड़ रही है.

उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिसके कारण बाजारों में हीटर की मांग बढ़ गई है. पिछले सालों की अपेक्षा इस साल करीब हिटर के कारोबार में 40% की बढ़ोतरी देखने को मिली है. जिसके कारण अब बाजार में हीटरों की कमी होने लगी है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पारा गिरते ही बढ़ने लगी हीटरों की मांग

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जहां एक तरफ बाजार में हीटरों की चमक बढ़ने लगी है तो वहीं दूसरी तरफ हिटरों की वजह से लकड़ी और कोयले का कारोबार घटने लगा है. बीते करीब 10 साल पहले नैनीताल और उसके आसपास के क्षेत्रों में लोग ठंड से बचने के लिए लकड़ी और कोयले की खरीदारी के लिए लंबी-लंबी लाइने लगाते थे. लेकिन बदलते समय के साथ-साथ लोगों ने ठंड से पार पाने के लिए नए माध्यम भी ढूंढ लिये हैं. वन विकास निगम की मानें तो पिछले साल की अपेक्षा इस बार करीब 50% से अधिक लोगों ने लकड़ी और कोयले की खरीदारी कम की है.

Intro:Thand specal..

Summry

उत्तर भारत में पड़ रही कड़ाके की ठंड से हीटर कारोबार में आया उछाल।

Intro

उत्तर भारत में पड़ी कड़ाके की ठंड के बाद हीटर कारोबार में तेजी से उछाल आ रहा है, पिछले सालों की अपेक्षा इस साल करीब हिटर कारोबार में 40% की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है जिससे हिटर कारोबारी काफी खुश नजर आ रहे हैं, यही कारण है कि नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में हीटर की कमी होने लगी है।




Body:इन दिनों उत्तर भारत समेत नैनीताल में पड़ रही कड़ाके की ठंड की वजह से हीटर कारोबार में एकदम बढ़ोतरी देखने को मिली है आलम यह है कि बाजारों में हीटर की कमी होने लगी है जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वही हीटर कारोबारीयो द्वारा भी बाजार में तरह-तरह के खूबसूरत हीटर के मॉडल लाए गए हैं जिनको लोग जमकर खरीद रहे हैं हीटर व्यवसायियों की मानें तो पिछले साल की अपेक्षा इस बार हीटर की खरीदारी में करीब 30% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
इसी को देखते दे बाजार में ऑयल हिटर,कार्बन हीटर,गैस हिटर,
कुटर्स हीटर, हैलोजन हीटर समेत विभिन्न प्रकार के हिटर और ब्लोवर बाजार में उपलब्ध है जिनकी कीमत करीब 350 से लेकर 15 हजार तक है जो लोगों को ठंड से बचाने के लिए विभिन्न प्रकार के आकर्षक हीटर बाजार में उपलब्ध है।

बाईट- अभिषेक तिवारी, हिटर कारोबारी।


Conclusion:जहां एक तरफ बाजार में हीटरों की चमक बढ़ने लगी है तो वहीं दूसरी तरफ हिटरो की वजह से लकड़ी और कोयले का कारोबार घटने लगा है, बीते करीब 10 साल पहले नैनीताल और उसके आसपास के क्षेत्रों में लोग ठंड से बचने के लिए लकड़ी और कोयले की खरीदारी के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़े रहते थे लेकिन बदलते समय के साथ साथ लोग ने ठंड को दूर रखने का नया माध्यम भी ढूंढ लिया है,,
वन विकाश निगम की माने तो पिछले साल की अपेक्षा इस बार करीब 50% से अधिक लोगों ने लकड़ी और कोयले की खरीदारी कम की है, और उनके द्वारा केवल नैनीताल के विभिन्न क्षेत्रों में अलाव जलाने के लिए और श्मशान घाट के लिए लकड़िया दी जा रही है।

बाईट- किशन सिंह नेगी, इंचार्ज लकड़ीटाल नैनीताल
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