नैनीताल: नवंबर 2019 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (इसरो) की टीम ने नैनी झील का सर्वे किया था. जिसकी रिपोर्ट आज इसरो की टीम ने जिला प्रशासन को सौंपी दी है. इसरो की इस रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इसरो की टीम के अनुसार सर्वे में पाया गया है कि नैनी झील की गहराई लगातार घट रही है, जोकि आने वाले समय में बेहद ही खतरनाक साबित हो सकती है.
नैनी झील का घटता जलस्तर और झील की गहराई को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है. इसी के चलते नवंबर महीने में जिला प्रशासन की टीम ने झील के सर्वे के लिए इसरो की टीम को बुलाया था. सोमवार को इसरो की टीम ने झील को लेकर जो रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी है वह और चिंता बढ़ाने वाली है.
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इसरो की रिपोर्ट में साफ हो गया है कि नैनी झील की गहराई लगातार घट रही है. प्रशासन को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर नैनीताल की झील में लगातार मलबा बढ़ रहा है. जिससे झील की गहराई कई स्थानों पर 9 से लेकर 13 मीटर, 15 से 17 मीटर रह गई है. जबकि झील की सबसे अधिक गहराई 24 मीटर है.
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इसरो की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए डीएम सविन बंसल ने बताया कि झील में बढ़ रही गंदगी, धुलाई और सीवरेज के जाने से पानी की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है. इससे झील के कई स्थानों पर ऑक्सीजन लेवल खत्म होने लगा है, जो आने वाले समय के लिए खतरनाक है.
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डीएम ने बताया कि झील के संरक्षण और इको सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए यूनाइटेड नेशन की टीम के साथ करार किया गया है. ये टीम झील के अंदर चल रहे घटनाक्रम की रिपोर्ट पेश करेगी, ताकि आने वाले समय में झील को संरक्षित करने के लिए कदम उठाए जा सके.