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नैनी झील पर मंडरा रहा खतरा, इसरो की सर्वे रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

सोमवार को इसरो की टीम ने झील को लेकर जो रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी है वह और चिंता बढ़ाने वाली है. इसरो की इस रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इसरो की टीम के अनुसार सर्वे में पाया गया है कि नैनी झील की गहराई लगातार घट रही है.

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नैनी झील पर मंडरा रहा खतरा
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Published : Feb 10, 2020, 11:17 PM IST

नैनीताल: नवंबर 2019 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (इसरो) की टीम ने नैनी झील का सर्वे किया था. जिसकी रिपोर्ट आज इसरो की टीम ने जिला प्रशासन को सौंपी दी है. इसरो की इस रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इसरो की टीम के अनुसार सर्वे में पाया गया है कि नैनी झील की गहराई लगातार घट रही है, जोकि आने वाले समय में बेहद ही खतरनाक साबित हो सकती है.

नैनी झील का घटता जलस्तर और झील की गहराई को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है. इसी के चलते नवंबर महीने में जिला प्रशासन की टीम ने झील के सर्वे के लिए इसरो की टीम को बुलाया था. सोमवार को इसरो की टीम ने झील को लेकर जो रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी है वह और चिंता बढ़ाने वाली है.

नैनी झील पर मंडरा रहा खतरा

पढ़ें-नई तकनीक के 'चक्की' में पिस गई घराट, विलुप्त होने के कगार पर 'अमीर विरासत'

इसरो की रिपोर्ट में साफ हो गया है कि नैनी झील की गहराई लगातार घट रही है. प्रशासन को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर नैनीताल की झील में लगातार मलबा बढ़ रहा है. जिससे झील की गहराई कई स्थानों पर 9 से लेकर 13 मीटर, 15 से 17 मीटर रह गई है. जबकि झील की सबसे अधिक गहराई 24 मीटर है.

पढ़ें-मनेरी झील में बोटिंग का आगाज, जानिए कैसे मिलेगा युवतियों को रोजगार

इसरो की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए डीएम सविन बंसल ने बताया कि झील में बढ़ रही गंदगी, धुलाई और सीवरेज के जाने से पानी की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है. इससे झील के कई स्थानों पर ऑक्सीजन लेवल खत्म होने लगा है, जो आने वाले समय के लिए खतरनाक है.

पढ़ें-कॉर्बेट टाइगर पार्क में जल्द नजर आएंगे गैंडे, सरकार ने तेज की कवायद

डीएम ने बताया कि झील के संरक्षण और इको सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए यूनाइटेड नेशन की टीम के साथ करार किया गया है. ये टीम झील के अंदर चल रहे घटनाक्रम की रिपोर्ट पेश करेगी, ताकि आने वाले समय में झील को संरक्षित करने के लिए कदम उठाए जा सके.

नैनीताल: नवंबर 2019 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (इसरो) की टीम ने नैनी झील का सर्वे किया था. जिसकी रिपोर्ट आज इसरो की टीम ने जिला प्रशासन को सौंपी दी है. इसरो की इस रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इसरो की टीम के अनुसार सर्वे में पाया गया है कि नैनी झील की गहराई लगातार घट रही है, जोकि आने वाले समय में बेहद ही खतरनाक साबित हो सकती है.

नैनी झील का घटता जलस्तर और झील की गहराई को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है. इसी के चलते नवंबर महीने में जिला प्रशासन की टीम ने झील के सर्वे के लिए इसरो की टीम को बुलाया था. सोमवार को इसरो की टीम ने झील को लेकर जो रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी है वह और चिंता बढ़ाने वाली है.

नैनी झील पर मंडरा रहा खतरा

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इसरो की रिपोर्ट में साफ हो गया है कि नैनी झील की गहराई लगातार घट रही है. प्रशासन को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर नैनीताल की झील में लगातार मलबा बढ़ रहा है. जिससे झील की गहराई कई स्थानों पर 9 से लेकर 13 मीटर, 15 से 17 मीटर रह गई है. जबकि झील की सबसे अधिक गहराई 24 मीटर है.

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इसरो की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए डीएम सविन बंसल ने बताया कि झील में बढ़ रही गंदगी, धुलाई और सीवरेज के जाने से पानी की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है. इससे झील के कई स्थानों पर ऑक्सीजन लेवल खत्म होने लगा है, जो आने वाले समय के लिए खतरनाक है.

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डीएम ने बताया कि झील के संरक्षण और इको सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए यूनाइटेड नेशन की टीम के साथ करार किया गया है. ये टीम झील के अंदर चल रहे घटनाक्रम की रिपोर्ट पेश करेगी, ताकि आने वाले समय में झील को संरक्षित करने के लिए कदम उठाए जा सके.

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झील नैनीताल की जननी,झील को संरक्षित करना बेहद जरूरी,डीएम

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नवंबर 2019 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (इसरो) की टीम के द्वारा किए गए नैनी झील में करे गए सर्वे के बाद आज इसरो की टीम ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट जिला प्रशासन नैनीताल को सौंपी है, जिसमें बेहद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, इसरो की टीम के अनुसार नैनी झील की गहराई लगातार घट रही है जो आने वाले समय में बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।


Body:नैनी झील के घट रहे जलस्तर समेत झील की गहराई को लेकर जिला प्रशासन गंभीर होता हुआ दिख रहा है, नवंबर माह में इसरो की टीम को जिला प्रशासन के द्वारा नैनीताल बुलाया गया था ताकि पता लग सके आखिर झील पर क्यों संकट के बादल मंडरा रहे हैं, इसके बाद टीम ने झील का सर्वे किया और आज अपनी विस्तृत रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी है टीम की रिपोर्ट के आधार पर नैनीताल की झील में लगातार मलवा बड़ रहा है, जिससे झील के कई स्थानों पर गहराई 9 से लेकर 13 मीटर, 15 से 17 मीटर, जबकि झील की सबसे अधिक गहराई 24 मीटर है।


Conclusion:इसरो की टीम की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए डीएम सविन बंसल ने बताया कि झील में बड़ रही गंदगी, धुलाई का पानी सीवरेज जाने से पानी की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है साथ ही झील के कई स्थानों पर ऑक्सीजन लेवल खत्म होने लगा है जो आने वाले समय के लिए खतरनाक है, वहीं डीएम ने बताया कि झील के संरक्षण और झील के इको सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए उनके द्वारा यूनाइटेड नेशन की टीम के साथ करार करा गया है जो झील के अंदर चल रही घटनाक्रम की रिपोर्ट पेश करेगी कि आखिर झील में क्या चल रहा है और आने वाले समय में झील को संरक्षित करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

बाईट- सविन बंसल, डीएम नैनीताल।
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