नैनीताल: हाईकोर्ट ने वन दारोगा बनने का सपना देख रहे युवाओं को बड़ा झटका दिया है. मुख्य न्यायधीश की खंडपीड ने उत्तराखंड में होने वाली वन दारोगाओं की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम आदेश तक रोक लगा दी है.मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.
बता दें कि वन आरक्षी संघ और वन बीट अधिकारी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने वन दारोगा पदों में सीधी भर्ती के लिए राज्य सरकार द्वारा कराई जा रही सीधी भर्ती प्रक्रिया को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिसमें कहा गया था कि वन विभाग की भर्ती नियमावली 2016 के अनुसार वन दारोगा के 66 फीसदी पद फॉरेस्ट गार्ड को पदोन्नत कर भरे जाएंगे जबकि, शेष पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे. राज्य सरकार ने इस नियमावली में 2018 में संशोधन किया. जिसके अनुसार वन दारोगा के पद पर पदोन्नत होने लिए फॉरेस्ट गार्ड को कम से कम 10 साल की सेवा अनिवार्य कर दी थी.
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इसी के अनुसार वन दारोगा के सभी पदों को सीधी भर्ती से भरा जा रहा है, जो नियमावली के विपरीत है. सरकार द्वारा वन दारोगाओं के पद पर पदोन्नति के लिए फॉरेस्ट गार्ड के रूप में 10 साल की न्यूनतम सेवा की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया है जो असंवैधानिक है. मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने अग्रिम आदेशों तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.