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नैनीताल हाईकोर्ट ने अग्रिम आदेशों तक वन दारोगा भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक

वन आरक्षी संघ और वन बीट अधिकारी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने वन दारोगा पदों में सीधी भर्ती के लिए राज्य सरकार द्वारा कराई जा रही सीधी भर्ती प्रक्रिया को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

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हाईकोर्ट ने सीधी भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक
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Published : Jan 10, 2020, 10:24 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने वन दारोगा बनने का सपना देख रहे युवाओं को बड़ा झटका दिया है. मुख्य न्यायधीश की खंडपीड ने उत्तराखंड में होने वाली वन दारोगाओं की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम आदेश तक रोक लगा दी है.मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

हाईकोर्ट ने सीधी भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक

बता दें कि वन आरक्षी संघ और वन बीट अधिकारी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने वन दारोगा पदों में सीधी भर्ती के लिए राज्य सरकार द्वारा कराई जा रही सीधी भर्ती प्रक्रिया को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिसमें कहा गया था कि वन विभाग की भर्ती नियमावली 2016 के अनुसार वन दारोगा के 66 फीसदी पद फॉरेस्ट गार्ड को पदोन्नत कर भरे जाएंगे जबकि, शेष पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे. राज्य सरकार ने इस नियमावली में 2018 में संशोधन किया. जिसके अनुसार वन दारोगा के पद पर पदोन्नत होने लिए फॉरेस्ट गार्ड को कम से कम 10 साल की सेवा अनिवार्य कर दी थी.

पढ़ें-CM त्रिवेंद्र ने CAA के समर्थन में की जनसभा, कहा- कानून का विरोध करने वाले लोग हुए बेनकाब

इसी के अनुसार वन दारोगा के सभी पदों को सीधी भर्ती से भरा जा रहा है, जो नियमावली के विपरीत है. सरकार द्वारा वन दारोगाओं के पद पर पदोन्नति के लिए फॉरेस्ट गार्ड के रूप में 10 साल की न्यूनतम सेवा की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया है जो असंवैधानिक है. मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने अग्रिम आदेशों तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने वन दारोगा बनने का सपना देख रहे युवाओं को बड़ा झटका दिया है. मुख्य न्यायधीश की खंडपीड ने उत्तराखंड में होने वाली वन दारोगाओं की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम आदेश तक रोक लगा दी है.मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

हाईकोर्ट ने सीधी भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक

बता दें कि वन आरक्षी संघ और वन बीट अधिकारी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने वन दारोगा पदों में सीधी भर्ती के लिए राज्य सरकार द्वारा कराई जा रही सीधी भर्ती प्रक्रिया को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिसमें कहा गया था कि वन विभाग की भर्ती नियमावली 2016 के अनुसार वन दारोगा के 66 फीसदी पद फॉरेस्ट गार्ड को पदोन्नत कर भरे जाएंगे जबकि, शेष पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे. राज्य सरकार ने इस नियमावली में 2018 में संशोधन किया. जिसके अनुसार वन दारोगा के पद पर पदोन्नत होने लिए फॉरेस्ट गार्ड को कम से कम 10 साल की सेवा अनिवार्य कर दी थी.

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इसी के अनुसार वन दारोगा के सभी पदों को सीधी भर्ती से भरा जा रहा है, जो नियमावली के विपरीत है. सरकार द्वारा वन दारोगाओं के पद पर पदोन्नति के लिए फॉरेस्ट गार्ड के रूप में 10 साल की न्यूनतम सेवा की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया है जो असंवैधानिक है. मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने अग्रिम आदेशों तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.

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नैनीताल हाईकोर्ट ने वन दरोगाओं की भर्ती प्रक्रिया पर लगाई अंतरिम रोक।

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उत्तराखंड में होने वाली वन दरोगाओं की भर्ती प्रक्रिया में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश तक रोक लगा दी है जिसके बाद से वन दरोगा बनने का सपना देख रहे युवाओं को बड़ा झटका लगा है सरकार द्वारा वन दरोगाओं की भर्ती प्रक्रिया कराई जा रही है भर्ती प्रक्रिया को वन आरक्षी वन / बीट अधिकारी संघ ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।


Body:आपको बता दें कि वन आरक्षी संघ और वन बीट अधिकारी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र पांडे ने वन दरोगा पदों में सीधी भर्ती के लिए राज्य सरकार द्वारा 18 दिसंबर 2018 को जारी की गई विज्ञप्ति को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें कहा गया है कि वन विभाग की भर्ती नियमावली 2016 के अनुसार वन दरोगा के 66 फ़ीसदी पद फॉरेस्ट गार्ड की पदोन्नति से भरे जाएंगे जबकि शेष पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे, सरकार ने इस नियमावली में 2018 में संशोधित कर वर्षगांठ को वन दरोगा के पद पर पदोन्नत करने के लिए कम से कम 10 वर्ष की सेवा फॉरेस्ट गार्ड पर करने अनिवार्य कर दी थी


Conclusion:लेकिन इस विज्ञप्ति के अनुसार वन दरोगा के सभी पदों को सीधी भर्ती से भरा जा रहा है जो नियमावली के विपरीत है और सरकार द्वारा वन दरोगाओं के पद पर पदोन्नति के लिए फॉरेस्ट गार्ड के रूप में 10 वर्ष की न्यूनतम सेवा की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया है जो असंवैधानिक है, मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने अग्रिम आदेशों तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
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