ऋषिकेश: दुष्कर्म के आरोप में जेल की हवा खा रहे आसाराम को एक और बड़ा झटका लगा है. वन विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब आश्रम खाली करने के लिए आसाराम को तीन महीने का वक्त दिया है. अगर इस समय सीमा में जमीन नहीं खाली हुई तो वन विभाग उसे बल पूर्वक खाली करवाकर उसपर अधिग्रहण करेगा.
दरअसल जेल में सजा काट रहे आसाराम का ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर ब्रम्हपुरी में एक आश्रम है. इस आश्रम को लेकर काफी लंबे समय से विवाद भी चल रहा था. बीते 20 फरवरी को नैनीताल हाईकोर्ट में रेनफॉरेस्ट हाउस निवासी स्टीफन और तृप्ति की शिकायत पर सुनवाई हुई. इसमें वन विभाग की लीज संख्या 59 की जमीन पर आसाराम के आश्रम का कब्जा होने का आरोप लगाया गया.
मामले में हाईकोर्ट ने वन विभाग को भूमि खाली करवाने का आदेश दिया लेकिन अभी तक वन विभाग आसाराम के आश्रम को खाली नहीं करवा पाया है. वहींनरेंद्र नगर उप वन प्रभागीय अधिकारी डीपी बलूनी का कहना है कि आश्रम को नोटिस जारी कर दिया गया है. चुनाव की वजह से पर्याप्त फोर्स नहीं है. इस वजह से आश्रम अभी तक खाली नहीं करवाया जा सका है.
उन्होंने कहा कि आश्रम को तीन महीने के अंदर खाली करने का नोटिस दिया गया है. अगर इस तय समय सीमा में आश्रम खाली नहीं हुआ तो जबरन अधिग्रहण किया जाएगा. वहीं आश्रम संचालकों का कहना है कि मामले में हाईकोर्ट को जो फैसला होगा वो उन्हें मान्य होगा.
आपको बता दें कि नरेंद्र नगर वन प्रभाग का यह मामला 2013 से न्यायालय में चल रहा है. जानकारी के मुताबिक लीज संख्या 59 की भूमि पर आश्रम के अतिक्रमण की शिकायत 2013 में मुख्य वन संरक्षक से की गई थी. इस पर उन्होंने डीएफओ को कार्रवाई के आदेश दिए थे. नोटिस मिलने पर आसाराम आश्रम की ओर से न्यायालय में मामले को ले जाया गया. जिसके बाद न्यायालय ने नोटिस पर रोक लगा दी थी. वन विभाग के अधिवक्ता की पैरवी के बाद कोर्ट ने इस रोक को निरस्त कर दिया था.