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नैनीताल: भारी बारिश और बर्फबारी के बाद भी नहीं भर पाया सूखाताल

देश-दुनिया के सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र नैनीताल की खूबसूरत झील इन दिनों इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रही है. एक दौर में बारह महीने पानी से लबालब भरे रहने वाली नैनी झील में अब पर्याप्त पानी के लाले पड़ गए हैं.

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कठिन दौर से गुजर रहे सरोवर नगरी के ताल
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Published : Feb 2, 2020, 4:38 PM IST

नैनीताल: नैनी झील की केचमेंट झील सूखाताल यानी नैनी झील को रिचार्ज करने वाली झील बारिश और बर्फबारी के बावजूद भी नहीं भर सकी है. जिससे आने वाले गर्मियों के सीजन और अक्टूबर महीने के बाद लोगों के सामने पीने के पानी की समस्या खड़ी हो सकती है. मगर प्रशासन अब तक इस समस्या से बेखबर है.

देश-दुनिया के सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र नैनीताल की खूबसूरत झील इन दिनों इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रही है. एक दौर में बारहों महीने पानी से लबालब भरे रहने वाली नैनी झील में अब पर्याप्त पानी के लाले पड़ गए हैं. इस साल की बरसात बीतने और भारी बर्फबारी के बाद भी सूखाताल और नैनी झील में अभी तक पूरी तरह से पानी नहीं भरा है.

कठिन दौर से गुजर रहे सरोवर नगरी के ताल

पढ़ें-बजट 2020-21 : गांव, गरीब, किसान और रोजगार पर रहा फोकस

सरोवर नगरी नैनीताल की नैनी झील का घटता जलस्तर लंबे समय से स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासन की भी चिंता का सबब बना हुआ है. हर साल नैनी झील में पानी की आपूर्ति के लिए बारिश और बर्फबारी पर ही आश्रित रहना पड़ता है. इस बार नैनीताल में जमकर बारिश और बर्फबारी हुई, बावजूद इसके भी झील को रिचार्ज करने वाली सुखाताल झील में पानी नहीं भर पाया. आज भी सूखाताल झील झील पूरी तरह से सुखी पड़ी है. जो कि आने वाले समय में बड़ी परेशानियों का कारण बन सकता है.

पढ़ें-रोडवेज की बसों में सवारी खतरा-ए-जान, कहीं भी हो जाती हैं खड़ी

सूखाताल झील को नैनीताल झील की धमनी कहा जाता है. सूखाताल से ही नैनीझील में बहार आती है. जिससे यहां सैलानी हर साल खींचे चले आते हैं. परंतु अब सूखाताल पूरी तरह से सूख चुका हैं. जिससे नैनी झील पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. पर्यावरणविद् अजय रावत मानते हैं कि नैनीताल में हो रहे अंधाधुंध अवैध निर्माण, पेड़ों का कटान और झील में मिलने वाली नालियों को बंद करने की वजह से ये नौबत आई है. उन्होंने कहा अगर समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो नैनीताल वासियों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

नैनीताल: नैनी झील की केचमेंट झील सूखाताल यानी नैनी झील को रिचार्ज करने वाली झील बारिश और बर्फबारी के बावजूद भी नहीं भर सकी है. जिससे आने वाले गर्मियों के सीजन और अक्टूबर महीने के बाद लोगों के सामने पीने के पानी की समस्या खड़ी हो सकती है. मगर प्रशासन अब तक इस समस्या से बेखबर है.

देश-दुनिया के सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र नैनीताल की खूबसूरत झील इन दिनों इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रही है. एक दौर में बारहों महीने पानी से लबालब भरे रहने वाली नैनी झील में अब पर्याप्त पानी के लाले पड़ गए हैं. इस साल की बरसात बीतने और भारी बर्फबारी के बाद भी सूखाताल और नैनी झील में अभी तक पूरी तरह से पानी नहीं भरा है.

कठिन दौर से गुजर रहे सरोवर नगरी के ताल

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सरोवर नगरी नैनीताल की नैनी झील का घटता जलस्तर लंबे समय से स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासन की भी चिंता का सबब बना हुआ है. हर साल नैनी झील में पानी की आपूर्ति के लिए बारिश और बर्फबारी पर ही आश्रित रहना पड़ता है. इस बार नैनीताल में जमकर बारिश और बर्फबारी हुई, बावजूद इसके भी झील को रिचार्ज करने वाली सुखाताल झील में पानी नहीं भर पाया. आज भी सूखाताल झील झील पूरी तरह से सुखी पड़ी है. जो कि आने वाले समय में बड़ी परेशानियों का कारण बन सकता है.

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सूखाताल झील को नैनीताल झील की धमनी कहा जाता है. सूखाताल से ही नैनीझील में बहार आती है. जिससे यहां सैलानी हर साल खींचे चले आते हैं. परंतु अब सूखाताल पूरी तरह से सूख चुका हैं. जिससे नैनी झील पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. पर्यावरणविद् अजय रावत मानते हैं कि नैनीताल में हो रहे अंधाधुंध अवैध निर्माण, पेड़ों का कटान और झील में मिलने वाली नालियों को बंद करने की वजह से ये नौबत आई है. उन्होंने कहा अगर समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो नैनीताल वासियों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

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नैनीताल में बारिश और बर्फबारी के बाद भी नहीं भरी नैनीझील की केचमेंट झील सूखाताल।

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नैनी झील की केचमेंट झील सूखाताल झील यानी नैनी झील को रिचार्ज करने वाली झील बारिश और बर्फबारी के बावजूद भी नहीं भर सकी जिससे आने वाले गर्मियों के सीजन समेत अक्टूबर माह के बाद होगी पीने के पानी की किल्लत प्रशासन बेखबर।


Body:विश्व प्रसिद्ध सरोवर नगरी नैनीताल की नैनी झील का घटता जल स्तर लंबे समय से स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासन के लिए भी चिंता का कारण बना हुआ है, हर साल नैनी झील में पानी की आपूर्ति के लिए केवल बारिश और बर्फबारी पर आश्रित रहना पड़ सकता है इस बार नैनीताल में जमकर बारिश और बर्फबारी हुई इसके बावजूद भी रिचार्ज करने वाली सुखताल झील में पानी नहीं भर सका और आज भी झील पूरी तरह से सुखी है जो आने वाले समय में नैनीताल समेत यहां के लोगों के लिए चिंता का बड़ा कारण बन सकती है।

बाईट- अजय रावत, पर्यवरणविद्द।


Conclusion:सुखताल झील को नैनीताल झील का केचमेंट एरिया और नैनी झील की साँस,,, और पहाड़ों को नैनी झील से मिलने वाले नालों को इस झील की धमनियां कहा जाता है क्योंकि बारिश और बर्फबारी के बाद नैनी झील समेत सूखा ताल झील में इन्हीं नालियों यानी धमनियों की वजह से पानी इकट्ठा होता है, और सालभर नैनी झील को पानी मिलता रहता है, मगर बीते कुछ सालों से नैनीताल की सूखा ताल झील पूरी तरह से सूख चुकी है और झील में पानी इकट्टा नहीं हो पा रहा है।
पर्यावरणविद अजय रावत मानते हैं कि नैनीताल में हो रहे अंधाधुन अवैध निर्माण, पेड़ों के कटान और झील में मिलने वाले इन नालियों को बंद करने की वजह से ये नौबत आई है, अगर समय रहते इन नालियों को खोला नहीं गया और नैनीताल से अवैध अतिक्रमण को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में नैनीताल वासियों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

बाईट- अजय रावत, पर्यवरणविद्द।
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