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पद्मश्री प्रीतम भरतवाण को किया गया सम्मानित, पूरी दुनिया है उनके सुरों की कायल - पद्मश्री प्रीतम भरतवाण

पहाड़ों की रानी मसूरी में विभिन्न संस्कृतिकर्मियों और लोक कलाकारों ने पद्मश्री डॉ. प्रीतम भरतवाण को सम्मानित किया.

पद्मश्री प्रीतम भरतवाण को किया गया सम्मानित.
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Published : Mar 27, 2019, 10:16 AM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में विभिन्न संस्कृतिकर्मियों और लोक कलाकारों ने पद्मश्री डॉ. प्रीतम भरतवाण को सम्मानित किया. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि प्रीतम भरतवाण ने देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में भी अपनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया है. वहीं प्रीतम भरतवाण ने कहा कि पहाड़ की संस्कृति को युवाओं तक पहुंचाने के लिए वे आगे भी काम करते रहेंगे.

पद्मश्री प्रीतम भरतवाण को किया गया सम्मानित.

बता दें कि प्रीतम भरतवाण को उत्तराखंड विभूषण भागीरथी पुत्र जागर शिरोमणि सुर सम्राट हिमालयन जैसी कई सम्मान और उपाधियों से सम्मानित किया जा चुका है. प्रीतम भरतवाण ने अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, जर्मनी, मस्कट, ओमान, दुबई समेत कई जगहों पर अपनी आवाज का जादू बिखेरा है.

पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने कहा कि पद्मश्री जैसे गौरवशाली सम्मान से मिलने के बाद वे बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा कि पहाड़ की संस्कृति को बचाने और उसे जन-जन तक पहुंचाने के कार्य वे लगातार जारी रखेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य ढोल दमाऊ को जीवित रखना है. जिसके लिए वे आज की युवा पीढ़ी को पहाड़ की संस्कृति से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं.

वहीं लोक कलाकार अनिल गोदियाल ने बताया कि उत्तराखंड के जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण को न सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि विदेशों में भी लोग जागर सम्राट के नाम से जानते हैं. उन्होंने कहा कि प्रीतम के साथ वे कई सालों से काम कर रहे हैं और उनके साथ काम करके अनोखा आनंद मिलता है. इस मौके पर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता, पूर्व पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल,ओपी उनियाल, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, मसूरी व्यापार मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल सहित कई लोक कलाकार मौजूद रहे.

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में विभिन्न संस्कृतिकर्मियों और लोक कलाकारों ने पद्मश्री डॉ. प्रीतम भरतवाण को सम्मानित किया. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि प्रीतम भरतवाण ने देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में भी अपनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया है. वहीं प्रीतम भरतवाण ने कहा कि पहाड़ की संस्कृति को युवाओं तक पहुंचाने के लिए वे आगे भी काम करते रहेंगे.

पद्मश्री प्रीतम भरतवाण को किया गया सम्मानित.

बता दें कि प्रीतम भरतवाण को उत्तराखंड विभूषण भागीरथी पुत्र जागर शिरोमणि सुर सम्राट हिमालयन जैसी कई सम्मान और उपाधियों से सम्मानित किया जा चुका है. प्रीतम भरतवाण ने अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, जर्मनी, मस्कट, ओमान, दुबई समेत कई जगहों पर अपनी आवाज का जादू बिखेरा है.

पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने कहा कि पद्मश्री जैसे गौरवशाली सम्मान से मिलने के बाद वे बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा कि पहाड़ की संस्कृति को बचाने और उसे जन-जन तक पहुंचाने के कार्य वे लगातार जारी रखेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य ढोल दमाऊ को जीवित रखना है. जिसके लिए वे आज की युवा पीढ़ी को पहाड़ की संस्कृति से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं.

वहीं लोक कलाकार अनिल गोदियाल ने बताया कि उत्तराखंड के जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण को न सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि विदेशों में भी लोग जागर सम्राट के नाम से जानते हैं. उन्होंने कहा कि प्रीतम के साथ वे कई सालों से काम कर रहे हैं और उनके साथ काम करके अनोखा आनंद मिलता है. इस मौके पर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता, पूर्व पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल,ओपी उनियाल, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, मसूरी व्यापार मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल सहित कई लोक कलाकार मौजूद रहे.

Intro:मसूरी में पदम श्री का सम्मान
रिपोर्टर सुनील सोनकर
एंकर वीओ
मसूरी में विभिन्न संस्कृति कर्मियों और लोक कलाकारों द्वारा पद्मश्री डॉ प्रीतम भरतवाण का मसूरी के होटल में आयोजित सम्मान समारोह में सम्मान किया गया इस मौके पर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता पूर्व पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल,ओपी उनियाल ,पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला,मसूरी व्यापार मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल सहित लोक कलाकारों और रंग कर्मियों ने पदम श्री प्रीतम भरतवाण को पुष्प गुच्छ और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया इस मौके पर वक्ताओं ने प्रीतम भरतवाण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रीतम द्वारा आज पूरे देश में हीनहीं विश्व में अपनी संस्कृति और ढोल दबाव के प्रचार-प्रसार के साथ संरक्षण करने के लिए लगातार कार्य किया गया है वही अपनी आवाज के जादू से सभी के दिलों में अपनी जगह बनाई है पत्रकारों से वार्ता करते हुए पद्मश्री ने कहा कि पद्मश्री जेसे गौरवशाली सम्मान से सम्मानित होने के बाद बहुत खुश है और पहाड़ की संस्कृति को बचाने और उस को जन-जन तक पहुंचाने के कार्य को वह लगातार जारी रखेंगे वह लोकगीतों के माध्यम से वह आज की युवा पीढ़ी को पहाड़ की संस्कृति से जोड़ने का प्रयास करेंगे जिससे प्रदेश की युवा अपनी संस्कृति को ना भूले उन्होंने कहा कि उनका मुख्य देश ढोल दमाऊ को जीवित रखना है जिसके लिए वह लगातार प्रयास करते रहेंगे


Body:लोक कलाकार अनिल गोदियाल ने बताया कि उत्तराखंड के जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण को ना सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि विदेशों में भी लोग जागर सम्राट के नाम से जानते हैं उन्होंने कहा कि प्रीतम के साथ व कई सालों से काम कर रहे हैं वह उनके साथ काम करके अनोखा ही आनंद मिलता है वह जब वह जागर गाते हैं तो पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है वह देवी देवता भी धरती पर अवतरित हो जाते हैं ओर यहीं कारण है कि प्रीतम को जागर सम्राट कहा जाता है उन्होंने बताया नकी प्रीतम को सबसे ज्यादा पॉपुलर कि उनको सरूली मेरु जिया लगी गोडसे मिली उन्होंने बताया कि प्रीतम अब तक 50 से अधिक एल्बम वह 3:30 सौ से अधिक गीत गा चुके हैं


Conclusion:प्रीतम भरतवाण को उनकी आवाज और हुनर के लिए कई अवार्ड भी मिल चुके हैं और अक्सर वह विदेशों में भी अपनी इसी प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं अमेरिका इंग्लैंड कनाडा जर्मनी मस्कट ओमान दुबई समेत कई अन्य स्थानों पर मंच पर लाइव प्रस्तुति दे चुके हैं पूरे उत्तराखंड को उन पर गर्व है प्रीतम भरतवाण को उत्तराखंड विभूषण भागीरथी पुत्र जागर शिरोमणि सुर सम्राट हिमालयन जैसी कई सम्मान और उपाधियों से विभूषित किया जा चुका है
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